ITR Filing 2025: कितनी आय पर जरूरी है इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना? जानिए नया नियम

ITR Filing 2025: जैसे-जैसे इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने का सीज़न नज़दीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे लोगों के मन में एक सवाल बार-बार उठ रहा है कि क्या मुझे ITR फाइल करना चाहिए? अगर मेरी सालाना आमदनी टैक्स की सीमा से कम है तो भी क्या मुझे आईटीआर फाइल करना चाहिए? चलिए इस सवाल का जवाब आसान भाषा में समझते हैं. कब जरूरी है ITR फाइल करना? भारतीय टैक्स कानूनों के अनुसार, अगर आपकी सालाना आय निर्धारित बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से अधिक है, तो ITR फाइल करना आपके लिए अनिवार्य हो जाता है. यह सीमा इस बात पर निर्भर करती है कि आप पुराना टैक्स रेजीम चुनते हैं या नया टैक्स रेजीम. पुराने टैक्स रेजीम के अंतर्गत छूट सीमा 60 वर्ष से कम आयु- 2.5 लाख 60 से 80 वर्ष (सीनियर सिटीजन)- 3 लाख 80 वर्ष से अधिक (सुपर सीनियर सिटीजन)- 5 लाख नए टैक्स रेजीम के अंतर्गत छूट सीमा सभी व्यक्तियों के लिए- 3 लाख हालांकि, वित्त वर्ष 2025 के बजट में इस सीमा को बढ़ाकर 4 लाख कर दिया गया है. कम आय होने पर भी कब ज़रूरी है ITR फाइल करना? ऐसे कई हालात हैं, जब आपकी आय टैक्स सीमा से कम होने पर भी ITR फाइल करना ज़रूरी हो जाता है. अगर आपने अपने सेविंग अकाउंट में एक साल में 50 लाख से अधिक की राशि जमा की है अगर करंट अकाउंट में 1 करोड़ से ज्यादा की रकम जमा की है अगर व्यवसाय का सालाना टर्नओवर 60 लाख से अधिक है पेशेवर आय 10 लाख से अधिक होने पर सालाना बिजली का बिल 1 लाख से ज्यादा हो अगर आप पर 25,000 या उससे अधिक TDS (सीनियर सिटीज़न के लिए 50,000) कटा है अगर आपके पास विदेशी संपत्ति, खाता या किसी विदेशी फाइनेंशियल अकाउंट में हिस्सेदारी है अगर आपने खुद या किसी और के लिए 2 लाख से ज्यादा की विदेशी यात्रा की है ITR फाइल करने के फायदे ITR फाइल करना केवल कानूनी जरूरत नहीं है, बल्कि इसके कई फायदे भी हैं- टैक्स डिडक्शन (TDS) का रिफंड पाने के लिए पूंजी हानि (Capital Loss) को अगली साल के लिए कैरी फॉरवर्ड करने के लिए बैंक लोन, क्रेडिट कार्ड या वीजा आवेदन के समय आय प्रमाण के रूप में वित्तीय पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए समझदारी और सुरक्षा दोनों है ITR अगर आपकी आय टैक्स छूट सीमा से कम है, तो भले ही कानूनन ITR फाइल करना जरूरी न हो, लेकिन वित्तीय समझदारी के लिहाज से यह कदम बेहद ज़रूरी हो जाता है. इससे न सिर्फ आप सरकार के नियमों के अनुसार आगे बढ़ते हैं, बल्कि भविष्य के लिए भी मजबूत वित्तीय नींव तैयार करते हैं. ITR फाइल करना सिर्फ फॉर्म भरना नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक और स्मार्ट निवेशक बनने की ओर पहला कदम है. ये भी पढ़ें: बैंक डूबने पर अब 5 लाख नहीं और ज्यादा मिल सकती है रकम, जानिए RBI क्या प्लान कर रहा है?

May 27, 2025 - 23:30
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ITR Filing 2025: कितनी आय पर जरूरी है इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना? जानिए नया नियम

ITR Filing 2025: जैसे-जैसे इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने का सीज़न नज़दीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे लोगों के मन में एक सवाल बार-बार उठ रहा है कि क्या मुझे ITR फाइल करना चाहिए? अगर मेरी सालाना आमदनी टैक्स की सीमा से कम है तो भी क्या मुझे आईटीआर फाइल करना चाहिए? चलिए इस सवाल का जवाब आसान भाषा में समझते हैं.

कब जरूरी है ITR फाइल करना?

भारतीय टैक्स कानूनों के अनुसार, अगर आपकी सालाना आय निर्धारित बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से अधिक है, तो ITR फाइल करना आपके लिए अनिवार्य हो जाता है. यह सीमा इस बात पर निर्भर करती है कि आप पुराना टैक्स रेजीम चुनते हैं या नया टैक्स रेजीम.

पुराने टैक्स रेजीम के अंतर्गत छूट सीमा

60 वर्ष से कम आयु- 2.5 लाख

60 से 80 वर्ष (सीनियर सिटीजन)- 3 लाख

80 वर्ष से अधिक (सुपर सीनियर सिटीजन)- 5 लाख

नए टैक्स रेजीम के अंतर्गत छूट सीमा

सभी व्यक्तियों के लिए- 3 लाख

हालांकि, वित्त वर्ष 2025 के बजट में इस सीमा को बढ़ाकर 4 लाख कर दिया गया है.

कम आय होने पर भी कब ज़रूरी है ITR फाइल करना?

ऐसे कई हालात हैं, जब आपकी आय टैक्स सीमा से कम होने पर भी ITR फाइल करना ज़रूरी हो जाता है.

अगर आपने अपने सेविंग अकाउंट में एक साल में 50 लाख से अधिक की राशि जमा की है

अगर करंट अकाउंट में 1 करोड़ से ज्यादा की रकम जमा की है

अगर व्यवसाय का सालाना टर्नओवर 60 लाख से अधिक है

पेशेवर आय 10 लाख से अधिक होने पर

सालाना बिजली का बिल 1 लाख से ज्यादा हो

अगर आप पर 25,000 या उससे अधिक TDS (सीनियर सिटीज़न के लिए 50,000) कटा है

अगर आपके पास विदेशी संपत्ति, खाता या किसी विदेशी फाइनेंशियल अकाउंट में हिस्सेदारी है

अगर आपने खुद या किसी और के लिए 2 लाख से ज्यादा की विदेशी यात्रा की है

ITR फाइल करने के फायदे

ITR फाइल करना केवल कानूनी जरूरत नहीं है, बल्कि इसके कई फायदे भी हैं-

टैक्स डिडक्शन (TDS) का रिफंड पाने के लिए

पूंजी हानि (Capital Loss) को अगली साल के लिए कैरी फॉरवर्ड करने के लिए

बैंक लोन, क्रेडिट कार्ड या वीजा आवेदन के समय आय प्रमाण के रूप में

वित्तीय पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए

समझदारी और सुरक्षा दोनों है ITR

अगर आपकी आय टैक्स छूट सीमा से कम है, तो भले ही कानूनन ITR फाइल करना जरूरी न हो, लेकिन वित्तीय समझदारी के लिहाज से यह कदम बेहद ज़रूरी हो जाता है. इससे न सिर्फ आप सरकार के नियमों के अनुसार आगे बढ़ते हैं, बल्कि भविष्य के लिए भी मजबूत वित्तीय नींव तैयार करते हैं. ITR फाइल करना सिर्फ फॉर्म भरना नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक और स्मार्ट निवेशक बनने की ओर पहला कदम है.

ये भी पढ़ें: बैंक डूबने पर अब 5 लाख नहीं और ज्यादा मिल सकती है रकम, जानिए RBI क्या प्लान कर रहा है?

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