Independence Day 2025: भारतीय टीम के 3 खिलाड़ी, जो आजादी के बाद पाकिस्तान के लिए खेले क्रिकेट
15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजी हुकूमत की गुलामी से आजाद हुआ था. आजादी के साथ भारत के दो हिस्से भी हुए, पाकिस्तान एक स्वतंत्र देश बन गया था. आजादी की लड़ाई और फिर भारत-पाकिस्तान बंटवारे में कई लोगों की जान गई, कई परिवार आपस में बिछड़े. तब से दोनों देशों के बीच रिश्ते अच्छे नहीं रहे, क्रिकेट में अब दोनों टीमें द्विपक्षीय सीरीज भी नहीं खेलती. लेकिन आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हम आपको उन 3 क्रिकेटर्स के बारे में बता रहे हैं जो भारत और पाकिस्तान, दोनों देशों की क्रिकेट टीम में खेले. अब्दुल हफीज करदार अब्दुल हफीज करदार को पाकिस्तान क्रिकेट का जनक कहा जाता है. वह अपने दौर के सबसे प्रभावशाली क्रिकेटर्स में से एक थे. बाएं हाथ के बल्लेबाज़ करदार गेंदबाजों के ऊपर से स्ट्रेट ड्राइव मारने के लिए जाने जाते थे, वह स्पिन गेंदबाजी भी करते थे. करदार ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए 23 मैच खेले, इससे पहले उन्होंने भारत के लिए 3 टेस्ट मैच खेले थे. अब्दुल हफीज करदार 1952 में पाकिस्तान के कप्तान बने और उनका पहला मैच भारत के खिलाफ ही था. आमिर इलाही आमिर इलाही अपने समय के शानदार गेंदबाजों में शामिल थे, उन्होंने 119 मैचों में 506 विकेट लिए थे. उन्होंने अपना करियर मीडियम पेसर के रूप में शुरू किया था, बाद में लेग-ब्रेक गेंदबाजी में बदल गए. इलाही ने 1947 में सिडनी में भारत के लिए डेब्यू किया था, लेकिन भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद पाकिस्तान टीम के लिए खेले. उन्होंने 1952-53 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए 5 मैच खेले थे. गुल मोहम्मद 22 जून 1946 को भारतीय टीम के लिए डेब्यू करने वाले गुल मोहम्मद ने 11 अक्टूबर 1956 को अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच पाकिस्तान के लिए खेला. बाएं हाथ के बल्लेबाज गुल मोहम्मद अपने विस्फोटक अंदाज में बल्लेबाजी और शानदार फील्डिंग के लिए मशहूर थे. गुल मोहम्मद की सबसे मशहूर पारी 319 रन की है, जो उन्होंने बड़ौदा क्रिकेट टीम के खिलाफ 1946/47 रणजी ट्रॉफी में खेली थी.

15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजी हुकूमत की गुलामी से आजाद हुआ था. आजादी के साथ भारत के दो हिस्से भी हुए, पाकिस्तान एक स्वतंत्र देश बन गया था. आजादी की लड़ाई और फिर भारत-पाकिस्तान बंटवारे में कई लोगों की जान गई, कई परिवार आपस में बिछड़े. तब से दोनों देशों के बीच रिश्ते अच्छे नहीं रहे, क्रिकेट में अब दोनों टीमें द्विपक्षीय सीरीज भी नहीं खेलती. लेकिन आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हम आपको उन 3 क्रिकेटर्स के बारे में बता रहे हैं जो भारत और पाकिस्तान, दोनों देशों की क्रिकेट टीम में खेले.
अब्दुल हफीज करदार
अब्दुल हफीज करदार को पाकिस्तान क्रिकेट का जनक कहा जाता है. वह अपने दौर के सबसे प्रभावशाली क्रिकेटर्स में से एक थे. बाएं हाथ के बल्लेबाज़ करदार गेंदबाजों के ऊपर से स्ट्रेट ड्राइव मारने के लिए जाने जाते थे, वह स्पिन गेंदबाजी भी करते थे.
करदार ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए 23 मैच खेले, इससे पहले उन्होंने भारत के लिए 3 टेस्ट मैच खेले थे. अब्दुल हफीज करदार 1952 में पाकिस्तान के कप्तान बने और उनका पहला मैच भारत के खिलाफ ही था.
आमिर इलाही
आमिर इलाही अपने समय के शानदार गेंदबाजों में शामिल थे, उन्होंने 119 मैचों में 506 विकेट लिए थे. उन्होंने अपना करियर मीडियम पेसर के रूप में शुरू किया था, बाद में लेग-ब्रेक गेंदबाजी में बदल गए. इलाही ने 1947 में सिडनी में भारत के लिए डेब्यू किया था, लेकिन भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद पाकिस्तान टीम के लिए खेले. उन्होंने 1952-53 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए 5 मैच खेले थे.
गुल मोहम्मद
22 जून 1946 को भारतीय टीम के लिए डेब्यू करने वाले गुल मोहम्मद ने 11 अक्टूबर 1956 को अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच पाकिस्तान के लिए खेला. बाएं हाथ के बल्लेबाज गुल मोहम्मद अपने विस्फोटक अंदाज में बल्लेबाजी और शानदार फील्डिंग के लिए मशहूर थे. गुल मोहम्मद की सबसे मशहूर पारी 319 रन की है, जो उन्होंने बड़ौदा क्रिकेट टीम के खिलाफ 1946/47 रणजी ट्रॉफी में खेली थी.
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