Rahu Ketu Gochar 2025: खतरा अभी टला नहीं! 18 मई को राहु-केतु का गोचर भारत-पाक तनाव बढ़ा सकता है?

Rahu Ketu Gochar 2025: बड़े ग्रहों की चाल में बड़ा परिवर्तन दिखाई दे रहा है, शनि की चाल बदल चुकी है, इसके बाद गुरु ने भी राशि बदली है. अब दो पाप ग्रह राहु-केतु भी राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं. ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या सच में कुछ बड़ा होने वाला है? ज्योतिष के अनुसार जब भी कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है तो उसका प्रभाव व्यापक लेवल पर देखने को मिलता है. ग्रहों की चाल सिर्फ इंसानों को ही प्रभावित नहीं करती है बल्कि देश-दुनिया पर भी असर छोड़ती है. यही कारण है कि जब भी कोई ग्रह राशि बदलता है तो पूरी दुनिया में उसके अच्छे-बुरे प्रभाव देखने को मिलते हैं.  शनि, गुरु के बाद अब राहु-केतु की चाल में परिवर्तन होने जा रहा है. ज्योतिष में इन दोनों ही ग्रहों का रहस्मय और मायावी ग्रह के तौर पर पेश किया गया है, वर्तमान में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चल रहा है, ये गोचर इस तनाव को कम करेगा या आग में घी का काम करेगा इसके साथ ही देश-दुनिया में किस तरह की हलचल देखने को मिलेंगी, समझते हैं. भारत-पाक की बीच बढ़ेगा तनाव या फिर आएगा एक नया मोड़?राहु का गोचर कुंभ में होने से तकनीकी युद्ध और गुप्त साजिशों के संकेत मिल रहे हैं. ऐसा माना जाता है कि राहु जब भी कुंभ राशि में गोचर करता है, तो यह नए प्रकार के युद्ध, जैसे साइबर हमले, तकनीकी जासूसी और सैटेलाइट निगरानी को बढ़ावा देता है. क्योंकि राहु छिपी हुई चीजों का कारक है. इसी कारण इसे छाया ग्रह भी कहा गया है. भारत की कुंडली वृषभ लग्न की है, जिसके दशम भाव में कुंभ राशि है जो सत्ता, सरकार और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर गहरे प्रभाव को दिखाता है. पाकिस्तान की कुंडली मेष लग्न की है, जिसमें कुंभ राशि एकादश भाव में है, यानी मित्र देशों से धोखा या बाहरी दबाव.  ज्योतिष ग्रंथ बृहत संहिता के अनुसार 'राहुर्वायुराशौ स्थितः राजभेदं जनयति.' यानि राहु जब वायु राशि में आता है तो शासकों में अविश्वास और अंतरराष्ट्रीय तनाव बढ़ता है. 18 मई 2025 के बाद ऐसी स्थितियों के निर्माण की प्रबल संभावनाएं दिखाई दे रही हैं. केतु का गोचर सिंह राशि में, लीडरशिप पर ग्रहण!ज्योतिष विद्वानों का मत है कि केतु जब सिंह राशि में आता है तो सत्ता की परीक्षा लेता है. इस समय किसी देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या सेना प्रमुख को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है. ज्योतिष ग्रंथ जातक पारिजात के अनुसार 'केतु सिंहस्थो बलिनां क्षयं करोति.' यानी शक्तिशाली लोगों का पतन संभव है. ये समय शक्तिशाली लोगों के लिए चुनौती पूर्ण साबित हो सकता है. सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों को अचानक आने वाली समस्याओं जूझना पड़ता है. शेयर बाजार पर प्रभावगुरु जब मिथुन राशि में होता है, तो वह निवेश, बुद्धि और विचार प्रक्रिया को प्रभावित करता है. वर्तमान समय में गुरु का गोचर मिथुन राशि में है ऐसे में ऐसी स्थितियों का निर्माण हो सकता है. इसलिए निवेशकों का अधिक सतर्क रहना चाहिए. बाजार में अनिश्चितता और अफवाहों का दौर देखने को मिल सकता है. बुध की राशि में गुरु का गोचर IT, कम्युनिकेशन और टेक्नोलॉजी सेक्टर में अस्थिरता ला सकता है. मिथुन राशि का स्वामी बुध है जो इन सब का कारक माना जाता है. 20 से 25 मई के बीच अचानक गिरावट या गलत खबरों से बाजार घबरा सकता है. बृहत जातक के अनुसार 'गुरुर्मिथुनस्थः भ्रमं ददाति.' इस अर्थ ये है कि मिथुन राशि का गुरु निवेशकों को भ्रमित कर सकता है. पाप ग्रह का राशि परिवर्तन दुनिया को करेगा प्रभावित?राहु-केतु का गोचर पूरी दुनिया को प्रभावित करेगा. ये राशि परिवर्तन गहरे बदलाव का कारक बन सकता है. आने वाले समय में यूनाइटेड नेशन्स या नाटो जैसी वैश्विक संस्थाओं पर सवाल खड़े कर सकता है. किसी बड़े देश में सरकारी प्रणाली या सैन्य नेतृत्व का संकट खड़ा हो सकता है. यही नहीं पाप ग्रहों का गोचर टेक्नोलॉजी और डेटा लीक से जुड़े किसी बड़े विवाद को जन्म दे सकता है. AI या स्पेस से जुड़ी कोई नई नीति या घोटाला सामने आ सकता है. कालामृतम् शास्त्र के अनुसार 'केतु सिंहस्थो यदा भवति, क्षात्रगौरवविनाशः.' अर्थात जब केतु सिंह राशि में हो तो सैन्य नेतृत्व या सम्मान का नाश होता है. आम लोगों पर राहु-केतु के गोचर का क्या असर होगा?इस गोचर का प्रभाव सभी पर देखने को मिलेगा. आम नागरिक भी इससे प्रभावित होंगे. जिस कारण इनकी वाणी में अहंकार और भ्रम देखने मको मिल सकता है. इसलिए बोलने से पहले विचार अवश्य करें, नहीं तो नुकसान संभव है, सोच-समझकर ही राय दें. 18 मई 2025 से केतु सिंह राशि में प्रवेश करेगा जिस कारण से अहंकार और आत्माभिमान की भावना से बचना होगा, नहीं तो करीबी रिश्ते टूट सकते हैं. रहस्य ग्रंथ के अनुसार 'राहु केतु योगे सत्यासत्यं न स्पष्टते.' इस समय सच और झूठ में फर्क करना कठिन हो जाता है.  राहु-केतु गोचर, क्या सच में कुछ बड़ा होगा?इसका उत्तर हां है, 18 मई 2025 के बाद घटनाओं में अचानक तेजी देखने को मिलेगी. लेकिन ये एक दिन में नहीं, धीरे-धीरे और गहराई से असर डालने वाला परिवर्तन होगा. भारत-पाक के बीच पर नये टकराव की स्थिति देखने को मिल सकती है. शेयर बाजार में तकनीकी कंपनियों का प्रभाव देखने को मिल सकता है. विश्व नेतृत्व में उथल-पुथल. सत्ता संघर्ष और मीडिया में नए खुलासे देखने को मिल सकते हैं. यहां समझना होगा कि ज्योतिष केवल भविष्यवाणी का माध्यम नहीं है, बल्कि सचेत भी करता है. राहु-केतु का गोचर भ्रम को छोड़कर विवेक से निर्णय लेने की प्रेरणा देता है. इसे कभी नहीं भूलना चाहिए.

May 16, 2025 - 11:30
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Rahu Ketu Gochar 2025: खतरा अभी टला नहीं! 18 मई को राहु-केतु का गोचर भारत-पाक तनाव बढ़ा सकता है?

Rahu Ketu Gochar 2025: बड़े ग्रहों की चाल में बड़ा परिवर्तन दिखाई दे रहा है, शनि की चाल बदल चुकी है, इसके बाद गुरु ने भी राशि बदली है. अब दो पाप ग्रह राहु-केतु भी राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं. ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या सच में कुछ बड़ा होने वाला है?

ज्योतिष के अनुसार जब भी कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है तो उसका प्रभाव व्यापक लेवल पर देखने को मिलता है. ग्रहों की चाल सिर्फ इंसानों को ही प्रभावित नहीं करती है बल्कि देश-दुनिया पर भी असर छोड़ती है. यही कारण है कि जब भी कोई ग्रह राशि बदलता है तो पूरी दुनिया में उसके अच्छे-बुरे प्रभाव देखने को मिलते हैं. 

शनि, गुरु के बाद अब राहु-केतु की चाल में परिवर्तन होने जा रहा है. ज्योतिष में इन दोनों ही ग्रहों का रहस्मय और मायावी ग्रह के तौर पर पेश किया गया है, वर्तमान में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चल रहा है, ये गोचर इस तनाव को कम करेगा या आग में घी का काम करेगा इसके साथ ही देश-दुनिया में किस तरह की हलचल देखने को मिलेंगी, समझते हैं.

भारत-पाक की बीच बढ़ेगा तनाव या फिर आएगा एक नया मोड़?
राहु का गोचर कुंभ में होने से तकनीकी युद्ध और गुप्त साजिशों के संकेत मिल रहे हैं. ऐसा माना जाता है कि राहु जब भी कुंभ राशि में गोचर करता है, तो यह नए प्रकार के युद्ध, जैसे साइबर हमले, तकनीकी जासूसी और सैटेलाइट निगरानी को बढ़ावा देता है. क्योंकि राहु छिपी हुई चीजों का कारक है. इसी कारण इसे छाया ग्रह भी कहा गया है.

भारत की कुंडली वृषभ लग्न की है, जिसके दशम भाव में कुंभ राशि है जो सत्ता, सरकार और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर गहरे प्रभाव को दिखाता है. पाकिस्तान की कुंडली मेष लग्न की है, जिसमें कुंभ राशि एकादश भाव में है, यानी मित्र देशों से धोखा या बाहरी दबाव. 

ज्योतिष ग्रंथ बृहत संहिता के अनुसार 'राहुर्वायुराशौ स्थितः राजभेदं जनयति.' यानि राहु जब वायु राशि में आता है तो शासकों में अविश्वास और अंतरराष्ट्रीय तनाव बढ़ता है. 18 मई 2025 के बाद ऐसी स्थितियों के निर्माण की प्रबल संभावनाएं दिखाई दे रही हैं.

केतु का गोचर सिंह राशि में, लीडरशिप पर ग्रहण!
ज्योतिष विद्वानों का मत है कि केतु जब सिंह राशि में आता है तो सत्ता की परीक्षा लेता है. इस समय किसी देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या सेना प्रमुख को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है.

ज्योतिष ग्रंथ जातक पारिजात के अनुसार 'केतु सिंहस्थो बलिनां क्षयं करोति.' यानी शक्तिशाली लोगों का पतन संभव है. ये समय शक्तिशाली लोगों के लिए चुनौती पूर्ण साबित हो सकता है. सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों को अचानक आने वाली समस्याओं जूझना पड़ता है.

शेयर बाजार पर प्रभाव
गुरु जब मिथुन राशि में होता है, तो वह निवेश, बुद्धि और विचार प्रक्रिया को प्रभावित करता है. वर्तमान समय में गुरु का गोचर मिथुन राशि में है ऐसे में ऐसी स्थितियों का निर्माण हो सकता है.

इसलिए निवेशकों का अधिक सतर्क रहना चाहिए. बाजार में अनिश्चितता और अफवाहों का दौर देखने को मिल सकता है. बुध की राशि में गुरु का गोचर IT, कम्युनिकेशन और टेक्नोलॉजी सेक्टर में अस्थिरता ला सकता है.

मिथुन राशि का स्वामी बुध है जो इन सब का कारक माना जाता है. 20 से 25 मई के बीच अचानक गिरावट या गलत खबरों से बाजार घबरा सकता है. बृहत जातक के अनुसार 'गुरुर्मिथुनस्थः भ्रमं ददाति.' इस अर्थ ये है कि मिथुन राशि का गुरु निवेशकों को भ्रमित कर सकता है.

पाप ग्रह का राशि परिवर्तन दुनिया को करेगा प्रभावित?
राहु-केतु का गोचर पूरी दुनिया को प्रभावित करेगा. ये राशि परिवर्तन गहरे बदलाव का कारक बन सकता है. आने वाले समय में यूनाइटेड नेशन्स या नाटो जैसी वैश्विक संस्थाओं पर सवाल खड़े कर सकता है.

किसी बड़े देश में सरकारी प्रणाली या सैन्य नेतृत्व का संकट खड़ा हो सकता है. यही नहीं पाप ग्रहों का गोचर टेक्नोलॉजी और डेटा लीक से जुड़े किसी बड़े विवाद को जन्म दे सकता है. AI या स्पेस से जुड़ी कोई नई नीति या घोटाला सामने आ सकता है.

कालामृतम् शास्त्र के अनुसार 'केतु सिंहस्थो यदा भवति, क्षात्रगौरवविनाशः.' अर्थात जब केतु सिंह राशि में हो तो सैन्य नेतृत्व या सम्मान का नाश होता है.

आम लोगों पर राहु-केतु के गोचर का क्या असर होगा?
इस गोचर का प्रभाव सभी पर देखने को मिलेगा. आम नागरिक भी इससे प्रभावित होंगे. जिस कारण इनकी वाणी में अहंकार और भ्रम देखने मको मिल सकता है. इसलिए बोलने से पहले विचार अवश्य करें, नहीं तो नुकसान संभव है, सोच-समझकर ही राय दें.

18 मई 2025 से केतु सिंह राशि में प्रवेश करेगा जिस कारण से अहंकार और आत्माभिमान की भावना से बचना होगा, नहीं तो करीबी रिश्ते टूट सकते हैं. रहस्य ग्रंथ के अनुसार 'राहु केतु योगे सत्यासत्यं न स्पष्टते.' इस समय सच और झूठ में फर्क करना कठिन हो जाता है. 

राहु-केतु गोचर, क्या सच में कुछ बड़ा होगा?
इसका उत्तर हां है, 18 मई 2025 के बाद घटनाओं में अचानक तेजी देखने को मिलेगी. लेकिन ये एक दिन में नहीं, धीरे-धीरे और गहराई से असर डालने वाला परिवर्तन होगा. भारत-पाक के बीच पर नये टकराव की स्थिति देखने को मिल सकती है.

शेयर बाजार में तकनीकी कंपनियों का प्रभाव देखने को मिल सकता है. विश्व नेतृत्व में उथल-पुथल. सत्ता संघर्ष और मीडिया में नए खुलासे देखने को मिल सकते हैं.

यहां समझना होगा कि ज्योतिष केवल भविष्यवाणी का माध्यम नहीं है, बल्कि सचेत भी करता है. राहु-केतु का गोचर भ्रम को छोड़कर विवेक से निर्णय लेने की प्रेरणा देता है. इसे कभी नहीं भूलना चाहिए.

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