Krishna Ji Ki Chhathi 2025: कान्हा जी की छठी कब ? क्यों लगता है श्रीकृष्ण को कढ़ी चावल का भोग

Krishna Chhatti 2025: श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के बाद बाल गोपाल की छठी भी मनाई जाती है. इस साल कान्हा जी की छठी 21 अगस्त 2025 को है. हिंदू धर्म शिशु के जन्म के बाद उसकी छठी का कार्यक्रम करने का विधान है. कृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त को थी. ऐसे में भाद्रपद शुक्ल अष्टमी तिथि पर हुआ था ऐसे में छह दिन बाद यानी चतुर्दशी को उनकी छठी मनाई जाती है. क्यों मनाते हैं छठी ? शास्त्रों के अनुसार जब बच्चा पैदा होता है, तो वह अशुद्ध होता है. बच्चे के जन्म के पांच दिन बाद छठे दिन बच्चे को नहलाकर उसे शुद्ध किया जाता है. नए वस्त्र पहनाए जाते हैं. कान्हा जी की छठी में विशेष प्रकार का भोग भी बनता है. छठी माता से बच्चे की दीर्घायु और उज्जवल भविष्य के लिए इस दिन पूजन करने की भी मान्यता है. छठी पूजन 2025 मुहूर्त ? ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04:26 से 05:10 तक अभिजित मुहूर्त - दोपहर 11:58 से 12:50 तक विजय मुहूर्त - दोपहर 02:34 से 03:26 तक गोधूलि मुहूर्त - शाम 06:54 से 07:16 तक अमृत काल - शाम 05:49 से 07:24 तक छठी का इतिहास त्रेता युग में जब भगवान राम का जन्म हुआ था, तो उनके जन्म के छठे दिन समारोह मनाया गया था. वही परंपरा आज कलयुग में भी मनाई जाती है. कैसे करते हैं छठी पूजन कान्हा जी की छठी पूजन में सबसे पहले बाल गोपाल को स्नान कराया जाता है. नए वस्त्र, मोरपंक, बांसुरी, और आभूषण आदि से विशेष श्रृंगार करते हैं. फिर इसके बाद अपने लड्डू गोपाल को चंदन, केसर, हल्दी, फल, फूल, धूप, दीप, अर्पित किया जाता है. फिर उनका नाम करण करने के लिए जिस नाम से उन्हें आप पूजते हों, वह नाम बुलाएं और पूरे साल उनकी उसी नाम से साधना करें. कढ़ी चावल, पेड़ा,माखन मिश्री का भोग लगाएं. क्यों लगता है छठी पर कढ़ी चावल का भोग ? दही, बेसन सात्विक भोजन की श्रेणी में आते हैं. इसके साथ ही भगवान कृष्ण को दही, काफी प्रिय है. कहते हैं कि इस सात्विक भोजन से शीतलता मिलती है और यह पचाने में आसान होता है और पौष्टिक होता है. इसलिए छठी वाले दिन कढ़ी चावल का भोग जरुर चढ़ाया जाता है. Antim Sanskar: सुहागिन की मृत्यु पर क्यों करते हैं 16 श्रृंगार? रहस्य जानकर चौंक जाएंगे! Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Aug 20, 2025 - 18:30
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Krishna Ji Ki Chhathi 2025: कान्हा जी की छठी कब ? क्यों लगता है श्रीकृष्ण को कढ़ी चावल का भोग

Krishna Chhatti 2025: श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के बाद बाल गोपाल की छठी भी मनाई जाती है. इस साल कान्हा जी की छठी 21 अगस्त 2025 को है. हिंदू धर्म शिशु के जन्म के बाद उसकी छठी का कार्यक्रम करने का विधान है. कृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त को थी. ऐसे में भाद्रपद शुक्ल अष्टमी तिथि पर हुआ था ऐसे में छह दिन बाद यानी चतुर्दशी को उनकी छठी मनाई जाती है.

क्यों मनाते हैं छठी ?

शास्त्रों के अनुसार जब बच्चा पैदा होता है, तो वह अशुद्ध होता है. बच्चे के जन्म के पांच दिन बाद छठे दिन बच्चे को नहलाकर उसे शुद्ध किया जाता है. नए वस्त्र पहनाए जाते हैं. कान्हा जी की छठी में विशेष प्रकार का भोग भी बनता है. छठी माता से बच्चे की दीर्घायु और उज्जवल भविष्य के लिए इस दिन पूजन करने की भी मान्यता है.

छठी पूजन 2025 मुहूर्त ?

  • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04:26 से 05:10 तक
  • अभिजित मुहूर्त - दोपहर 11:58 से 12:50 तक
  • विजय मुहूर्त - दोपहर 02:34 से 03:26 तक
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06:54 से 07:16 तक
  • अमृत काल - शाम 05:49 से 07:24 तक

छठी का इतिहास

त्रेता युग में जब भगवान राम का जन्म हुआ था, तो उनके जन्म के छठे दिन समारोह मनाया गया था. वही परंपरा आज कलयुग में भी मनाई जाती है.

कैसे करते हैं छठी पूजन

कान्हा जी की छठी पूजन में सबसे पहले बाल गोपाल को स्नान कराया जाता है. नए वस्त्र, मोरपंक, बांसुरी, और आभूषण आदि से विशेष श्रृंगार करते हैं. फिर इसके बाद अपने लड्डू गोपाल को चंदन, केसर, हल्दी, फल, फूल, धूप, दीप, अर्पित किया जाता है. फिर उनका नाम करण करने के लिए जिस नाम से उन्हें आप पूजते हों, वह नाम बुलाएं और पूरे साल उनकी उसी नाम से साधना करें. कढ़ी चावल, पेड़ा,माखन मिश्री का भोग लगाएं.

क्यों लगता है छठी पर कढ़ी चावल का भोग ?

दही, बेसन सात्विक भोजन की श्रेणी में आते हैं. इसके साथ ही भगवान कृष्ण को दही, काफी प्रिय है. कहते हैं कि इस सात्विक भोजन से शीतलता मिलती है और यह पचाने में आसान होता है और पौष्टिक होता है. इसलिए छठी वाले दिन कढ़ी चावल का भोग जरुर चढ़ाया जाता है.

Antim Sanskar: सुहागिन की मृत्यु पर क्यों करते हैं 16 श्रृंगार? रहस्य जानकर चौंक जाएंगे!

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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