Kajari Teej 2025: कजरी तीज के 17 नियम, जिसके बिना अधूरी है पूजा
पति की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए विवाहित महिलाएं कई तीज का व्रत रखती हैं, जिसमें 'कजरी तीज' (Kajari Teej 2025) भी एक है. इसे कजली तीज के नाम से भी जाना जाता है. भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज का त्यौहार मनाया जाता है. सुहागिन महिलाओं के लिए यह पर्व विशेष स्थान रखता है. मंगलवार 12 अगस्त 2025 को सुहागिन महिलाएं कजरी तीज का व्रत रखेंगी. इसे कठिन व्रतों में एक माना जाता है. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर मां पार्वती और शिवजी की पूजा करती हैं. मान्यता है कि जो महिलाएं पूरे विधि विधान से और नियम पूर्वक इस व्रत को करती हैं, उनके पति की आयु लंबी होती है और वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है. लेकिन व्रत से जुड़े कुछ जरूरी नियम भी होते हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है. आइए जानते हैं कजरी तीज के महत्वपूर्ण 17 नियमों के बारे में जिनका पालन व्रत के दौरान महिलाओं को जरूर करना चाहिए. कजरी तीज के 17 महत्वपूर्ण नियम (17 Rules of Kajari Teej) कजरी तीज पर व्रती को निर्जला व्रत रखना चाहिए. अधिकांश महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं. स्वाथ्य परेशानी हो तो पूजा के बाद फलाहार भी किया जा सकता है. इस दिन मिट्टी या पीतल की प्रतिमा में शिव-पार्वती का पूजन करना चाहिए. माता पार्वती को पूजा में श्रृंगार का सामान जरूर अर्पित करना चाहिए. कजरी तीज के दिन नीम वृक्ष की पूजा करने का भी महत्व है. कजरी तीज पर महिलाओं को एक साथ मिलकर पारंपरिक लोकगीत गाने चागिए. पूजा में कजरी तीज की व्रत कथा जरूर पढ़ें या सुने. इसके बिना भी व्रत अधूरा माना जाता है. व्रत के दौरान वाणी-व्यवहार में संयम रखें. अत्यधिक क्रोध, कटु वचन और नकारात्मक विचारों से दूर रहें. व्रती महिला को व्रत के दौरान झाड़ू न लगाना चाहिए और न ही झाड़ू को स्पर्श करना चाहिए. कजरी तीज के दिन सुहागिन महिलाओं को काला, नीला, सफेद, भूरा आदि जैसे रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. कजरी तीज के दिन महिलाएं नाखुल या बाल काटने से भी बचें. यह अशुभ माना जाता है. महिलाओं को इस दिन झूला भी झूलना चाहिए. कजरी तीज पर यदि महिलाएं संगठित या सामूहिक रूप से पूजा करें तो यह शुभ होता है. इससे पूजा का पुण्य अधिक मिलता है. कजरी तीज के दिन बाल धोने से भी बचें. आप व्रत के एक दिन पूर्व ही बाल धो लें. कजरी तीज के व्रत वाले दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें. कजरी तीज की पूजा करते समय अपना सिर जरूर ढ़कें. आप सिर पर लाल चुनरी या साड़ी का पल्लू भी रख सकती है. व्रत का पारण करने से पहले दान-दक्षिणा जरूर देनी चाहिए. व्रत खोलने से पहले पति, सास-ससुर या घर के बड़ों का आशीर्वाद जरूर लें. Q. क्या कुंवाली कन्याएं कजरी तीज का व्रत रख सकती हैं?A. हां, अच्छे वर की कामना के लिए कुंवारी कन्याएं भी यह व्रत रख सकती हैं. Q. कजरी तीज पर कौन-से गीत गाए जाते हैं?A. कजरी तीज पर पारंपरिक लोकगीत गाए जाते हैं. Q. कजरी तीज पर कौन-सी देवी-देवता की पूजा होती है?A. इस दिन मुख्य रूर से शिव-गौरी की पूजा होती है. साथ ही नीम वृक्ष की पूजा का भी महत्व है. Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

पति की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए विवाहित महिलाएं कई तीज का व्रत रखती हैं, जिसमें 'कजरी तीज' (Kajari Teej 2025) भी एक है. इसे कजली तीज के नाम से भी जाना जाता है. भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज का त्यौहार मनाया जाता है. सुहागिन महिलाओं के लिए यह पर्व विशेष स्थान रखता है.
मंगलवार 12 अगस्त 2025 को सुहागिन महिलाएं कजरी तीज का व्रत रखेंगी. इसे कठिन व्रतों में एक माना जाता है. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर मां पार्वती और शिवजी की पूजा करती हैं. मान्यता है कि जो महिलाएं पूरे विधि विधान से और नियम पूर्वक इस व्रत को करती हैं, उनके पति की आयु लंबी होती है और वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है. लेकिन व्रत से जुड़े कुछ जरूरी नियम भी होते हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है. आइए जानते हैं कजरी तीज के महत्वपूर्ण 17 नियमों के बारे में जिनका पालन व्रत के दौरान महिलाओं को जरूर करना चाहिए.
कजरी तीज के 17 महत्वपूर्ण नियम (17 Rules of Kajari Teej)
- कजरी तीज पर व्रती को निर्जला व्रत रखना चाहिए. अधिकांश महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं. स्वाथ्य परेशानी हो तो पूजा के बाद फलाहार भी किया जा सकता है.
- इस दिन मिट्टी या पीतल की प्रतिमा में शिव-पार्वती का पूजन करना चाहिए.
- माता पार्वती को पूजा में श्रृंगार का सामान जरूर अर्पित करना चाहिए.
- कजरी तीज के दिन नीम वृक्ष की पूजा करने का भी महत्व है.
- कजरी तीज पर महिलाओं को एक साथ मिलकर पारंपरिक लोकगीत गाने चागिए.
- पूजा में कजरी तीज की व्रत कथा जरूर पढ़ें या सुने. इसके बिना भी व्रत अधूरा माना जाता है.
- व्रत के दौरान वाणी-व्यवहार में संयम रखें. अत्यधिक क्रोध, कटु वचन और नकारात्मक विचारों से दूर रहें.
- व्रती महिला को व्रत के दौरान झाड़ू न लगाना चाहिए और न ही झाड़ू को स्पर्श करना चाहिए.
- कजरी तीज के दिन सुहागिन महिलाओं को काला, नीला, सफेद, भूरा आदि जैसे रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए.
- कजरी तीज के दिन महिलाएं नाखुल या बाल काटने से भी बचें. यह अशुभ माना जाता है.
- महिलाओं को इस दिन झूला भी झूलना चाहिए.
- कजरी तीज पर यदि महिलाएं संगठित या सामूहिक रूप से पूजा करें तो यह शुभ होता है. इससे पूजा का पुण्य अधिक मिलता है.
- कजरी तीज के दिन बाल धोने से भी बचें. आप व्रत के एक दिन पूर्व ही बाल धो लें.
- कजरी तीज के व्रत वाले दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें.
- कजरी तीज की पूजा करते समय अपना सिर जरूर ढ़कें. आप सिर पर लाल चुनरी या साड़ी का पल्लू भी रख सकती है.
- व्रत का पारण करने से पहले दान-दक्षिणा जरूर देनी चाहिए.
- व्रत खोलने से पहले पति, सास-ससुर या घर के बड़ों का आशीर्वाद जरूर लें.
Q. क्या कुंवाली कन्याएं कजरी तीज का व्रत रख सकती हैं?
A. हां, अच्छे वर की कामना के लिए कुंवारी कन्याएं भी यह व्रत रख सकती हैं.
Q. कजरी तीज पर कौन-से गीत गाए जाते हैं?
A. कजरी तीज पर पारंपरिक लोकगीत गाए जाते हैं.
Q. कजरी तीज पर कौन-सी देवी-देवता की पूजा होती है?
A. इस दिन मुख्य रूर से शिव-गौरी की पूजा होती है. साथ ही नीम वृक्ष की पूजा का भी महत्व है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
What's Your Reaction?






