Second Chandra Grahan 2025: कब लगेगा साल का दूसरा चंद्र ग्रहण! जानें सूतक काल और क्या करें क्या नहीं!
Chandra Grahan 2025: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य या चंद्र ग्रहण लगना बेहद महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है. हिंदू धर्म में ग्रहण का विशेष महत्व होता है. कहा जाता है कि ग्रहण का प्रभाव लोगों के जीवन पर सीधा पड़ता है. सितंबर 2025 में दो ग्रहण लगने जा रहे हैं. एक सूर्य ग्रहण और दूसरा चंद्र ग्रहण. चंद्र ग्रहण भाद्रपद पूर्णिमा को 7 सितंबर 2025 रविवार के दिन रात 9:57 मिनट से लेकर अगले दिन 8 सितंबर के दिन 1 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा. इसका सूतक काल 12 घंटे पहले ही लग जाएगा, जो दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगा. खगोलशास्त्र के मुताबिक चंद्र ग्रहण तब लगता है, जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है या दूसरे शब्दों में कहें तो जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीधी रेखा में होते हैं. जिसके कारण चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया दिखाई देती है. खगोलीय घटना में इसे ही चंद्र ग्रहण कहते हैं. ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण का अर्थवैदिक ज्योतिष के मुताबिक ग्रहण राहु और केतु के कारण लगता है. जब चंद्रमा इन छाया ग्रहों (राहु-केतु) के समीप पहुंचता है और सूर्य के विपरीत होता है, तो चंद्र ग्रहण लगता है. पुराणों के मुताबिक समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला तो राहु ने धोखे से अमृत पी लिया था, जिसके बाद श्रीविष्णु ने उसका सिर धड़ से अलग कर दिया था, लेकिन वो फिर भी अमर हो गया था. तब से राहु और केतु सूर्य-चंद्रमा को निगलते हैं, जिस कारण ग्रहण लगता है. चंद्र ग्रहण 2025 क्या ना करें (Chandra Grahan 2025 Don'ts) चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को चाकू और कैंची का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. इस दौरान बाहन घूमना सही नहीं माना जाता है. चंद्रग्रहण के दौरान भोजन करने की भी मनाही होती है. किसी से भी अधिक बोलना या बातचीत करने से बचना चाहिए. इस दौरान शारीरिक संबंध भी नहीं बनाना चाहिए. चंद्र ग्रहण 2025 क्या करें? चंद्र ग्रहण के दौरान अधिक से अधिक भजन करना चाहिए. ग्रहण के दौरान ईश्वर का भजन और नाम जप करने से आध्यात्मिक शाक्ति की प्राप्ति होती है. इस समय गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को इस समय अपने पास नारियल रखना चाहिए. खाने-पीने की सामग्री में कुश या तुलसी का पत्ता पहले ही रख देना चाहिए. Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Chandra Grahan 2025: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य या चंद्र ग्रहण लगना बेहद महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है. हिंदू धर्म में ग्रहण का विशेष महत्व होता है. कहा जाता है कि ग्रहण का प्रभाव लोगों के जीवन पर सीधा पड़ता है. सितंबर 2025 में दो ग्रहण लगने जा रहे हैं. एक सूर्य ग्रहण और दूसरा चंद्र ग्रहण.
चंद्र ग्रहण भाद्रपद पूर्णिमा को 7 सितंबर 2025 रविवार के दिन रात 9:57 मिनट से लेकर अगले दिन 8 सितंबर के दिन 1 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा. इसका सूतक काल 12 घंटे पहले ही लग जाएगा, जो दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगा.
खगोलशास्त्र के मुताबिक चंद्र ग्रहण तब लगता है, जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है या दूसरे शब्दों में कहें तो जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीधी रेखा में होते हैं. जिसके कारण चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया दिखाई देती है. खगोलीय घटना में इसे ही चंद्र ग्रहण कहते हैं.
ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण का अर्थ
वैदिक ज्योतिष के मुताबिक ग्रहण राहु और केतु के कारण लगता है. जब चंद्रमा इन छाया ग्रहों (राहु-केतु) के समीप पहुंचता है और सूर्य के विपरीत होता है, तो चंद्र ग्रहण लगता है.
पुराणों के मुताबिक समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला तो राहु ने धोखे से अमृत पी लिया था, जिसके बाद श्रीविष्णु ने उसका सिर धड़ से अलग कर दिया था, लेकिन वो फिर भी अमर हो गया था. तब से राहु और केतु सूर्य-चंद्रमा को निगलते हैं, जिस कारण ग्रहण लगता है.
चंद्र ग्रहण 2025 क्या ना करें (Chandra Grahan 2025 Don'ts)
- चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को चाकू और कैंची का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए.
- इस दौरान बाहन घूमना सही नहीं माना जाता है.
- चंद्रग्रहण के दौरान भोजन करने की भी मनाही होती है.
- किसी से भी अधिक बोलना या बातचीत करने से बचना चाहिए.
- इस दौरान शारीरिक संबंध भी नहीं बनाना चाहिए.
चंद्र ग्रहण 2025 क्या करें?
- चंद्र ग्रहण के दौरान अधिक से अधिक भजन करना चाहिए.
- ग्रहण के दौरान ईश्वर का भजन और नाम जप करने से आध्यात्मिक शाक्ति की प्राप्ति होती है.
- इस समय गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए.
- गर्भवती महिलाओं को इस समय अपने पास नारियल रखना चाहिए.
- खाने-पीने की सामग्री में कुश या तुलसी का पत्ता पहले ही रख देना चाहिए.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
What's Your Reaction?






