Ola, Uber, Rapido की बाइक-टैक्सी सर्विस बंद, जानिए क्या है कर्नाटक हाईकोर्ट का निर्देश

कर्नाटक हाईोर्ट की ओर से परिचालन निलंबित करने के निर्देश दिये जाने के बाद सोमवार (16 जून, 2025) को कर्नाटक में ऐप-आधारित कंपनियों की ओर से संचालित बाइक टैक्सी सेवाएं ठप हो गईं. आदेश का अनुपालन करते हुए ओला, उबर और रैपिडो जैसे राइड-हेलिंग ऐप्स से बाइक टैक्सी सेवा के विकल्प हटा दिए गए. कर्नाटक के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि कंपनियों को अदालत के फैसले का पालन करना होगा. रेड्डी ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, 'तीन महीने पहले अदालत ने फैसला दिया था कि बाइक टैक्सियां ​​अवैध हैं. पहले अदालत ने छह सप्ताह का समय दिया था और फिर अनुरोध पर छह सप्ताह का और समय दिया. अब जबकि 12 सप्ताह बीत चुके हैं, कंपनियों को हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना होगा.' कर्नाटक हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने शुक्रवार को राज्य में बाइक टैक्सी सेवाओं को निलंबित करने वाले एकल न्यायाधीश के पहले के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी कामेश्वर राव और जस्टिस श्रीनिवास हरीश कुमार की खंडपीठ उबर इंडिया सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, एएनआई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (जो ओला का संचालन करती है) और रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (जो रैपिडो का संचालन करती है) की ओर से दायर अपीलों पर सुनवाई कर रही थी. कंपनियों ने 2 अप्रैल के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें छह सप्ताह के भीतर बाइक टैक्सी सेवाएं बंद करने का निर्देश दिया गया था. बाद में समयसीमा 15 जून तक बढ़ा दी गई थी. एकल न्यायाधीश ने कहा था कि जब तक राज्य सरकार मोटर वाहन अधिनियम के तहत विशिष्ट नियम और दिशा-निर्देश अधिसूचित नहीं करती, तब तक ऐसी सेवाएं संचालित नहीं हो सकतीं. खंडपीठ ने राज्य सरकार और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया और अगली सुनवाई 24 जून के लिए निर्धारित की. इस बीच ओला उबर ड्राइवर्स एंड ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष तनवीर पाशा ने आदेश को सख्ती से लागू करने की मांग की. उन्होंने कहा, 'सरकार को अवैध रूप से चल रही मोटरसाइकिलों को जब्त करना चाहिए और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए.' रैपिडो ने एक बयान में अदालत के फैसले का जिक्र करते हुए सवारियों को लेकर चिंता व्यक्त की. इसने कहा, 'भले ही हम चल रहे मामले में पहल करने वाले पक्ष नहीं हैं, फिर भी हम एक जिम्मेदार हितधारक के रूप में जुड़े हुए हैं. यह हमारे चालकों के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय है, जिनमें से कई अपनी प्राथमिक आय के स्रोत के रूप में बाइक टैक्सियों पर निर्भर हैं.' उबर ने भी 16 जून से अपनी बाइक टैक्सी सेवाएं निलंबित करने की पुष्टि की है. कंपनी ने कहा, 'यह निर्णय हजारों सवारियों और चालकों को प्रभावित करता है जो प्रतिदिन बाइक टैक्सी सेवा पर निर्भर रहते हैं. हम एक प्रगतिशील नीति विकसित करने में मदद करने के लिए कर्नाटक सरकार के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे, जो सभी के लिए सुरक्षित, सुलभ और सस्ती गतिशीलता सुनिश्चित करे.'

Jun 16, 2025 - 19:30
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Ola, Uber, Rapido की बाइक-टैक्सी सर्विस बंद, जानिए क्या है कर्नाटक हाईकोर्ट का निर्देश

कर्नाटक हाईोर्ट की ओर से परिचालन निलंबित करने के निर्देश दिये जाने के बाद सोमवार (16 जून, 2025) को कर्नाटक में ऐप-आधारित कंपनियों की ओर से संचालित बाइक टैक्सी सेवाएं ठप हो गईं. आदेश का अनुपालन करते हुए ओला, उबर और रैपिडो जैसे राइड-हेलिंग ऐप्स से बाइक टैक्सी सेवा के विकल्प हटा दिए गए.

कर्नाटक के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि कंपनियों को अदालत के फैसले का पालन करना होगा. रेड्डी ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, 'तीन महीने पहले अदालत ने फैसला दिया था कि बाइक टैक्सियां ​​अवैध हैं. पहले अदालत ने छह सप्ताह का समय दिया था और फिर अनुरोध पर छह सप्ताह का और समय दिया. अब जबकि 12 सप्ताह बीत चुके हैं, कंपनियों को हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना होगा.'

कर्नाटक हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने शुक्रवार को राज्य में बाइक टैक्सी सेवाओं को निलंबित करने वाले एकल न्यायाधीश के पहले के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी कामेश्वर राव और जस्टिस श्रीनिवास हरीश कुमार की खंडपीठ उबर इंडिया सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, एएनआई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (जो ओला का संचालन करती है) और रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (जो रैपिडो का संचालन करती है) की ओर से दायर अपीलों पर सुनवाई कर रही थी.

कंपनियों ने 2 अप्रैल के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें छह सप्ताह के भीतर बाइक टैक्सी सेवाएं बंद करने का निर्देश दिया गया था. बाद में समयसीमा 15 जून तक बढ़ा दी गई थी. एकल न्यायाधीश ने कहा था कि जब तक राज्य सरकार मोटर वाहन अधिनियम के तहत विशिष्ट नियम और दिशा-निर्देश अधिसूचित नहीं करती, तब तक ऐसी सेवाएं संचालित नहीं हो सकतीं.

खंडपीठ ने राज्य सरकार और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया और अगली सुनवाई 24 जून के लिए निर्धारित की. इस बीच ओला उबर ड्राइवर्स एंड ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष तनवीर पाशा ने आदेश को सख्ती से लागू करने की मांग की. उन्होंने कहा, 'सरकार को अवैध रूप से चल रही मोटरसाइकिलों को जब्त करना चाहिए और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए.'

रैपिडो ने एक बयान में अदालत के फैसले का जिक्र करते हुए सवारियों को लेकर चिंता व्यक्त की. इसने कहा, 'भले ही हम चल रहे मामले में पहल करने वाले पक्ष नहीं हैं, फिर भी हम एक जिम्मेदार हितधारक के रूप में जुड़े हुए हैं. यह हमारे चालकों के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय है, जिनमें से कई अपनी प्राथमिक आय के स्रोत के रूप में बाइक टैक्सियों पर निर्भर हैं.'

उबर ने भी 16 जून से अपनी बाइक टैक्सी सेवाएं निलंबित करने की पुष्टि की है. कंपनी ने कहा, 'यह निर्णय हजारों सवारियों और चालकों को प्रभावित करता है जो प्रतिदिन बाइक टैक्सी सेवा पर निर्भर रहते हैं. हम एक प्रगतिशील नीति विकसित करने में मदद करने के लिए कर्नाटक सरकार के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे, जो सभी के लिए सुरक्षित, सुलभ और सस्ती गतिशीलता सुनिश्चित करे.'

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