ED Raid: PCS अधिकारी डीपी यादव पर NH 74 घोटाला को लेकर ईडी की बड़ी कार्रवाई, देहरादून से यूपी तक छापेमारी

ED Raid PCS Officer DP Yadav: उत्तराखंड में गुरुवार (26 जून 2025) को ईडी की दस्तक से देहरादून की ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मचा हुआ है. बता दें कि NH74 में आरोपी रहे पीसीएस अधिकारी डीपी यादव के घर आज सुबह प्रवर्तन निदेशालय ने दस्तक दी. सुबह से डीपी यादव के आवास और उनके कई अन्य ठिकानों पर ईडी जांच कर रही है. ईडी के छापे की खबर के बाद प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मचा हुआ है. छापे किस वजह से डाले गए है इसकी जानकारी तो नहीं मिल पाई है, लेकिन इतना कयास लगाया जा रहा है की मामला उत्तराखंड में पूर्व के हुए NH 74 घोटाले से जुड़ा हुआ है. NH 74 हाईवे परियोजना के तहत मुआवजाNH 74 हाईवे परियोजना के तहत मुआवजा वितरण में बड़े पैमाने पर घोटाले सामने आए थे. आरोपी के इस परियोजना में गलत तरीके से करोड़ों रुपए की बंदर मार्ट हुई थी, जिसमें जमीन की फर्जी दरें दे कर मोटा मुआवजा दिलाया गया था. इस मामले में राजस्व अधिकारियों भू माफियाओं और कुछ स्थानीय नेताओं की संलिप्ता भी सामने आई थी. इस मामले में कई लोग जेल की हवा भी खा चुके हैं. NH 74 घोटाले में परिवर्तन निदेशालय मिले सबूतसूत्रों की अगर माने तो NH 74 घोटाले में परिवर्तन निदेशालय को कुछ नए सबूत हाथ लगे हैं. कुछ नए दस्तावेज हाथ लगने के बाद बैंकों में कुछ अन्य लेन-देन के मामले भी सामने आए हैं. इसको लेकर यह कार्रवाई की जा रही है. ये छापेमारी केवल उत्तराखंड में ही नहीं उत्तरप्रदेश में भी कई जगह की जा रही है. कब हुई ED स्थापना?भारत को 1947 में स्वतंत्रता मिली, तब देश के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक थी विदेशी मुद्रा की सुरक्षा और प्रबंधन.इसी उद्देश्य से Foreign Exchange Regulation Act (FERA) बनाया गया, जो देश की आर्थिक सीमाओं को नियंत्रित करने का पहला बड़ा कदम था।साल  1947 में FERA कानून अस्तित्व में आया. इसकी निगरानी की ज़िम्मेदारी वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स को सौंपी गई. 1956 में विदेशी मुद्रा मामलों की निगरानी और अमल करवाने के लिए एक विशेष यूनिट बनाई गई. यही यूनिट आगे चलकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रूप में विकसित हुई.  

Jun 26, 2025 - 16:30
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ED Raid: PCS अधिकारी डीपी यादव पर NH 74 घोटाला को लेकर ईडी की बड़ी कार्रवाई, देहरादून से यूपी तक छापेमारी

ED Raid PCS Officer DP Yadav: उत्तराखंड में गुरुवार (26 जून 2025) को ईडी की दस्तक से देहरादून की ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मचा हुआ है. बता दें कि NH74 में आरोपी रहे पीसीएस अधिकारी डीपी यादव के घर आज सुबह प्रवर्तन निदेशालय ने दस्तक दी. सुबह से डीपी यादव के आवास और उनके कई अन्य ठिकानों पर ईडी जांच कर रही है.

ईडी के छापे की खबर के बाद प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मचा हुआ है. छापे किस वजह से डाले गए है इसकी जानकारी तो नहीं मिल पाई है, लेकिन इतना कयास लगाया जा रहा है की मामला उत्तराखंड में पूर्व के हुए NH 74 घोटाले से जुड़ा हुआ है.

NH 74 हाईवे परियोजना के तहत मुआवजा
NH 74 हाईवे परियोजना के तहत मुआवजा वितरण में बड़े पैमाने पर घोटाले सामने आए थे. आरोपी के इस परियोजना में गलत तरीके से करोड़ों रुपए की बंदर मार्ट हुई थी, जिसमें जमीन की फर्जी दरें दे कर मोटा मुआवजा दिलाया गया था. इस मामले में राजस्व अधिकारियों भू माफियाओं और कुछ स्थानीय नेताओं की संलिप्ता भी सामने आई थी. इस मामले में कई लोग जेल की हवा भी खा चुके हैं.

NH 74 घोटाले में परिवर्तन निदेशालय मिले सबूत
सूत्रों की अगर माने तो NH 74 घोटाले में परिवर्तन निदेशालय को कुछ नए सबूत हाथ लगे हैं. कुछ नए दस्तावेज हाथ लगने के बाद बैंकों में कुछ अन्य लेन-देन के मामले भी सामने आए हैं. इसको लेकर यह कार्रवाई की जा रही है. ये छापेमारी केवल उत्तराखंड में ही नहीं उत्तरप्रदेश में भी कई जगह की जा रही है.

कब हुई ED स्थापना?
भारत को 1947 में स्वतंत्रता मिली, तब देश के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक थी विदेशी मुद्रा की सुरक्षा और प्रबंधन.इसी उद्देश्य से Foreign Exchange Regulation Act (FERA) बनाया गया, जो देश की आर्थिक सीमाओं को नियंत्रित करने का पहला बड़ा कदम था।साल  1947 में FERA कानून अस्तित्व में आया. इसकी निगरानी की ज़िम्मेदारी वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स को सौंपी गई. 1956 में विदेशी मुद्रा मामलों की निगरानी और अमल करवाने के लिए एक विशेष यूनिट बनाई गई. यही यूनिट आगे चलकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रूप में विकसित हुई.

 

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