Mangal Gochar 2025: मंगल के परिवर्तन से भारत की कुंडली, युवाओं और प्रधानमंत्री पर क्या होगा असर? जानें
Mangal Gochar 2025: मंगल का कन्या में गोचर और वक्री शनि की दृष्टि. 28 जुलाई की रात से शुरू होगा ऊर्जा और नियंत्रण का खतरनाक द्वंद्व, भारत की राजनीति और क्या युवाओं पर इसका होगा सीधा असर? शनि की वक्री दृष्टि और मंगल की ज्वालामुखी ऊर्जा जब आमने-सामने हों, तब क्या होता है? 28 जुलाई की रात से शुरू हो रहा है ग्रहों का महायुद्ध असर सिर्फ राशियों पर नहीं, भारत की नीति, सीमा और नेतृत्व तक दिखेगा. एस्ट्रोलॉजर निखिल कुमार की ज्योतिषीय गणना से समझते हैं उनकी भविष्यवाणी. मंगल का कन्या में प्रवेश और शनि की दृष्टि: एस्ट्रोलॉजर निखिल कुमार के अनुसार एक विस्फोटक ज्योतिषीय परिघटना जो राजनीति, युवाओं और राष्ट्र की चेतना को हिला सकती है. 28 जुलाई 2025 की रात मंगल, जो ऊर्जा, साहस और संघर्ष का प्रतिनिधि ग्रह है, सिंह राशि को छोड़कर कन्या राशि में प्रवेश करेगा. यही नहीं, इस गोचर के दौरान मीन राशि में स्थित वक्री शनि की सप्तम दृष्टि मंगल पर पड़ेगी, एक ऐसा संयोजन जो तेज और संयम की टक्कर को जन्म देता है. ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से यह युति क्यों विशेष है?बृहत्पाराशर होराशास्त्र के अनुसार-शनि: संयमतां याति, मङ्गलं च प्रवर्तकम्. दृष्टि योगे तयोः कार्यं, बाधकं वा महाफलम्॥(अर्थ): जब शनि और मंगल दृष्टिगत संबंध में हों, तो वह घटना बाधा भी दे सकती है और महान परिवर्तन भी. एस्ट्रोलॉजर निखिल कुमार के अनुसार यह दृष्टि-संबंध वक्री शनि के कारण और भी तीव्र हो जाता है क्योंकि वक्री ग्रहों की दृष्टि अधिक प्रभावकारी मानी जाती है. मेदिनी दृष्टिकोण: एस्ट्रोलॉजर निखिल कुमार बताते हैं कि भारत की वृषभ लग्न कुंडली पर प्रभाव और राष्ट्र के 5वें भाव में मंगल भारत की स्वतंत्रता की कुंडली (15 अगस्त 1947, 00:00, दिल्ली) वृषभ लग्न मानी जाती है. इस लग्न से कन्या राशि पंचम भाव में आती है जो राष्ट्र की युवा शक्ति, शिक्षा प्रणाली, विचारधारा और नवाचार का प्रतिनिधित्व करता है. पंचम भाव में मंगल और वक्री शनि की दृष्टि: क्या कहते हैं प्राचीन ग्रंथ?नारद संहिता में वर्णित है-पंचमे मङ्गलश्चैव शनिदृष्टो यदि स्थित:. विद्या नाशं करोत् तत्र, युवानां च प्रवृत्तय:॥(भावार्थ): जब पंचम में मंगल हो और शनि दृष्टि करे, तब शिक्षा में विघ्न, युवाओं में विद्रोह और नीतियों में अस्थिरता उत्पन्न होती है. एस्ट्रोलॉजर निखिल कुमार के अनुसार इस योग से युवाओं में आंदोलनों की प्रवृत्ति, राजनीतिक विचारधारा में ध्रुवीकरण और शिक्षा नीति में अस्थिरता देखने को मिल सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली पर मंगल गोचर का प्रभाव... लाभ के साथ संघर्ष का संकेतएस्ट्रोलॉजर निखिल कुमार बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न की है. इस लग्न से कन्या राशि उनका एकादश भाव बनती है जो लाभ, सहयोगियों और नीतिगत सफलताओं का प्रतिनिधि है. मंगल लग्नेश होकर एकादश में:यह स्थिति साहसिक निर्णयों, तेज-तर्रार भाषणों और राष्ट्रीय हित में कठोर कदमों को दर्शाती है. लेकिन वक्री शनि की दृष्टि के कारण उन्हें विपक्ष, सहयोगियों और अंतरराष्ट्रीय मंच पर कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. संभावित घटनाएं: आंतरिक पार्टी नेतृत्व को लेकर चर्चाएं तेज हो सकती हैं नीति निर्धारण में तीव्र विरोधाभास सीमाओं पर सख्त सैन्य रणनीति की आवश्यकता राशियों पर प्रभाव: किसे मिलेगा साहस का वरदान, और किसे करना होगा आत्मसंयम? जानेंलाभकारी राशियांवृषभ, मिथुन, कर्क, वृश्चिक, धनु रुके कार्यों में गति धनलाभ और नेतृत्व के अवसर सामाजिक मान-सम्मान में वृद्धि चुनौतीपूर्ण स्थितियां मेष: कार्यों में रुकावट, आक्रामकता से बचें तुला: व्यर्थ के खर्च, स्वास्थ्य पर प्रभाव कुंभ: मित्रों से विवाद, कागजी काम में बाधा मिश्रित प्रभावसिंह, कन्या, मकर, मीन एक ओर उपलब्धियाँ, दूसरी ओर मानसिक संघर्ष निर्णय में धैर्य और संतुलन आवश्यक उपाय: इस अशांत योग से कैसे पाएं राहत? स्थिति उपाय मंगल पीड़ित हनुमान चालीसा का पाठ, लाल वस्त्र दान शनि दृष्ट शनैश्चर स्तोत्र, काली उड़द और लोहे का दान पंचम दोष गायत्री मंत्र, विद्या दान, बच्चों को पुस्तक वितरण विशेष साधना:अङ्गारकाय नमः और "नीलाञ्जनसमाभासं... शनि बीज मंत्र का नित्य जाप करें. यह मंगल गोचर एक टेस्टिंग फेज है जो शक्ति, नीति और संयम की परीक्षा है. शनि की वक्री दृष्टि से युक्त यह मंगल गोचर केवल एक खगोलीय घटना नहीं, बल्कि नीतियों, युवाओं और विचारधाराओं के संघर्ष का कालखंड बन सकता है. व्यक्तिगत जीवन में यह समय उत्साह के साथ संयम का, और राजनीति में गति के साथ स्थिरता का समन्वय मांगता है. Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Mangal Gochar 2025: मंगल का कन्या में गोचर और वक्री शनि की दृष्टि. 28 जुलाई की रात से शुरू होगा ऊर्जा और नियंत्रण का खतरनाक द्वंद्व, भारत की राजनीति और क्या युवाओं पर इसका होगा सीधा असर?
शनि की वक्री दृष्टि और मंगल की ज्वालामुखी ऊर्जा जब आमने-सामने हों, तब क्या होता है? 28 जुलाई की रात से शुरू हो रहा है ग्रहों का महायुद्ध असर सिर्फ राशियों पर नहीं, भारत की नीति, सीमा और नेतृत्व तक दिखेगा. एस्ट्रोलॉजर निखिल कुमार की ज्योतिषीय गणना से समझते हैं उनकी भविष्यवाणी.
मंगल का कन्या में प्रवेश और शनि की दृष्टि: एस्ट्रोलॉजर निखिल कुमार के अनुसार एक विस्फोटक ज्योतिषीय परिघटना जो राजनीति, युवाओं और राष्ट्र की चेतना को हिला सकती है.
28 जुलाई 2025 की रात मंगल, जो ऊर्जा, साहस और संघर्ष का प्रतिनिधि ग्रह है, सिंह राशि को छोड़कर कन्या राशि में प्रवेश करेगा. यही नहीं, इस गोचर के दौरान मीन राशि में स्थित वक्री शनि की सप्तम दृष्टि मंगल पर पड़ेगी, एक ऐसा संयोजन जो तेज और संयम की टक्कर को जन्म देता है.
ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से यह युति क्यों विशेष है?
बृहत्पाराशर होराशास्त्र के अनुसार-
शनि: संयमतां याति, मङ्गलं च प्रवर्तकम्. दृष्टि योगे तयोः कार्यं, बाधकं वा महाफलम्॥
(अर्थ): जब शनि और मंगल दृष्टिगत संबंध में हों, तो वह घटना बाधा भी दे सकती है और महान परिवर्तन भी.
एस्ट्रोलॉजर निखिल कुमार के अनुसार यह दृष्टि-संबंध वक्री शनि के कारण और भी तीव्र हो जाता है क्योंकि वक्री ग्रहों की दृष्टि अधिक प्रभावकारी मानी जाती है.
मेदिनी दृष्टिकोण: एस्ट्रोलॉजर निखिल कुमार बताते हैं कि भारत की वृषभ लग्न कुंडली पर प्रभाव और राष्ट्र के 5वें भाव में मंगल भारत की स्वतंत्रता की कुंडली (15 अगस्त 1947, 00:00, दिल्ली) वृषभ लग्न मानी जाती है. इस लग्न से कन्या राशि पंचम भाव में आती है जो राष्ट्र की युवा शक्ति, शिक्षा प्रणाली, विचारधारा और नवाचार का प्रतिनिधित्व करता है.
पंचम भाव में मंगल और वक्री शनि की दृष्टि: क्या कहते हैं प्राचीन ग्रंथ?
नारद संहिता में वर्णित है-
पंचमे मङ्गलश्चैव शनिदृष्टो यदि स्थित:. विद्या नाशं करोत् तत्र, युवानां च प्रवृत्तय:॥
(भावार्थ): जब पंचम में मंगल हो और शनि दृष्टि करे, तब शिक्षा में विघ्न, युवाओं में विद्रोह और नीतियों में अस्थिरता उत्पन्न होती है.
एस्ट्रोलॉजर निखिल कुमार के अनुसार इस योग से युवाओं में आंदोलनों की प्रवृत्ति, राजनीतिक विचारधारा में ध्रुवीकरण और शिक्षा नीति में अस्थिरता देखने को मिल सकती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली पर मंगल गोचर का प्रभाव... लाभ के साथ संघर्ष का संकेत
एस्ट्रोलॉजर निखिल कुमार बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न की है. इस लग्न से कन्या राशि उनका एकादश भाव बनती है जो लाभ, सहयोगियों और नीतिगत सफलताओं का प्रतिनिधि है.
मंगल लग्नेश होकर एकादश में:
यह स्थिति साहसिक निर्णयों, तेज-तर्रार भाषणों और राष्ट्रीय हित में कठोर कदमों को दर्शाती है. लेकिन वक्री शनि की दृष्टि के कारण उन्हें विपक्ष, सहयोगियों और अंतरराष्ट्रीय मंच पर कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
संभावित घटनाएं:
- आंतरिक पार्टी नेतृत्व को लेकर चर्चाएं तेज हो सकती हैं
- नीति निर्धारण में तीव्र विरोधाभास
- सीमाओं पर सख्त सैन्य रणनीति की आवश्यकता
राशियों पर प्रभाव: किसे मिलेगा साहस का वरदान, और किसे करना होगा आत्मसंयम? जानें
लाभकारी राशियां
वृषभ, मिथुन, कर्क, वृश्चिक, धनु
- रुके कार्यों में गति
- धनलाभ और नेतृत्व के अवसर
- सामाजिक मान-सम्मान में वृद्धि
चुनौतीपूर्ण स्थितियां
- मेष: कार्यों में रुकावट, आक्रामकता से बचें
- तुला: व्यर्थ के खर्च, स्वास्थ्य पर प्रभाव
- कुंभ: मित्रों से विवाद, कागजी काम में बाधा
मिश्रित प्रभाव
सिंह, कन्या, मकर, मीन
- एक ओर उपलब्धियाँ, दूसरी ओर मानसिक संघर्ष
- निर्णय में धैर्य और संतुलन आवश्यक
उपाय: इस अशांत योग से कैसे पाएं राहत?
स्थिति | उपाय |
मंगल | पीड़ित हनुमान चालीसा का पाठ, लाल वस्त्र दान |
शनि | दृष्ट शनैश्चर स्तोत्र, काली उड़द और लोहे का दान |
पंचम दोष | गायत्री मंत्र, विद्या दान, बच्चों को पुस्तक वितरण |
विशेष साधना:
अङ्गारकाय नमः और "नीलाञ्जनसमाभासं... शनि बीज मंत्र का नित्य जाप करें.
यह मंगल गोचर एक टेस्टिंग फेज है जो शक्ति, नीति और संयम की परीक्षा है. शनि की वक्री दृष्टि से युक्त यह मंगल गोचर केवल एक खगोलीय घटना नहीं, बल्कि नीतियों, युवाओं और विचारधाराओं के संघर्ष का कालखंड बन सकता है. व्यक्तिगत जीवन में यह समय उत्साह के साथ संयम का, और राजनीति में गति के साथ स्थिरता का समन्वय मांगता है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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