Pradosh Vrat 2025: कुंभ, मेष और मीन राशि वाले प्रदोष व्रत की रात करें ये दुर्लभ उपाय, लौट आता है छिना हुआ सुख!

Sawan Budh Pradosh Vrat 2025: भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सावन में प्रदोष व्रत की विशेष मान्यता है. इस दिन प्रदोष काल में शिवभक्त पार्थिव शिवलिंग बनाकर महादेव की आराधना करते हैं कहते हैं इस दिन की गई पूजा, पाठ, उपाय जल्द सिद्ध होते हैं. इस व्रत को करने से सारे कष्ट और हर प्रकार के दोष मिट जाते हैं. कलयुग में प्रदोष व्रत को करना बहुत मंगलकारी होता है और शिव कृपा प्रदान करता है. शिव जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो सावन के आखिरी प्रदोष व्रत पर कुछ राशि वाले जरुर खास उपाय करें ये शनि के कष्टों से छुटकारा दिलाते हैं. सावन बुध प्रदोष व्रत 2025 शिव पुराण के अनुसार बुधवार के दिन इस व्रत को करने से हर तरह की कामना सिद्ध होती है. इस साल सावन बुध प्रदोष व्रत 6 अगस्त 2025 को है. त्रयोदशी तिथि शुरू - 6 अगस्त 2025, दोपहर 2.08 त्रयोदशी तिथि समाप्त - 7 अगस्त 2025, दोपहर 2.27 पूजा के लिए इस दिन रात 7.08 से रात 9.16 तक शुभ मुहूर्त है. पूजन के लिए 2 घंटे 8 मिनट का समय मिलेगा. शनि के कष्टों से मुक्ति के लिए प्रदोष व्रत उपाय शिव शनि देव के गुरु हैं, ऐसे में प्रदोष व्रत में की गई शिव पूजा शनि के कष्टों से राहत दिलाती है. साल 2025 में शनि की साढ़ेसाती कुंभ, मेष और मीन राशि पर चल रही है. ऐसे में इन्हें न सिर्फ आर्थिक बल्कि मानसिक और शारीरिक पीड़ा का भी सामना करना पड़ रहा है. जो लोग शनि के कष्टों से परेशान हो चुके हैं, सुख-चैन छिन गया है तो सावन बुध प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद एक मुठ्‌ठी काले तिल चढ़ाएं. इस दिन किसी लौहार या बढ़ई को उसकी जरूरत की कोई वस्तु दान कर दें. इससे शनि की अशुभता दूर होती है. प्रदोष काल में शिव महिम्न स्तोत्र का पाठ करें और फिर महादेव को एक बेलपत्र अर्पित करें. इस बेलपत्र को अपनी तिजोरी में रख दें. कहते हैं इससे धन प्राप्ति के रास्ते सुलभ होते हैं. Anant Chaturdashi 2025: अनंत चतुर्दशी 2025 में कब ? जानें डेट, मुहूर्त, इस दिन किसकी पूजा होती है Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Aug 5, 2025 - 21:30
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Pradosh Vrat 2025: कुंभ, मेष और मीन राशि वाले प्रदोष व्रत की रात करें ये दुर्लभ उपाय, लौट आता है छिना हुआ सुख!

Sawan Budh Pradosh Vrat 2025: भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सावन में प्रदोष व्रत की विशेष मान्यता है. इस दिन प्रदोष काल में शिवभक्त पार्थिव शिवलिंग बनाकर महादेव की आराधना करते हैं कहते हैं इस दिन की गई पूजा, पाठ, उपाय जल्द सिद्ध होते हैं.

इस व्रत को करने से सारे कष्ट और हर प्रकार के दोष मिट जाते हैं. कलयुग में प्रदोष व्रत को करना बहुत मंगलकारी होता है और शिव कृपा प्रदान करता है. शिव जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो सावन के आखिरी प्रदोष व्रत पर कुछ राशि वाले जरुर खास उपाय करें ये शनि के कष्टों से छुटकारा दिलाते हैं.

सावन बुध प्रदोष व्रत 2025

शिव पुराण के अनुसार बुधवार के दिन इस व्रत को करने से हर तरह की कामना सिद्ध होती है. इस साल सावन बुध प्रदोष व्रत 6 अगस्त 2025 को है.

त्रयोदशी तिथि शुरू - 6 अगस्त 2025, दोपहर 2.08

त्रयोदशी तिथि समाप्त - 7 अगस्त 2025, दोपहर 2.27

पूजा के लिए इस दिन रात 7.08 से रात 9.16 तक शुभ मुहूर्त है. पूजन के लिए 2 घंटे 8 मिनट का समय मिलेगा.

शनि के कष्टों से मुक्ति के लिए प्रदोष व्रत उपाय

  • शिव शनि देव के गुरु हैं, ऐसे में प्रदोष व्रत में की गई शिव पूजा शनि के कष्टों से राहत दिलाती है. साल 2025 में शनि की साढ़ेसाती कुंभ, मेष और मीन राशि पर चल रही है. ऐसे में इन्हें न सिर्फ आर्थिक बल्कि मानसिक और शारीरिक पीड़ा का भी सामना करना पड़ रहा है.
  • जो लोग शनि के कष्टों से परेशान हो चुके हैं, सुख-चैन छिन गया है तो सावन बुध प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद एक मुठ्‌ठी काले तिल चढ़ाएं.
  • इस दिन किसी लौहार या बढ़ई को उसकी जरूरत की कोई वस्तु दान कर दें. इससे शनि की अशुभता दूर होती है.
  • प्रदोष काल में शिव महिम्न स्तोत्र का पाठ करें और फिर महादेव को एक बेलपत्र अर्पित करें. इस बेलपत्र को अपनी तिजोरी में रख दें. कहते हैं इससे धन प्राप्ति के रास्ते सुलभ होते हैं.

Anant Chaturdashi 2025: अनंत चतुर्दशी 2025 में कब ? जानें डेट, मुहूर्त, इस दिन किसकी पूजा होती है

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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