Norway Chess 2025: मैग्नस कार्लसन ने जीता खिताब; भारत के गुकेश टूर्नामेंट में तीसरे स्थान पर रहे

Norway Chess 2025:  मैग्नस कार्लसन ने नॉर्वे शतरंज 2025 का खिताब जीत लिया है. विश्व चैंपियन ने भारत के गुकेश और इटेलियन-अमेरिकन चेस प्लेयर फैबियानो कारुआना को पीछे छोड़ टाइटल अपने नाम कर लिया है. भारत के चेस प्लेयर गुकेश तीसरे स्थान पर रहे. जीत के बाद कार्लसन ने क्या कहा जीत के बाद कार्लसन ने कहा,''इस तरह के दिन और इस तरह के टूर्नामेंट के बाद यह बहुत बड़ी राहत है. मेरे संघर्षों को अंत में अच्छी तरह से सफलता मिली. मैंने अंत तक लड़ाई लड़ी, मैं इससे खुश हूं." उनसे जब यह पूछा गया कि क्या वो क्लासिकस चेस फॉर्मेट में खेलना जारी रखेंगे, कार्लसन ने कहा, "निश्चित रूप से बहुत ज़्यादा नहीं. मैं यह नहीं कहूंगा कि यह टूर्नामेंट मेरा आखिरी टूर्नामेंट था. मैं शतरंज के दूसरे रूपों का ज़्यादा आनंद लेता हूं." क्या हुआ फाइनल मुकाबले में अर्जुन एरिगैसी के खिलाफ अंतिम गेम में दुनिया के नंबर 1 चेस प्लेयर कार्लसन के 15 अंक थे जबकि गुकेश 14.5 अंक के साथ उनसे सिर्फ आधा अंक पीछे थे. गुकेश का मुकाबला कारुआना से था, जो 12.5 अंकों के साथ खिताब की दौड़ में थे. गुकेस अपना मैच हार गए. खिताब की दौड़ में चौथे खिलाड़ी हिकारू नाकामुरा (जिनके 13 अंक थे) थे जिन्होंने अपना मैच चीन के वेई यी से ड्रॉ खेला और इसी के साथ उनकी खिताब जीतने की संभावनाएं खत्म हो गई. वहीं अर्जुन एरिगैसी के खिलाफ कार्लसन ने आखिरी पांच राउंड में गेम बदल दिया और जीत दर्ज कर ली. जिसके बाद वो चैंपियन बन गए.  इस टूर्नामेंट का सबसे यादगार पलइस टूर्नामेंट का सबसे यादगार पल तब था जब भारतीय स्टार डी गुकेश ने वर्ल्ड नंबर-1 मैग्नस कार्लसन को हराया था. गुकेश की क्लासिकल चेस में कार्लसन के खिलाफ पहली जीत हासिल की थी. हार के बाद कार्लसन ने गुस्से में चेस बोर्ड पर मुक्का मारा, जिससे मोहरे बिखर गए. हालांकि बाद उन्होंने गुकेश से माफी मांगी और उनकी पीठ भी थपथपाई.

Jun 7, 2025 - 07:30
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Norway Chess 2025: मैग्नस कार्लसन ने जीता खिताब; भारत के गुकेश टूर्नामेंट में तीसरे स्थान पर रहे

Norway Chess 2025:  मैग्नस कार्लसन ने नॉर्वे शतरंज 2025 का खिताब जीत लिया है. विश्व चैंपियन ने भारत के गुकेश और इटेलियन-अमेरिकन चेस प्लेयर फैबियानो कारुआना को पीछे छोड़ टाइटल अपने नाम कर लिया है. भारत के चेस प्लेयर गुकेश तीसरे स्थान पर रहे.

जीत के बाद कार्लसन ने क्या कहा

जीत के बाद कार्लसन ने कहा,''इस तरह के दिन और इस तरह के टूर्नामेंट के बाद यह बहुत बड़ी राहत है. मेरे संघर्षों को अंत में अच्छी तरह से सफलता मिली. मैंने अंत तक लड़ाई लड़ी, मैं इससे खुश हूं."

उनसे जब यह पूछा गया कि क्या वो क्लासिकस चेस फॉर्मेट में खेलना जारी रखेंगे, कार्लसन ने कहा, "निश्चित रूप से बहुत ज़्यादा नहीं. मैं यह नहीं कहूंगा कि यह टूर्नामेंट मेरा आखिरी टूर्नामेंट था. मैं शतरंज के दूसरे रूपों का ज़्यादा आनंद लेता हूं."

क्या हुआ फाइनल मुकाबले में

अर्जुन एरिगैसी के खिलाफ अंतिम गेम में दुनिया के नंबर 1 चेस प्लेयर कार्लसन के 15 अंक थे जबकि गुकेश 14.5 अंक के साथ उनसे सिर्फ आधा अंक पीछे थे. गुकेश का मुकाबला कारुआना से था, जो 12.5 अंकों के साथ खिताब की दौड़ में थे. गुकेस अपना मैच हार गए.

खिताब की दौड़ में चौथे खिलाड़ी हिकारू नाकामुरा (जिनके 13 अंक थे) थे जिन्होंने अपना मैच चीन के वेई यी से ड्रॉ खेला और इसी के साथ उनकी खिताब जीतने की संभावनाएं खत्म हो गई.

वहीं अर्जुन एरिगैसी के खिलाफ कार्लसन ने आखिरी पांच राउंड में गेम बदल दिया और जीत दर्ज कर ली. जिसके बाद वो चैंपियन बन गए. 

इस टूर्नामेंट का सबसे यादगार पल
इस टूर्नामेंट का सबसे यादगार पल तब था जब भारतीय स्टार डी गुकेश ने वर्ल्ड नंबर-1 मैग्नस कार्लसन को हराया था. गुकेश की क्लासिकल चेस में कार्लसन के खिलाफ पहली जीत हासिल की थी. हार के बाद कार्लसन ने गुस्से में चेस बोर्ड पर मुक्का मारा, जिससे मोहरे बिखर गए. हालांकि बाद उन्होंने गुकेश से माफी मांगी और उनकी पीठ भी थपथपाई.

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