Pradosh Vrat 2025: भादों में प्रदोष व्रत कब-कब है ? नोट करें डेट
Bhadrapad Pradosh Vrat 2025: हर तरह के के दोषों से मुक्ति पाने के लिए सालभर में 24 प्रदोष व्रत किए जाते हैं. इस साल भादों में बुध और शुक्र प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है. भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत 20 अगस्त और दूसरा 5 सितंबर को रहेगा. प्रदोष व्रत शिव जी को समर्पित है. ऐसे में महादेव को प्रसन्न करने के लिए हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष काल में शिवलिंग का जलाभिषेक करना चाहिए. प्रदोष व्रत क्यों करते हैं ? प्रदोष व्रत भोलेनाथ की कृपा से भक्तों के काम बनते हैं और उनका कृपा प्राप्त होती है. साथ ही शादीशुदा जिंदगी में प्रेम, सामंजस्य और मधुरता बनी रहती है. साथ ही जो लोग सोम प्रगदोष व्रत रखते हैं उनको मानसिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है. भाद्रपद प्रदोष व्रत 2025 में कब-कब ? बुध प्रदोष व्रत - भादों का पहला बुध प्रदोष व्रत 20 अगस्त 2025 को रहेगा. भादों कृष्ण त्रयोदशी तिथि 20 अगस्त को दोपहर 1.58 पर शुरू होगी और अगले दिन 21 अगस्त को दोपहर 12.44 पर समाप्त होगी. पूजा मुहूर्त - शाम 6.56 - रात 9.07 शुक्र प्रदोष व्रत - भादों का दूसरा शुक्र प्रदोष व्रत 5 सितंबर 2025 को रहेगा. भादों शुक्ल त्रयोदशी तिथि 5 सितंबर को सुबह 4.08 पर होगी और 6 सितंबर सुबह 3.12 तक रहेगी. पूजा मुहूर्त - शाम 6.38 - रात 8.55 प्रदोष व्रत की पूजा विधि (Pradosh Vrat Vidhi) सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सफेद वस्त्र धारण करें. भोलेनाथ की आराधना करें, बेलपत्र, गंगाजल, अक्षत, धूप, दीप आदि अर्पित करें. प्रदोष काल यानि शाम के समय मुहूर्त भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें. “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना चाहिए. प्रदोष व्रत कथा पढ़ें, भगवान शिव की आरती करें. Hartalika Teej 2025: हरतालिका तीज पर रात्रि जागरण न करने पर क्या होता है ? Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Bhadrapad Pradosh Vrat 2025: हर तरह के के दोषों से मुक्ति पाने के लिए सालभर में 24 प्रदोष व्रत किए जाते हैं. इस साल भादों में बुध और शुक्र प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है. भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत 20 अगस्त और दूसरा 5 सितंबर को रहेगा.
प्रदोष व्रत शिव जी को समर्पित है. ऐसे में महादेव को प्रसन्न करने के लिए हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष काल में शिवलिंग का जलाभिषेक करना चाहिए.
प्रदोष व्रत क्यों करते हैं ?
प्रदोष व्रत भोलेनाथ की कृपा से भक्तों के काम बनते हैं और उनका कृपा प्राप्त होती है. साथ ही शादीशुदा जिंदगी में प्रेम, सामंजस्य और मधुरता बनी रहती है. साथ ही जो लोग सोम प्रगदोष व्रत रखते हैं उनको मानसिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है.
भाद्रपद प्रदोष व्रत 2025 में कब-कब ?
बुध प्रदोष व्रत - भादों का पहला बुध प्रदोष व्रत 20 अगस्त 2025 को रहेगा. भादों कृष्ण त्रयोदशी तिथि 20 अगस्त को दोपहर 1.58 पर शुरू होगी और अगले दिन 21 अगस्त को दोपहर 12.44 पर समाप्त होगी.
- पूजा मुहूर्त - शाम 6.56 - रात 9.07
शुक्र प्रदोष व्रत - भादों का दूसरा शुक्र प्रदोष व्रत 5 सितंबर 2025 को रहेगा. भादों शुक्ल त्रयोदशी तिथि 5 सितंबर को सुबह 4.08 पर होगी और 6 सितंबर सुबह 3.12 तक रहेगी.
- पूजा मुहूर्त - शाम 6.38 - रात 8.55
प्रदोष व्रत की पूजा विधि (Pradosh Vrat Vidhi)
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सफेद वस्त्र धारण करें.
- भोलेनाथ की आराधना करें, बेलपत्र, गंगाजल, अक्षत, धूप, दीप आदि अर्पित करें.
- प्रदोष काल यानि शाम के समय मुहूर्त भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें.
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना चाहिए.
- प्रदोष व्रत कथा पढ़ें, भगवान शिव की आरती करें.
Hartalika Teej 2025: हरतालिका तीज पर रात्रि जागरण न करने पर क्या होता है ?
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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