Guru Purnima: पतंजलि योगपीठ में गुरु पूर्णिमा महोत्सव सम्पन्न, रामदेव बोले- ये भारत की गौरवशाली गुरु-शिष्य परम्परा

Guru Purnima 2025: आज (10 जुलाई) को देश भर में गुरु पूर्णिमा मनाई जा रही है. गुरु पूर्णिमा हर साल आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इसी दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. महर्षि वेद व्यास ही महाभारत के साथ ही 18 पुराणों के रचानाकार हैं. इसलिए इस दिन गुरु की उपासना की जाती है. इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है. वेद व्यास को सर्वप्रथम गुरु माना जाता है. इस मौके पर पतंजलि योगपीठ के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी रामदेव और महामंत्री आचार्य बालकृष्ण के सान्निध्य में पतंजलि वैलनेस, योगपीठ-2 स्थित योगभवन ऑडिटोरियम में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया गया. इस मौके पर स्वामी रामदेव ने क्या कहा? इस मौके पर कार्यक्राम में स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने एक-दूसरे को माला पहनाकर गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं दी. कार्यक्राम के दौरान स्वामी रामदेव ने कहा कि गुरु पूर्णिमा सनातन धर्म के रूप में स्थापित करने का पर्व है. उन्होंने आगे कहा कि यह भारत की गौरवशाली गुरु-शिष्य परम्परा और सनातन परम्परा को पूर्णता प्रदान करने का पर्व है. रामदेव ने कहा कि वेद, गुरु धर्म में राष्ट्र धर्म भी समाहित है. उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है. वर्चस्व सत्य, योग, अध्यात्म और न्याय का होना चाहिए. आचार्य बालकृष्ण ने बताया गुरु पूर्णिमा का महत्व इस अवसर पर आगे आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि गुरु पूर्णिमा पर्व गुरु और शिष्य परम्परा को प्रदर्शित करने का पर्व है. लेकिन इसकी सार्थकता तभी है जब हम अपने गुरु पर पूरी आस्था रखते हुए उनके बताए मार्ग पर चले. उन्होंने कहा कि भारत गुरु-शिष्य परम्परा, योग, आयुर्वेद, सनातन और वैदिक ज्ञान के जरिये ही विश्व गुरु बनेगा.  यह भी पढ़ें - Sawan 2025: सावन कल 11 जुलाई से शुरू, जानें कैसे और किस समय करें जलाभिषेक

Jul 10, 2025 - 22:30
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Guru Purnima: पतंजलि योगपीठ में गुरु पूर्णिमा महोत्सव सम्पन्न, रामदेव बोले- ये भारत की गौरवशाली गुरु-शिष्य परम्परा

Guru Purnima 2025: आज (10 जुलाई) को देश भर में गुरु पूर्णिमा मनाई जा रही है. गुरु पूर्णिमा हर साल आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इसी दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. महर्षि वेद व्यास ही महाभारत के साथ ही 18 पुराणों के रचानाकार हैं. इसलिए इस दिन गुरु की उपासना की जाती है. इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है.

वेद व्यास को सर्वप्रथम गुरु माना जाता है. इस मौके पर पतंजलि योगपीठ के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी रामदेव और महामंत्री आचार्य बालकृष्ण के सान्निध्य में पतंजलि वैलनेस, योगपीठ-2 स्थित योगभवन ऑडिटोरियम में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया गया.

इस मौके पर स्वामी रामदेव ने क्या कहा?

इस मौके पर कार्यक्राम में स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने एक-दूसरे को माला पहनाकर गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं दी. कार्यक्राम के दौरान स्वामी रामदेव ने कहा कि गुरु पूर्णिमा सनातन धर्म के रूप में स्थापित करने का पर्व है. उन्होंने आगे कहा कि यह भारत की गौरवशाली गुरु-शिष्य परम्परा और सनातन परम्परा को पूर्णता प्रदान करने का पर्व है.

रामदेव ने कहा कि वेद, गुरु धर्म में राष्ट्र धर्म भी समाहित है. उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है. वर्चस्व सत्य, योग, अध्यात्म और न्याय का होना चाहिए.

आचार्य बालकृष्ण ने बताया गुरु पूर्णिमा का महत्व

इस अवसर पर आगे आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि गुरु पूर्णिमा पर्व गुरु और शिष्य परम्परा को प्रदर्शित करने का पर्व है. लेकिन इसकी सार्थकता तभी है जब हम अपने गुरु पर पूरी आस्था रखते हुए उनके बताए मार्ग पर चले. उन्होंने कहा कि भारत गुरु-शिष्य परम्परा, योग, आयुर्वेद, सनातन और वैदिक ज्ञान के जरिये ही विश्व गुरु बनेगा. 

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Sawan 2025: सावन कल 11 जुलाई से शुरू, जानें कैसे और किस समय करें जलाभिषेक

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