Lunar Eclipse 2025: 82 मिनट की रहस्यमयी रात! जब लाल चंद्रमा के साए में शनि और वरुण देंगे Amazing दर्शन
Lunar Eclipse 2025: 7 सितंबर 2025 की पूर्णिमा की रात को लगने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण लगभग 82 मिनट तक चलेगा. इस दौरान चंद्रमा लालिमा लिए हुए ब्लड मून बनेगा. उसी समय शनि ग्रह अपने छल्लों के साथ और नीला-हरा चमकता हुआ वरुण (Neptune) भी चंद्रमा के पास दिखाई देंगे. यह दुर्लभ खगोलीय घटना वैज्ञानिकों, ज्योतिषाचार्यों और धार्मिक मान्यताओं के सभी दृष्टिकोण से बेहद खास है. खगोलीय रहस्य, लाल चंद्रमा और ग्रहों का संगम 7 सितंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण का योग बन रहा है. इस दिन चंद्रमा पृथ्वी की आंतरिक छाया (Umbra) में प्रवेश करेगा. वायुमंडल से गुजरने वाली सूर्य किरणों के कारण चंद्रमा लाल या नारंगी दिखेगा. यह घटना लगभग 82 मिनट तक चलेगी. शनि ग्रह की झलक चंद्रमा के पास पीले बिंदु की तरह चमकते हुए शनि को नंगी आंखों से देखा जा सकेगा. दूरबीन से देखने पर इसके प्रसिद्ध छल्ले (Rings) स्पष्ट होंगे. उसी समय एक हल्का नीला-हरा बिंदु वरुण (Neptune) दिखाई देगा. यह सौर मंडल का सबसे दूरस्थ ग्रह है, और आसानी से इसे पहचानना कठिन होता है. इस तरह एक ही रात को ब्लड मून, शनि के छल्ले और वरुण ग्रह एक साथ दिखाई देंगे, जो किसी खगोल-प्रेमी के लिए जीवनभर का अनुभव होगा. ज्योतिषीय की नजर से...राहु-केतु और चंद्र ग्रहण का प्रभाव वैदिक ज्योतिष के अनुसार, चंद्र ग्रहण राहु-केतु की छाया से होता है. यह समय मानसिक अस्थिरता, भ्रम और निर्णय क्षमता में कमी का संकेत देता है. शनि का समीप होना इस घटना को और गहन बनाता है, यह कर्मफल और धैर्य की परीक्षा का समय है. वरुण (Neptune) की उपस्थिति आध्यात्मिकता, सपनों और आत्ममंथन को तीव्र करेगी. इस स्थिति के निर्माण से सभी 12 राशियां प्रभावित होंगी, लेकिन कुछ पर विशेष असर देखने को मिलेगा. मीन (Pisces): मानसिक उलझनें और स्वास्थ्य पर प्रभाव. कन्या (Virgo): निर्णय क्षमता में कमी और पारिवारिक तनाव. मिथुन (Gemini): संबंधों और करियर में असमंजस. धनु (Sagittarius): यात्रा और आर्थिक मामलों में अनिश्चितता. 12 राशियों पर प्रभाव मेष (Aries)- ग्रहण के समय मानसिक बेचैनी और गुस्सा बढ़ सकता है. कार्यस्थल पर असहमति से बचें. वृषभ (Taurus)- धन निवेश और परिवार से जुड़े निर्णयों में सावधानी बरतें. लाभ के अवसर छूट सकते हैं. मिथुन (Gemini)- संबंधों में गलतफहमी और करियर में अनिश्चितता. ध्यान और संयम ज़रूरी. कर्क (Cancer)- स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें. पेट और पाचन से जुड़ी समस्या बढ़ सकती है. सिंह (Leo)- प्रेम संबंध और शिक्षा में बाधाएं आ सकती हैं. आत्मविश्वास बनाए रखें. कन्या (Virgo)- परिवार और घर-गृहस्थी में विवाद. निर्णय लेने से पहले सोच-विचार करें. तुला (Libra)- यात्रा और भाई-बहनों से जुड़े मामलों में तनाव संभव. वाहन चलाते समय सावधानी. वृश्चिक (Scorpio)- धन का अपव्यय और खर्च बढ़ सकता है. निवेश फिलहाल टालें. धनु (Sagittarius)- आत्मविश्वास में कमी और स्वास्थ्य पर असर. संयमित रहें. मकर (Capricorn)- गोपनीय शत्रु सक्रिय हो सकते हैं. आध्यात्मिकता से लाभ मिलेगा. कुंभ (Aquarius)- दोस्तों और सामाजिक दायरे में मतभेद. संयमित भाषा का प्रयोग करें. मीन (Pisces)- मानसिक तनाव और करियर में बाधाएं. ध्यान और पूजा से राहत मिलेगी. 82 मिनट की रहस्यमयी रात में क्या करें? खगोलप्रेमियों के लिए: कैमरा और ट्राइपॉड के साथ ब्लड मून को कैद करें. धार्मिक दृष्टि से ग्रहणकाल में मंत्र जाप और ग्रहण के बाद स्नान और दान करें. ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह समय आत्ममंथन, ध्यान और कर्म सुधार का है. धार्मिक मान्यता और सूतक का समय हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू होता है. इस दौरान भोजन बनाना वर्जित होता है. धार्मिक अनुष्ठान रोक दिए जाते हैं. गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. ग्रहण के दौरान क्या करें? विष्णु या शिव मंत्रों का जाप करें. दीपक जलाकर नकारात्मक ऊर्जा को दूर करें. मौन साधना या ध्यान करें. ग्रहण के बाद क्या करें? गंगाजल से स्नान करें और घर में छिड़काव करें. जरूरतमंदों को दान दें, विशेषकर अन्न, कपड़े या धन. दूषित भोजन फेंक दें और ताजा भोजन तैयार करें. 7 सितंबर 2025 की यह 82 मिनट की रहस्यमयी रात केवल एक खगोलीय घटना नहीं है. यह वह क्षण है जब आकाशीय ग्रह-नक्षत्र हमें याद दिलाते हैं कि ब्रह्मांड के हर परिवर्तन का सीधा असर हमारे जीवन, विचार और आध्यात्मिक ऊर्जा पर पड़ता है. लाल चंद्रमा, शनि देव और वरुण ग्रह तीनों का एक साथ दर्शन आकाशीय हलचल और आध्यात्मिक चेतना का अनुभव कराएगा. FAQs Q1. क्या चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से देखना सुरक्षित है?हां, यह पूरी तरह सुरक्षित है. सौर ग्रहण के विपरीत किसी विशेष चश्मे की आवश्यकता नहीं. Q2. क्या सूतक काल में पूजा की जा सकती है?पारंपरिक मान्यता में पूजा वर्जित है, लेकिन मंत्र जाप और ध्यान शुभ माने जाते हैं. Q3. चंद्र ग्रहण का समय कितना होगा?यह लगभग 82 मिनट तक चलेगा और भारत सहित एशिया, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया से दिखाई देगा. Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Lunar Eclipse 2025: 7 सितंबर 2025 की पूर्णिमा की रात को लगने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण लगभग 82 मिनट तक चलेगा. इस दौरान चंद्रमा लालिमा लिए हुए ब्लड मून बनेगा. उसी समय शनि ग्रह अपने छल्लों के साथ और नीला-हरा चमकता हुआ वरुण (Neptune) भी चंद्रमा के पास दिखाई देंगे. यह दुर्लभ खगोलीय घटना वैज्ञानिकों, ज्योतिषाचार्यों और धार्मिक मान्यताओं के सभी दृष्टिकोण से बेहद खास है.
खगोलीय रहस्य, लाल चंद्रमा और ग्रहों का संगम
7 सितंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण का योग बन रहा है. इस दिन चंद्रमा पृथ्वी की आंतरिक छाया (Umbra) में प्रवेश करेगा. वायुमंडल से गुजरने वाली सूर्य किरणों के कारण चंद्रमा लाल या नारंगी दिखेगा. यह घटना लगभग 82 मिनट तक चलेगी.
शनि ग्रह की झलक
चंद्रमा के पास पीले बिंदु की तरह चमकते हुए शनि को नंगी आंखों से देखा जा सकेगा. दूरबीन से देखने पर इसके प्रसिद्ध छल्ले (Rings) स्पष्ट होंगे. उसी समय एक हल्का नीला-हरा बिंदु वरुण (Neptune) दिखाई देगा.
यह सौर मंडल का सबसे दूरस्थ ग्रह है, और आसानी से इसे पहचानना कठिन होता है. इस तरह एक ही रात को ब्लड मून, शनि के छल्ले और वरुण ग्रह एक साथ दिखाई देंगे, जो किसी खगोल-प्रेमी के लिए जीवनभर का अनुभव होगा.
ज्योतिषीय की नजर से...राहु-केतु और चंद्र ग्रहण का प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, चंद्र ग्रहण राहु-केतु की छाया से होता है. यह समय मानसिक अस्थिरता, भ्रम और निर्णय क्षमता में कमी का संकेत देता है.
शनि का समीप होना इस घटना को और गहन बनाता है, यह कर्मफल और धैर्य की परीक्षा का समय है. वरुण (Neptune) की उपस्थिति आध्यात्मिकता, सपनों और आत्ममंथन को तीव्र करेगी. इस स्थिति के निर्माण से सभी 12 राशियां प्रभावित होंगी, लेकिन कुछ पर विशेष असर देखने को मिलेगा.
- मीन (Pisces): मानसिक उलझनें और स्वास्थ्य पर प्रभाव.
- कन्या (Virgo): निर्णय क्षमता में कमी और पारिवारिक तनाव.
- मिथुन (Gemini): संबंधों और करियर में असमंजस.
- धनु (Sagittarius): यात्रा और आर्थिक मामलों में अनिश्चितता.
12 राशियों पर प्रभाव
- मेष (Aries)- ग्रहण के समय मानसिक बेचैनी और गुस्सा बढ़ सकता है. कार्यस्थल पर असहमति से बचें.
- वृषभ (Taurus)- धन निवेश और परिवार से जुड़े निर्णयों में सावधानी बरतें. लाभ के अवसर छूट सकते हैं.
- मिथुन (Gemini)- संबंधों में गलतफहमी और करियर में अनिश्चितता. ध्यान और संयम ज़रूरी.
- कर्क (Cancer)- स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें. पेट और पाचन से जुड़ी समस्या बढ़ सकती है.
- सिंह (Leo)- प्रेम संबंध और शिक्षा में बाधाएं आ सकती हैं. आत्मविश्वास बनाए रखें.
- कन्या (Virgo)- परिवार और घर-गृहस्थी में विवाद. निर्णय लेने से पहले सोच-विचार करें.
- तुला (Libra)- यात्रा और भाई-बहनों से जुड़े मामलों में तनाव संभव. वाहन चलाते समय सावधानी.
- वृश्चिक (Scorpio)- धन का अपव्यय और खर्च बढ़ सकता है. निवेश फिलहाल टालें.
- धनु (Sagittarius)- आत्मविश्वास में कमी और स्वास्थ्य पर असर. संयमित रहें.
- मकर (Capricorn)- गोपनीय शत्रु सक्रिय हो सकते हैं. आध्यात्मिकता से लाभ मिलेगा.
- कुंभ (Aquarius)- दोस्तों और सामाजिक दायरे में मतभेद. संयमित भाषा का प्रयोग करें.
- मीन (Pisces)- मानसिक तनाव और करियर में बाधाएं. ध्यान और पूजा से राहत मिलेगी.
82 मिनट की रहस्यमयी रात में क्या करें?
- खगोलप्रेमियों के लिए: कैमरा और ट्राइपॉड के साथ ब्लड मून को कैद करें.
- धार्मिक दृष्टि से ग्रहणकाल में मंत्र जाप और ग्रहण के बाद स्नान और दान करें.
- ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह समय आत्ममंथन, ध्यान और कर्म सुधार का है.
धार्मिक मान्यता और सूतक का समय
हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू होता है. इस दौरान भोजन बनाना वर्जित होता है. धार्मिक अनुष्ठान रोक दिए जाते हैं. गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.
ग्रहण के दौरान क्या करें?
विष्णु या शिव मंत्रों का जाप करें. दीपक जलाकर नकारात्मक ऊर्जा को दूर करें. मौन साधना या ध्यान करें.
ग्रहण के बाद क्या करें?
गंगाजल से स्नान करें और घर में छिड़काव करें. जरूरतमंदों को दान दें, विशेषकर अन्न, कपड़े या धन. दूषित भोजन फेंक दें और ताजा भोजन तैयार करें.
7 सितंबर 2025 की यह 82 मिनट की रहस्यमयी रात केवल एक खगोलीय घटना नहीं है. यह वह क्षण है जब आकाशीय ग्रह-नक्षत्र हमें याद दिलाते हैं कि ब्रह्मांड के हर परिवर्तन का सीधा असर हमारे जीवन, विचार और आध्यात्मिक ऊर्जा पर पड़ता है. लाल चंद्रमा, शनि देव और वरुण ग्रह तीनों का एक साथ दर्शन आकाशीय हलचल और आध्यात्मिक चेतना का अनुभव कराएगा.
FAQs
Q1. क्या चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से देखना सुरक्षित है?
हां, यह पूरी तरह सुरक्षित है. सौर ग्रहण के विपरीत किसी विशेष चश्मे की आवश्यकता नहीं.
Q2. क्या सूतक काल में पूजा की जा सकती है?
पारंपरिक मान्यता में पूजा वर्जित है, लेकिन मंत्र जाप और ध्यान शुभ माने जाते हैं.
Q3. चंद्र ग्रहण का समय कितना होगा?
यह लगभग 82 मिनट तक चलेगा और भारत सहित एशिया, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया से दिखाई देगा.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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