CBSE का नया करियर डैशबोर्ड और काउंसलिंग हब लॉन्च, जानें स्टूडेंट्स-टीचर्स और पैरेंट्स को कैसे मिलेगा फायदा?

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने स्कूलों में स्टूडेंट्स के करियर गाइडेंस और मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए दो बड़े कदम उठाए हैं. बोर्ड ने 2025-26 सेशन के लिए करियर गाइडेंस डैशबोर्ड और काउंसलिंग हब एंड स्पोक मॉडल शुरू किया है. ये दोनों पहल स्टूडेंट्स, टीचर्स और स्कूल लीडर्स के लिए की गई हैं, जिससे बच्चों को अपने फ्यूचर के लिए सही रास्ता चुनने और मानसिक तौर पर मजबूत रहने में मदद मिले. इन प्रोग्राम्स को और बेहतर करने के लिए CBSE स्टूडेंट्स, टीचर्स और दूसरे लोगों की राय भी लेगा. आइए इसके बारे में जानते हैं. करियर गाइडेंस डैशबोर्ड क्या है? CBSE का नया करियर गाइडेंस डैशबोर्ड ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो स्टूडेंट्स, टीचर्स और स्कूल लीडर्स के लिए बनाया गया है. यह डैशबोर्ड बच्चों को यह समझने में मदद करेगा कि वे किस करियर में जाना चाहते हैं और इसके लिए क्या करना होगा. इसकी खास बातों के बारे में जानते हैं.  करियर की जानकारी: इसमें नेशनल और इंटरनेशनल लेवल की करियर से जुड़ी जानकारी होगी. जैसे कौन-सा करियर आपके लिए सही हो सकता है. पर्सनलाइज्ड टूल्स: यह डैशबोर्ड स्टूडेंट्स की रुचि और स्किल्स के आधार पर उन्हें सही करियर चुनने में मदद करेगा. गाइडेंस रिसोर्सेस: इसमें करियर प्लानिंग के लिए आसान टूल्स और जानकारी उपलब्ध होंगे, जो स्टूडेंट्स और टीचर्स दोनों इस्तेमाल कर सकते हैं. लॉन्च के दौरान एक्सपर्ट्स ने इस डैशबोर्ड की खासियतें दिखाईं. उन्होंने बताया कि इसका इंटरफेस बहुत आसान है और इसे कोई भी आसानी से इस्तेमाल कर सकता है. यह डैशबोर्ड स्टूडेंट्स को उनके सपनों का करियर चुनने में गाइड करेगा. काउंसलिंग हब एंड स्पोक मॉडल क्या है? CBSE का दूसरा प्रोग्राम काउंसलिंग हब एंड स्पोक मॉडल हैं. यह स्कूलों में स्टूडेंट्स की मेंटल और इमोशनल हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए बनाया गया है. इस मॉडल का लक्ष्य है कि बच्चे न सिर्फ पढ़ाई और करियर में आगे बढ़ें, बल्कि मानसिक तौर पर भी हेल्दी रहें. जानते हैं कि इस मॉडल की कुछ खास बातें. स्कूलों में सपोर्ट सिस्टम: हर स्कूल में एक स्ट्रक्चर्ड सिस्टम होगा, जो स्टूडेंट्स की मेंटल हेल्थ को सपोर्ट करेगा. जिम्मेदारियां और मॉनिटरिंग: स्कूलों को बताया जाएगा कि इस सिस्टम को कैसे लागू करना है और इसका असर कैसे चेक करना है. काउंसलिंग की सुविधा: बच्चों को उनकी परेशानियों के लिए प्रोफेशनल काउंसलर्स की मदद मिलेगी. इससे क्या होगा फायदा? CBSE के ये दोनों प्रोग्राम स्टूडेंट्स के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं. करियर गाइडेंस डैशबोर्ड बच्चों को सही करियर चुनने में मदद करेगा, ताकि वे अपनी रुचि और स्किल्स के आधार पर भविष्य की प्लानिंग कर सकें. वहीं, काउंसलिंग हब बच्चों को तनाव, चिंता और दूसरी मानसिक समस्याओं से निपटने में सपोर्ट देगा. टीचर्स और पैरेंट्स को भी इन प्रोग्राम्स से बहुत मदद मिलेगी, क्योंकि वे बच्चों को बेहतर गाइड कर पाएंगे. जानकारी के मुताबिक, ये दोनों प्रोग्राम 2025-26 सेशन से शुरू होंगे. CBSE ने इसे लागू करने के लिए स्कूलों को गाइडलाइंस दी हैं. ये भी पढ़ें: CBSE की बोर्ड परीक्षा में अब 75% अटेंडेंस अनिवार्य, स्कूलों को मिली सख्त हिदायत

Aug 7, 2025 - 22:30
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CBSE का नया करियर डैशबोर्ड और काउंसलिंग हब लॉन्च, जानें स्टूडेंट्स-टीचर्स और पैरेंट्स को कैसे मिलेगा फायदा?

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने स्कूलों में स्टूडेंट्स के करियर गाइडेंस और मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए दो बड़े कदम उठाए हैं. बोर्ड ने 2025-26 सेशन के लिए करियर गाइडेंस डैशबोर्ड और काउंसलिंग हब एंड स्पोक मॉडल शुरू किया है. ये दोनों पहल स्टूडेंट्स, टीचर्स और स्कूल लीडर्स के लिए की गई हैं, जिससे बच्चों को अपने फ्यूचर के लिए सही रास्ता चुनने और मानसिक तौर पर मजबूत रहने में मदद मिले. इन प्रोग्राम्स को और बेहतर करने के लिए CBSE स्टूडेंट्स, टीचर्स और दूसरे लोगों की राय भी लेगा. आइए इसके बारे में जानते हैं.

करियर गाइडेंस डैशबोर्ड क्या है?

CBSE का नया करियर गाइडेंस डैशबोर्ड ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो स्टूडेंट्स, टीचर्स और स्कूल लीडर्स के लिए बनाया गया है. यह डैशबोर्ड बच्चों को यह समझने में मदद करेगा कि वे किस करियर में जाना चाहते हैं और इसके लिए क्या करना होगा. इसकी खास बातों के बारे में जानते हैं. 

  • करियर की जानकारी: इसमें नेशनल और इंटरनेशनल लेवल की करियर से जुड़ी जानकारी होगी. जैसे कौन-सा करियर आपके लिए सही हो सकता है.
  • पर्सनलाइज्ड टूल्स: यह डैशबोर्ड स्टूडेंट्स की रुचि और स्किल्स के आधार पर उन्हें सही करियर चुनने में मदद करेगा.
  • गाइडेंस रिसोर्सेस: इसमें करियर प्लानिंग के लिए आसान टूल्स और जानकारी उपलब्ध होंगे, जो स्टूडेंट्स और टीचर्स दोनों इस्तेमाल कर सकते हैं.

लॉन्च के दौरान एक्सपर्ट्स ने इस डैशबोर्ड की खासियतें दिखाईं. उन्होंने बताया कि इसका इंटरफेस बहुत आसान है और इसे कोई भी आसानी से इस्तेमाल कर सकता है. यह डैशबोर्ड स्टूडेंट्स को उनके सपनों का करियर चुनने में गाइड करेगा.

काउंसलिंग हब एंड स्पोक मॉडल क्या है?

CBSE का दूसरा प्रोग्राम काउंसलिंग हब एंड स्पोक मॉडल हैं. यह स्कूलों में स्टूडेंट्स की मेंटल और इमोशनल हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए बनाया गया है. इस मॉडल का लक्ष्य है कि बच्चे न सिर्फ पढ़ाई और करियर में आगे बढ़ें, बल्कि मानसिक तौर पर भी हेल्दी रहें. जानते हैं कि इस मॉडल की कुछ खास बातें.

  • स्कूलों में सपोर्ट सिस्टम: हर स्कूल में एक स्ट्रक्चर्ड सिस्टम होगा, जो स्टूडेंट्स की मेंटल हेल्थ को सपोर्ट करेगा.
  • जिम्मेदारियां और मॉनिटरिंग: स्कूलों को बताया जाएगा कि इस सिस्टम को कैसे लागू करना है और इसका असर कैसे चेक करना है.
  • काउंसलिंग की सुविधा: बच्चों को उनकी परेशानियों के लिए प्रोफेशनल काउंसलर्स की मदद मिलेगी.

इससे क्या होगा फायदा?

CBSE के ये दोनों प्रोग्राम स्टूडेंट्स के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं. करियर गाइडेंस डैशबोर्ड बच्चों को सही करियर चुनने में मदद करेगा, ताकि वे अपनी रुचि और स्किल्स के आधार पर भविष्य की प्लानिंग कर सकें. वहीं, काउंसलिंग हब बच्चों को तनाव, चिंता और दूसरी मानसिक समस्याओं से निपटने में सपोर्ट देगा. टीचर्स और पैरेंट्स को भी इन प्रोग्राम्स से बहुत मदद मिलेगी, क्योंकि वे बच्चों को बेहतर गाइड कर पाएंगे. जानकारी के मुताबिक, ये दोनों प्रोग्राम 2025-26 सेशन से शुरू होंगे. CBSE ने इसे लागू करने के लिए स्कूलों को गाइडलाइंस दी हैं.

ये भी पढ़ें: CBSE की बोर्ड परीक्षा में अब 75% अटेंडेंस अनिवार्य, स्कूलों को मिली सख्त हिदायत

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