Next Gen GST Reforms: 'तुरुप का पत्ता' साबित हो सकता है जीएसटी रिफॉर्म्स, 2047 तक सिंगल टैक्स का खुलेगा रास्ता
Next Gen GST Reforms: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में जीएसटी सुधारों का बड़ा ऐलान किया. पीएम मोदी की घोषणा के बाद वित्त मंत्रालय ने भी यह स्पष्ट किया कि सरकार फिलहाल जीएसटी ढांचे को सरल बनाने की दिशा में काम कर रही है. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अधिकारियों का मानना है कि यह सुधार भविष्य में भारत को “सिंगल टैक्स सिस्टम” की ओर ले जाएगा और वर्ष 2047 तक देश में एक समान टैक्स दर लागू हो सकती है. 2047 तक सिंगल टैक्स सिस्टम फिलहाल जीएसटी में चार स्लैब हैं—5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत. नए प्रस्ताव के तहत 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत स्लैब को खत्म कर दिया जाएगा. इसके बाद ज़्यादातर वस्तुएँ 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दर में समा जाएंगी. वहीं, लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं के लिए एक विशेष 40 प्रतिशत टैक्स दर रखने का सुझाव दिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि यह बदलाव अर्थव्यवस्था को बूस्ट देगा और उपभोक्ताओं को टैक्स के बोझ से राहत मिलेगी. इसे “नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी” कहा जा रहा है, क्योंकि इसे भारत के आर्थिक सुधारों की श्रेणी में सबसे महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. दिवाली तक नए जीएसटी रिफॉर्म्स सरकार चाहती है कि दिवाली तक यह नई व्यवस्था लागू हो जाए. इसके लिए केंद्र ने राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह को प्रस्ताव भेजा है. यह समूह प्रस्ताव का अध्ययन कर अपनी अनुशंसा सितंबर में होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में रखेगा. अगर परिषद इसे मंज़ूरी देती है, तो दिवाली से पहले उपभोक्ताओं को कई वस्तुएँ सस्ती मिलना शुरू हो सकती हैं. वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, जब यह नई व्यवस्था पूरी तरह लागू हो जाएगी और भारत विकसित देशों की श्रेणी में पहुंचेगा, तब सरकार एक ही दर वाला जीएसटी (Single Tax Slab) लागू करने पर विचार कर सकती है. उन्होंने कहा कि यह मॉडल विकसित देशों के लिए उपयुक्त रहता है, क्योंकि वहां नागरिकों की आमदनी और खर्च करने की क्षमता लगभग समान होती है. हालांकि, अभी भारत के लिए यह सही समय नहीं है. ये भी पढ़ें: GST Reforms: दूध-टूथपेस्ट से लेकर मोबाइल और साबुन तक... GST रिफॉर्म से क्या-क्या हो होगा सस्ता? देखें पूरी लिस्ट

Next Gen GST Reforms: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में जीएसटी सुधारों का बड़ा ऐलान किया. पीएम मोदी की घोषणा के बाद वित्त मंत्रालय ने भी यह स्पष्ट किया कि सरकार फिलहाल जीएसटी ढांचे को सरल बनाने की दिशा में काम कर रही है. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अधिकारियों का मानना है कि यह सुधार भविष्य में भारत को “सिंगल टैक्स सिस्टम” की ओर ले जाएगा और वर्ष 2047 तक देश में एक समान टैक्स दर लागू हो सकती है.
2047 तक सिंगल टैक्स सिस्टम
फिलहाल जीएसटी में चार स्लैब हैं—5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत. नए प्रस्ताव के तहत 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत स्लैब को खत्म कर दिया जाएगा. इसके बाद ज़्यादातर वस्तुएँ 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दर में समा जाएंगी. वहीं, लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं के लिए एक विशेष 40 प्रतिशत टैक्स दर रखने का सुझाव दिया गया है.
अधिकारियों का कहना है कि यह बदलाव अर्थव्यवस्था को बूस्ट देगा और उपभोक्ताओं को टैक्स के बोझ से राहत मिलेगी. इसे “नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी” कहा जा रहा है, क्योंकि इसे भारत के आर्थिक सुधारों की श्रेणी में सबसे महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
दिवाली तक नए जीएसटी रिफॉर्म्स
सरकार चाहती है कि दिवाली तक यह नई व्यवस्था लागू हो जाए. इसके लिए केंद्र ने राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह को प्रस्ताव भेजा है. यह समूह प्रस्ताव का अध्ययन कर अपनी अनुशंसा सितंबर में होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में रखेगा. अगर परिषद इसे मंज़ूरी देती है, तो दिवाली से पहले उपभोक्ताओं को कई वस्तुएँ सस्ती मिलना शुरू हो सकती हैं.
वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, जब यह नई व्यवस्था पूरी तरह लागू हो जाएगी और भारत विकसित देशों की श्रेणी में पहुंचेगा, तब सरकार एक ही दर वाला जीएसटी (Single Tax Slab) लागू करने पर विचार कर सकती है. उन्होंने कहा कि यह मॉडल विकसित देशों के लिए उपयुक्त रहता है, क्योंकि वहां नागरिकों की आमदनी और खर्च करने की क्षमता लगभग समान होती है. हालांकि, अभी भारत के लिए यह सही समय नहीं है.
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