NIRF Ranking 2025: एनआईआरएफ रैंकिंग 2025 जारी, ओवरऑल कैटेगरी में इस कॉलेज ने किया टॉप
शिक्षा मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2025 की घोषणा आज कर दी गई. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आधिकारिक तौर पर रैंकिंग जारी की. शिक्षा मंत्रालय की ओर से NIRF की आधिकारिक वेबसाइट nirfindia.org पर उपलब्ध करा दी गई है. इस साल भी ओवरऑल कैटेगिरी में आईआईटी मद्रास नंबर एक पोजीशन पर रहा. यह संस्थान लगातार 10वीं बार इस रैंक पर काबिज है. हर साल की तरह इस बार भी छात्र और अभिभावक बेसब्री से इंतजार कर रहे थे कि कौन सा संस्थान टॉप पर पहुंचेगा और किन कॉलेजों को बेहतर प्रदर्शन के लिए पहचान मिलेगी. NIRF रैंकिंग देशभर के उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता का बड़ा पैमाना माना जाता है और यह छात्रों के लिए करियर का सही चुनाव करने में मददगार साबित होती है.किन श्रेणियों में घोषित हुई रैंकिंग?इस बार की रैंकिंग में इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट, दंत चिकित्सा (डेंटल), फार्मेसी, कानून और रिसर्च सहित कई श्रेणियों को शामिल किया गया है. साथ ही विश्वविद्यालय और समग्र (ओवरऑल) श्रेणियों में भी संस्थानों की रैंकिंग तय की गई है. इस लिस्ट से छात्रों को यह समझने में आसानी होगी कि कौन-सा कॉलेज पढ़ाई, रिसर्च और प्लेसमेंट के लिहाज से बेहतर है. यही वजह है कि हर साल लाखों छात्र NIRF रैंकिंग का इंतजार करते हैं. यह भी पढ़ें- कौन हैं मनोज जरांगे, जिनकी वजह से घुटनों पर आ गई महाराष्ट्र सरकार? जान लें यह कितने पढ़े-लिखे? कैसे तय होती है NIRF रैंकिंग? NIRF यानी National Institutional Ranking Framework उच्च शिक्षा संस्थानों का मूल्यांकन कुछ तय मानदंडों पर करता है. हर संस्थान को पांच प्रमुख पैरामीटर्स पर परखा जाता है और इन्हीं के आधार पर अंक देकर रैंक तय की जाती है. शिक्षण और सीखना (Teaching & Learning) - 30% वेटेज: इसमें फैकल्टी, स्टूडेंट-टीचर अनुपात, इंफ्रास्ट्रक्चर और पढ़ाई की क्वालिटी को देखा जाता है. शोध और पेशेवर अभ्यास (Research & Professional Practice) - 30% वेटेज: इसमें रिसर्च पेपर्स, पेटेंट, पब्लिकेशन और प्रोजेक्ट्स का आकलन होता है. स्नातक परिणाम (Graduation Outcome) - 20% वेटेज: छात्रों की डिग्री पूरी करने के बाद की सफलता दर, प्लेसमेंट और उच्च शिक्षा में दाखिला इस हिस्से का हिस्सा है. आउटरीच और समावेशन (Outreach & Inclusivity) - 10% वेटेज: इसमें अलग-अलग वर्गों और क्षेत्रों के छात्रों की भागीदारी, महिला छात्रों का प्रतिशत और विविधता पर ध्यान दिया जाता है. धारणा (Perception) - 10% वेटेज: इसमें इंडस्ट्री, अकादमिक जगत और समाज की नजर में संस्थान की प्रतिष्ठा को मापा जाता है. यह भी पढ़ें- ज्योतिरादित्य के बेटे महाआर्यमन ने किस कॉलेज से की पढ़ाई, MP क्रिकेट एसोसिएशन का प्रेसिडेंट बनने के लिए कौन-सी डिग्री जरूरी?

शिक्षा मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2025 की घोषणा आज कर दी गई. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आधिकारिक तौर पर रैंकिंग जारी की. शिक्षा मंत्रालय की ओर से NIRF की आधिकारिक वेबसाइट nirfindia.org पर उपलब्ध करा दी गई है. इस साल भी ओवरऑल कैटेगिरी में आईआईटी मद्रास नंबर एक पोजीशन पर रहा. यह संस्थान लगातार 10वीं बार इस रैंक पर काबिज है.
हर साल की तरह इस बार भी छात्र और अभिभावक बेसब्री से इंतजार कर रहे थे कि कौन सा संस्थान टॉप पर पहुंचेगा और किन कॉलेजों को बेहतर प्रदर्शन के लिए पहचान मिलेगी. NIRF रैंकिंग देशभर के उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता का बड़ा पैमाना माना जाता है और यह छात्रों के लिए करियर का सही चुनाव करने में मददगार साबित होती है.
किन श्रेणियों में घोषित हुई रैंकिंग?
इस बार की रैंकिंग में इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट, दंत चिकित्सा (डेंटल), फार्मेसी, कानून और रिसर्च सहित कई श्रेणियों को शामिल किया गया है. साथ ही विश्वविद्यालय और समग्र (ओवरऑल) श्रेणियों में भी संस्थानों की रैंकिंग तय की गई है. इस लिस्ट से छात्रों को यह समझने में आसानी होगी कि कौन-सा कॉलेज पढ़ाई, रिसर्च और प्लेसमेंट के लिहाज से बेहतर है. यही वजह है कि हर साल लाखों छात्र NIRF रैंकिंग का इंतजार करते हैं.
यह भी पढ़ें- कौन हैं मनोज जरांगे, जिनकी वजह से घुटनों पर आ गई महाराष्ट्र सरकार? जान लें यह कितने पढ़े-लिखे?
कैसे तय होती है NIRF रैंकिंग?
NIRF यानी National Institutional Ranking Framework उच्च शिक्षा संस्थानों का मूल्यांकन कुछ तय मानदंडों पर करता है. हर संस्थान को पांच प्रमुख पैरामीटर्स पर परखा जाता है और इन्हीं के आधार पर अंक देकर रैंक तय की जाती है.
- शिक्षण और सीखना (Teaching & Learning) - 30% वेटेज: इसमें फैकल्टी, स्टूडेंट-टीचर अनुपात, इंफ्रास्ट्रक्चर और पढ़ाई की क्वालिटी को देखा जाता है.
- शोध और पेशेवर अभ्यास (Research & Professional Practice) - 30% वेटेज: इसमें रिसर्च पेपर्स, पेटेंट, पब्लिकेशन और प्रोजेक्ट्स का आकलन होता है.
- स्नातक परिणाम (Graduation Outcome) - 20% वेटेज: छात्रों की डिग्री पूरी करने के बाद की सफलता दर, प्लेसमेंट और उच्च शिक्षा में दाखिला इस हिस्से का हिस्सा है.
- आउटरीच और समावेशन (Outreach & Inclusivity) - 10% वेटेज: इसमें अलग-अलग वर्गों और क्षेत्रों के छात्रों की भागीदारी, महिला छात्रों का प्रतिशत और विविधता पर ध्यान दिया जाता है.
- धारणा (Perception) - 10% वेटेज: इसमें इंडस्ट्री, अकादमिक जगत और समाज की नजर में संस्थान की प्रतिष्ठा को मापा जाता है.
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