Online Gaming Bill 2025: 32000 करोड़ की ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर लग जाएगा ब्रेक! लोकसभा में पेश हुआ बैन लगाने वाला बिल
लोकसभा में बुधवार (20 अगस्त 2025) को ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने और शैक्षणिक तथा सामाजिक ऑनलाइन खेलों को बढ़ावा देने वाला एक विधेयक पेश किया गया. बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों की लगातार नारेबाजी के बीच इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में ऑनलाइन खेल संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025 पेश किया. इस विधेयक में ऑनलाइन मनी गेमिंग या उसके विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने के प्रावधान हैं और यह इन्हें पेश करने या विज्ञापन देने वालों के लिए कारावास या जुर्माना, या दोनों का प्रावधान करता है. ई-स्पोर्ट्स, शैक्षणिक खेल और सामाजिक खेल सहित ऑनलाइन खेल क्षेत्र को बढ़ावा देने, उसे विनियमित करने और इसके सामरिक विकास तथा विनियमन के लिए एक प्राधिकरण की स्थापना का भी प्रावधान है. विधेयक में किसी कम्प्यूटर, मोबाइल मशीन या इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन मनी गेम के प्रस्ताव, संचालन, सरलीकरण, विज्ञापन, प्रचार और भागीदारी को निषिद्ध किया गया है, विशेषकर जहां ऐसे क्रियाकलाप राज्य की सीमाओं के पार या विदेश से संचालित होते हैं. विधेयक से जुड़ी जरूरी बातविधेयक में कहा गया है कि इसका मकसद ऐसे खेलों के प्रतिकूल सामाजिक, आर्थिक, मनोवैज्ञानिक और गोपनीयता संबंधी प्रभावों से लोगों को बचाना है. खासकर युवाओं और कमजोर वर्गों की रक्षा करना मुख्य काम है. इसके अलावा डिजिटल प्रौद्योगिकियों का जिम्मेदारी से उपयोग सुनिश्चित करना, लोक व्यवस्था बनाए रखना, लोक स्वास्थ्य की रक्षा करना, वित्तीय प्रणालियों की और राज्य की सुरक्षा औप संप्रभुता की रक्षा करना जरूरी है. वहीं विधेयक की मदद से लोकहित में राष्ट्रीय स्तर का समान कानूनी ढांचा स्थापित करना है. मार्केट ग्रोथ पर ब्रेकभारत की ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री वर्तमान में लगभग 32,000 करोड़ रुपए की है. इसमें से 86% रेवेन्यू रियल मनी गेमिंग (RMG) से आता है. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का अनुमान था कि 2029 तक यह मार्केट 80,000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है, लेकिन मनी गेमिंग पर प्रतिबंध इस ग्रोथ ट्रेजेक्टरी को सीधे प्रभावित करेगा. बड़ी कंपनियों पर दबावभारत की प्रमुख कंपनियां जैसे, Dream11, Games24x7, WinZO और Gameskraft का बिज़नेस मॉडल काफी हद तक रियल मनी गेमिंग पर निर्भर करता है. इस बैन के बाद इनका मुख्य रेवेन्यू सोर्स बंद हो जाएगा. कंपनियों को ई-स्पोर्ट्स, शैक्षणिक गेम्स और सोशल गेम्स की ओर शिफ्ट होना पड़ेगा, लेकिन यह ट्रांज़िशन आसान नहीं होगा. ये भी पढ़ें: Parliament Monsoon Session Live: संसद में पेश किया गया ऑनलाइन गेमिंग बिल, लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित

लोकसभा में बुधवार (20 अगस्त 2025) को ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने और शैक्षणिक तथा सामाजिक ऑनलाइन खेलों को बढ़ावा देने वाला एक विधेयक पेश किया गया. बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों की लगातार नारेबाजी के बीच इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में ऑनलाइन खेल संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025 पेश किया.
इस विधेयक में ऑनलाइन मनी गेमिंग या उसके विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने के प्रावधान हैं और यह इन्हें पेश करने या विज्ञापन देने वालों के लिए कारावास या जुर्माना, या दोनों का प्रावधान करता है. ई-स्पोर्ट्स, शैक्षणिक खेल और सामाजिक खेल सहित ऑनलाइन खेल क्षेत्र को बढ़ावा देने, उसे विनियमित करने और इसके सामरिक विकास तथा विनियमन के लिए एक प्राधिकरण की स्थापना का भी प्रावधान है. विधेयक में किसी कम्प्यूटर, मोबाइल मशीन या इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन मनी गेम के प्रस्ताव, संचालन, सरलीकरण, विज्ञापन, प्रचार और भागीदारी को निषिद्ध किया गया है, विशेषकर जहां ऐसे क्रियाकलाप राज्य की सीमाओं के पार या विदेश से संचालित होते हैं.
विधेयक से जुड़ी जरूरी बात
विधेयक में कहा गया है कि इसका मकसद ऐसे खेलों के प्रतिकूल सामाजिक, आर्थिक, मनोवैज्ञानिक और गोपनीयता संबंधी प्रभावों से लोगों को बचाना है. खासकर युवाओं और कमजोर वर्गों की रक्षा करना मुख्य काम है. इसके अलावा डिजिटल प्रौद्योगिकियों का जिम्मेदारी से उपयोग सुनिश्चित करना, लोक व्यवस्था बनाए रखना, लोक स्वास्थ्य की रक्षा करना, वित्तीय प्रणालियों की और राज्य की सुरक्षा औप संप्रभुता की रक्षा करना जरूरी है. वहीं विधेयक की मदद से लोकहित में राष्ट्रीय स्तर का समान कानूनी ढांचा स्थापित करना है.
मार्केट ग्रोथ पर ब्रेक
भारत की ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री वर्तमान में लगभग 32,000 करोड़ रुपए की है. इसमें से 86% रेवेन्यू रियल मनी गेमिंग (RMG) से आता है. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का अनुमान था कि 2029 तक यह मार्केट 80,000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है, लेकिन मनी गेमिंग पर प्रतिबंध इस ग्रोथ ट्रेजेक्टरी को सीधे प्रभावित करेगा.
बड़ी कंपनियों पर दबाव
भारत की प्रमुख कंपनियां जैसे, Dream11, Games24x7, WinZO और Gameskraft का बिज़नेस मॉडल काफी हद तक रियल मनी गेमिंग पर निर्भर करता है. इस बैन के बाद इनका मुख्य रेवेन्यू सोर्स बंद हो जाएगा. कंपनियों को ई-स्पोर्ट्स, शैक्षणिक गेम्स और सोशल गेम्स की ओर शिफ्ट होना पड़ेगा, लेकिन यह ट्रांज़िशन आसान नहीं होगा.
ये भी पढ़ें: Parliament Monsoon Session Live: संसद में पेश किया गया ऑनलाइन गेमिंग बिल, लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित
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