IAS को ठुकराकर चुनी वर्दी की राह, जानें IPS आशना चौधरी की कहानी

यूपीएससी परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिना जाता है, हर साल लाखों युवा इसे पास करने का सपना देखते हैं, लेकिन सफलता सिर्फ कुछ ही लोगों को मिलती है. आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसी होनहार और जिद्दी युवती की, जिसने IAS सेवा को ठुकराकर IPS का रास्ता चुना. हम बात कर रहे हैं IPS आशना चौधरी की, जिनकी सफलता की कहानी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है.“PhD फैमिली” से निकलकर वर्दी की ओरआशना चौधरी उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के पिलखुवा कस्बे की रहने वाली हैं. उनका परिवार शिक्षा के क्षेत्र में काफी आगे है और इसलिए वे खुद को “PhD Family” का हिस्सा बताती हैं. उनके घर में कई सदस्य प्रोफेसर हैं और उनके पिता सरकारी सेवा को काफी सम्मान की नजर से देखते थे. यही वजह रही कि आशना ने भी देश की सेवा के लिए UPSC परीक्षा देने का फैसला किया.शिक्षा से मजबूत रखी नींवआशना ने 12वीं तक की पढ़ाई गाजियाबाद से की थी, जहां उन्होंने ह्यूमैनिटीज स्ट्रीम चुनी. इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य (English Literature) में ग्रेजुएशन किया. लेकिन यहीं नहीं रुकीं. उन्होंने South Asian University, दिल्ली से इंटरनेशनल रिलेशंस में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया. शिक्षा का यह मजबूत आधार उनकी सफलता की बुनियाद बना.दो बार असफल, फिर भी नहीं मानी हारUPSC की तैयारी आशना ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के एक साल बाद शुरू की. पहले दो प्रयासों में उन्हें असफलता हाथ लगी. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत जारी रखी. आखिरकार साल 2023 में तीसरे प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 116 (AIR 116) हासिल कर ली. यह उनके धैर्य, अनुशासन और आत्मविश्वास का नतीजा था.IAS को ठुकरा कर IPS क्यों?आशना को उनकी रैंक के आधार पर IAS सेवा मिल सकती थी, लेकिन उन्होंने अपने दिल की सुनी. उनका सपना हमेशा से IPS अधिकारी बनने का था. उन्होंने खुद सेवा का चयन करते हुए IPS चुना और यह साबित किया कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो तो रास्ता खुद बनता है.आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणाआशना चौधरी की यह कहानी बताती है कि सपनों की ऊंचाई कोई भी हो, अगर मन में लगन और मेहनत हो, तो रास्ता जरूर निकलता है. उन्होंने ना सिर्फ UPSC परीक्षा पास की, बल्कि अपनी पसंद की सेवा भी खुद चुनी. आशना आज उन सभी युवाओं के लिए एक मिसाल हैं जो अपने मन की राह पर चलना चाहते हैं. यह भी पढ़ें- M.Tech की पढ़ाई के लिए कितना मिल सकता है एजुकेशन लोन? जानिए EMI और आसान भुगतान का तरीका

Jun 14, 2025 - 09:30
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IAS को ठुकराकर चुनी वर्दी की राह, जानें IPS आशना चौधरी की कहानी

यूपीएससी परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिना जाता है, हर साल लाखों युवा इसे पास करने का सपना देखते हैं, लेकिन सफलता सिर्फ कुछ ही लोगों को मिलती है. आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसी होनहार और जिद्दी युवती की, जिसने IAS सेवा को ठुकराकर IPS का रास्ता चुना. हम बात कर रहे हैं IPS आशना चौधरी की, जिनकी सफलता की कहानी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है.

“PhD फैमिली” से निकलकर वर्दी की ओर

आशना चौधरी उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के पिलखुवा कस्बे की रहने वाली हैं. उनका परिवार शिक्षा के क्षेत्र में काफी आगे है और इसलिए वे खुद को “PhD Family” का हिस्सा बताती हैं. उनके घर में कई सदस्य प्रोफेसर हैं और उनके पिता सरकारी सेवा को काफी सम्मान की नजर से देखते थे. यही वजह रही कि आशना ने भी देश की सेवा के लिए UPSC परीक्षा देने का फैसला किया.

शिक्षा से मजबूत रखी नींव

आशना ने 12वीं तक की पढ़ाई गाजियाबाद से की थी, जहां उन्होंने ह्यूमैनिटीज स्ट्रीम चुनी. इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य (English Literature) में ग्रेजुएशन किया. लेकिन यहीं नहीं रुकीं. उन्होंने South Asian University, दिल्ली से इंटरनेशनल रिलेशंस में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया. शिक्षा का यह मजबूत आधार उनकी सफलता की बुनियाद बना.

दो बार असफल, फिर भी नहीं मानी हार

UPSC की तैयारी आशना ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के एक साल बाद शुरू की. पहले दो प्रयासों में उन्हें असफलता हाथ लगी. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत जारी रखी. आखिरकार साल 2023 में तीसरे प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 116 (AIR 116) हासिल कर ली. यह उनके धैर्य, अनुशासन और आत्मविश्वास का नतीजा था.

IAS को ठुकरा कर IPS क्यों?

आशना को उनकी रैंक के आधार पर IAS सेवा मिल सकती थी, लेकिन उन्होंने अपने दिल की सुनी. उनका सपना हमेशा से IPS अधिकारी बनने का था. उन्होंने खुद सेवा का चयन करते हुए IPS चुना और यह साबित किया कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो तो रास्ता खुद बनता है.

आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा

आशना चौधरी की यह कहानी बताती है कि सपनों की ऊंचाई कोई भी हो, अगर मन में लगन और मेहनत हो, तो रास्ता जरूर निकलता है. उन्होंने ना सिर्फ UPSC परीक्षा पास की, बल्कि अपनी पसंद की सेवा भी खुद चुनी. आशना आज उन सभी युवाओं के लिए एक मिसाल हैं जो अपने मन की राह पर चलना चाहते हैं.

यह भी पढ़ें- M.Tech की पढ़ाई के लिए कितना मिल सकता है एजुकेशन लोन? जानिए EMI और आसान भुगतान का तरीका

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