Jamaat-E-Islami Hind: ट्रंप ने भारत पर लगाया 50% टैरिफ तो जमात-ए-इस्लामी का आया पहला रिएक्शन, कहा- 'अमेरिका का हमारे देश...'
जमात ए इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैय्यद सादातुल्लाह हुसैनी ने शनिवार को अमेरिकी टैरिफ, शरजील इमाम और आएरएसएस समेत कई मुद्दों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि अमेरिका के टैरिफ का हमारे भारत की अर्थव्यवस्था पर खासतौर पर गरीब लोगों पर जो प्रभाव पड़ रहा है उसे हम समझते हैं. हुसैनी ने कहा कि जो स्टैटिसटिक्स आ रहे हैं उसके मुताबिक सिर्फ सूरत में जो डायमंड कटिंग इंडस्ट्री है उसमें 15 लाख से ज्यादा वर्क्स प्रभावित हुए हैं. उत्तर प्रदेश में ढाई हजार करोड़ से ज्यादा की कार्पेट सटक है, तिरुपुर जहां पर तमिलनाडु में कोयंबटूर के करीब जो टैक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग एक्सपोर्ट कपड़ा मार्क्स है वहां बहुत सारी यूनिट्स बंद होने के करीब पहुंच चुकी है. यह हमारी जीडीपी पर बहुत बुरा असर डालेंगे और खास तौर पर जो गरीब लोग हैं मजदूर हैं छोटे-छोटे व्यापारी हैं उन पर इसका बहुत बड़ा असर पड़ेगा. उमर खालिद और शरजील इमाम के मसले पर क्या कहा? उमर खालिद और शरजील इमाम के मामले को लेकर उन्होंने कहा कि वो 2020 से 5 सालों से जेल में बंद हैं. उनका ट्रायल तक शुरू नहीं हुआ है और अब हाई कोर्ट ने उनको बेल देने से भी इनकार किया है तो हम समझते हैं ये बड़ा जालिमाना है. उन्हें बेल दी जानी चाहिए तो बगैर प्रॉपर ट्रायल के ट्रायल शुरू हुए 5-5 साल तक लोगों को जेल में बंद रखना इंसाफ के खिलाफ है. हुसैनी ने कहा कि इस तरह जेल में रखना ये बहुत ही बड़ा जुल्म है. यह प्रक्रिया खुद एक पनिशमेंट बन गई है. सभी चीजों के लीगल प्रोसेस हैं. अदालत में मुकदमा चलेगा और अगर कुसूर साबित होता है तो सजा होगी साबित नहीं होगा तो बरी होंगे. आरएसएस को लेकर क्या कहा? आरएसएस नेताओं से मुलाकात के मामले को लेकर जमात ए इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैय्यद सादातुल्लाह हुसैनी ने कहा कि हमारे पास ऐसा कोई ऑफर आता है तो हम देखेंगे. बात करना चाहते हैं और भविष्य में जो कुछ होता रहा है उसके बारे में क्या वह सोचते हैं. उन्होंने आगे स्पष्ट करते हुए कहा कि जब हमारे पास इस तरह की कोई दावत आएगी तब हम उस पर कोई स्टैंड लेंगे. ये भी पढ़ें PM Modi on Trump: 'उनकी भावनाओं की सराहना...', डोनाल्ड ट्रंप के 'दोस्ती' वाले बयान पर PM मोदी का आया पहला रिएक्शन

जमात ए इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैय्यद सादातुल्लाह हुसैनी ने शनिवार को अमेरिकी टैरिफ, शरजील इमाम और आएरएसएस समेत कई मुद्दों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि अमेरिका के टैरिफ का हमारे भारत की अर्थव्यवस्था पर खासतौर पर गरीब लोगों पर जो प्रभाव पड़ रहा है उसे हम समझते हैं.
हुसैनी ने कहा कि जो स्टैटिसटिक्स आ रहे हैं उसके मुताबिक सिर्फ सूरत में जो डायमंड कटिंग इंडस्ट्री है उसमें 15 लाख से ज्यादा वर्क्स प्रभावित हुए हैं. उत्तर प्रदेश में ढाई हजार करोड़ से ज्यादा की कार्पेट सटक है, तिरुपुर जहां पर तमिलनाडु में कोयंबटूर के करीब जो टैक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग एक्सपोर्ट कपड़ा मार्क्स है वहां बहुत सारी यूनिट्स बंद होने के करीब पहुंच चुकी है. यह हमारी जीडीपी पर बहुत बुरा असर डालेंगे और खास तौर पर जो गरीब लोग हैं मजदूर हैं छोटे-छोटे व्यापारी हैं उन पर इसका बहुत बड़ा असर पड़ेगा.
उमर खालिद और शरजील इमाम के मसले पर क्या कहा?
उमर खालिद और शरजील इमाम के मामले को लेकर उन्होंने कहा कि वो 2020 से 5 सालों से जेल में बंद हैं. उनका ट्रायल तक शुरू नहीं हुआ है और अब हाई कोर्ट ने उनको बेल देने से भी इनकार किया है तो हम समझते हैं ये बड़ा जालिमाना है. उन्हें बेल दी जानी चाहिए तो बगैर प्रॉपर ट्रायल के ट्रायल शुरू हुए 5-5 साल तक लोगों को जेल में बंद रखना इंसाफ के खिलाफ है.
हुसैनी ने कहा कि इस तरह जेल में रखना ये बहुत ही बड़ा जुल्म है. यह प्रक्रिया खुद एक पनिशमेंट बन गई है. सभी चीजों के लीगल प्रोसेस हैं. अदालत में मुकदमा चलेगा और अगर कुसूर साबित होता है तो सजा होगी साबित नहीं होगा तो बरी होंगे.
आरएसएस को लेकर क्या कहा?
आरएसएस नेताओं से मुलाकात के मामले को लेकर जमात ए इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैय्यद सादातुल्लाह हुसैनी ने कहा कि हमारे पास ऐसा कोई ऑफर आता है तो हम देखेंगे. बात करना चाहते हैं और भविष्य में जो कुछ होता रहा है उसके बारे में क्या वह सोचते हैं. उन्होंने आगे स्पष्ट करते हुए कहा कि जब हमारे पास इस तरह की कोई दावत आएगी तब हम उस पर कोई स्टैंड लेंगे.
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