Guru Gochar 2025: 14 मई 2025 को क्या है? क्या इस दिन 12 साल बाद गुरु मिथुन राशि में आ रहा है?
Guru Gochar 2025 in Gemini: ज्योतिष शास्त्र (Jyotish) के अनुसार देवगुरु बृहस्पति का संबंध ज्ञान, सौभाग्य, समृद्धि, वृद्धि, शिक्षा, संतान और दान-पुण्य आदि से होता है. शनि (Shanu) के बाद गुरु मंद गति से चलने वाला ग्रह है जोकि किसी राशि में लगभग 12-13 महीने तक रहता है और इसके बाद दूसरी राशि में गोचर करता है. हालांकि राहु-केतु (Rahu-Ketu) भी किसी राशि में लगभग डेढ़ साल तक रहते हैं लेकिन ये छाया ग्रह हैं. 14 मई 2025 को गुरु गोचर 14 मई 2025 को गुरु गोचर कर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे. मिथुन राशि में गुरु का यह गोचर लगभग 12 वर्ष के बाद होगा. 14 मई की रात लगभग 10 बजकर 33 मिनट पर गुरु वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में आ जाएंगे और जून 2026 तक इसी राशि में रहेंगे. मिथुन राशि में गुरु का गोचर क्यों खास वैसे तो गुरु हर 12 महीने में राशि परिवर्तन करते हैं, लेकिन मिथुन राशि में गुरु का आना कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है. इसका कारण यह है कि गुरु फिलहाल वृषभ राशि में विराजमान हैं और जैसे ही मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे गुरु अतिचारी हो जाएंगे यानी गुरु की चाल में तेजी आ जाएगी. अतिचारी होकर गुरु एक वर्ष में तीन बार गोचर करेंगे. 14 मई 2025 को गुरु मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और 6 महीने तक इसी राशि में रहेंगे इसके बाद अक्टूबर में कर्क राशि में चले जाएंगे और दिसंबर में फिर से मिथुन राशि में आ जाएंगे. ज्योतिषाचार्य निखिल कुमार बताते हैं कि मिथुन राशि में गुरु का यह गोचर इसलिए भी खास रहेगा, क्योंकि बृहस्पति को जहां विकास और विस्तार का ग्रह माना गया है, वहीं मिथुन राशि में आकर गुरु पूरे साल संचार, लचीलेपन और मानसिक विकास को बढ़ाएंगे. ऐसे में यह वर्ष शिक्षा और संचार की दिशा में परिवर्तनशील रहेगा. ज्योतिष के मुताबिक, इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि गुरु जब अतिचारी होते हैं तो इससे अजारकता,अशांति और व्यवधान भी उत्पन्न होते हैं. साथ ही सभी राशियों पर भी इसका सकारात्मक-नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. ये भी पढ़ें: Chankya Niti: चाणक्य ने बहुत साल पहले बता दिया था शत्रु से निपटने का मंत्र, आप तुरंत जान लेंDisclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Guru Gochar 2025 in Gemini: ज्योतिष शास्त्र (Jyotish) के अनुसार देवगुरु बृहस्पति का संबंध ज्ञान, सौभाग्य, समृद्धि, वृद्धि, शिक्षा, संतान और दान-पुण्य आदि से होता है. शनि (Shanu) के बाद गुरु मंद गति से चलने वाला ग्रह है जोकि किसी राशि में लगभग 12-13 महीने तक रहता है और इसके बाद दूसरी राशि में गोचर करता है. हालांकि राहु-केतु (Rahu-Ketu) भी किसी राशि में लगभग डेढ़ साल तक रहते हैं लेकिन ये छाया ग्रह हैं.
14 मई 2025 को गुरु गोचर
14 मई 2025 को गुरु गोचर कर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे. मिथुन राशि में गुरु का यह गोचर लगभग 12 वर्ष के बाद होगा. 14 मई की रात लगभग 10 बजकर 33 मिनट पर गुरु वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में आ जाएंगे और जून 2026 तक इसी राशि में रहेंगे.
मिथुन राशि में गुरु का गोचर क्यों खास
वैसे तो गुरु हर 12 महीने में राशि परिवर्तन करते हैं, लेकिन मिथुन राशि में गुरु का आना कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है. इसका कारण यह है कि गुरु फिलहाल वृषभ राशि में विराजमान हैं और जैसे ही मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे गुरु अतिचारी हो जाएंगे यानी गुरु की चाल में तेजी आ जाएगी. अतिचारी होकर गुरु एक वर्ष में तीन बार गोचर करेंगे. 14 मई 2025 को गुरु मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और 6 महीने तक इसी राशि में रहेंगे इसके बाद अक्टूबर में कर्क राशि में चले जाएंगे और दिसंबर में फिर से मिथुन राशि में आ जाएंगे.
ज्योतिषाचार्य निखिल कुमार बताते हैं कि मिथुन राशि में गुरु का यह गोचर इसलिए भी खास रहेगा, क्योंकि बृहस्पति को जहां विकास और विस्तार का ग्रह माना गया है, वहीं मिथुन राशि में आकर गुरु पूरे साल संचार, लचीलेपन और मानसिक विकास को बढ़ाएंगे. ऐसे में यह वर्ष शिक्षा और संचार की दिशा में परिवर्तनशील रहेगा. ज्योतिष के मुताबिक, इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि गुरु जब अतिचारी होते हैं तो इससे अजारकता,अशांति और व्यवधान भी उत्पन्न होते हैं. साथ ही सभी राशियों पर भी इसका सकारात्मक-नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
ये भी पढ़ें: Chankya Niti: चाणक्य ने बहुत साल पहले बता दिया था शत्रु से निपटने का मंत्र, आप तुरंत जान लें
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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