Bihar SIR: 'आधार मान्य है या नहीं', बिहार SIR की सुनवाई पर कपिल सिब्बल ने दी दलील, SC बोला- 'क्या नागरिकता का सबूत है ये'

सुप्रीम कोर्ट में बिहार में स्पेशल रजिस्टर ऑफ इंडियन (SIR) से जुड़े मामले की सुनवाई शुरू हो गई है. इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह तय करना बेहद जरूरी है कि क्या आधार को नागरिकता के सबूत के रूप में मान्यता दी जा सकती है या नहीं. उनका कहना था कि चुनाव आयोग द्वारा किए जा रहे कुछ कदम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुरूप नहीं हैं और इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए. सुनवाई के दौरान जज ने सिब्बल से पूछा, "हम समझ नहीं पा रहे कि हर सुनवाई में आप आधार पर इतना जोर क्यों देते हैं? क्या आप इसे नागरिकता का सबूत मान रहे हैं?" कपिल सिब्बल ने स्पष्ट किया, "हम ऐसा नहीं कह रहे हैं, लेकिन कोर्ट के आदेश में यह कहा गया था कि आधार को भी मान्यता दी जाए. इस आधार पर फैसला लेना न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा होना चाहिए." कपिल सिब्बल ने कोर्ट के सामने कहा कि यह तय करना जरूरी है कि आधार मान्य है या नहीं. उन्होंने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग जो कार्रवाई कर रहा है, वह गलत है और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है. कपिल सिब्बल ने दी ये दलील कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि BLO (Booth Level Officer) इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं, जबकि उन्हें इसका मौखिक आदेश मिल चुका है. उन्होंने अदालत से कहा कि इस मामले में स्पष्ट निर्देश देना आवश्यक है. उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने उन अधिकारियों को 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया है जिन्होंने आधार को स्वीकार नहीं किया. उनका कहना था कि अदालत को स्पष्ट दिशा-निर्देश देने की जरूरत है ताकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित हो सके. नोटिस की पड़ताल जज ने नोटिस देखने के लिए कहा. सिब्बल ने इसे पढ़कर सुनाया. इसके बाद चुनाव आयोग के वकील राकेश द्विवेदी ने कोर्ट को स्थिति समझाई. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का व्यापक प्रचार किया गया है और लोग आधार की कॉपी भी ऑनलाइन अपलोड कर रहे हैं, लेकिन स्पष्ट किया कि आयोग आधार को नागरिकता का प्रमाण नहीं मान सकता. जज ने नोटिस के विषय पर सवाल किया कि 11 दस्तावेजों के अलावा कोई अन्य दस्तावेज नागरिकता के लिए स्वीकार नहीं किया जा सकता. द्विवेदी ने कहा कि उन्हें यह देखना होगा, क्योंकि दूसरी पार्टी का नोटिस उनके पास नहीं है. "आधार को पहचान का प्रमाण माना जाएगा" जज ने स्पष्ट किया कि पासपोर्ट और जन्म प्रमाण पत्र के अलावा 11 दस्तावेजों में से किसी अन्य दस्तावेज को नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जा सकता. सिब्बल ने प्रस्ताव रखा कि आधार को 12वां दस्तावेज घोषित किया जाए. जज ने कहा, "आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है, लेकिन जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत इसे पहचान के प्रमाण के तौर पर मान्यता दी जा सकती है." ये भी पढ़ें- 'खाना, इलाज और सुरक्षा का पूरा इंतजाम...', भारत ने बेल्जियम कोर्ट को बताया मेहुल चौकसी कहां और कैसे रहेगा?

Sep 8, 2025 - 15:30
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Bihar SIR: 'आधार मान्य है या नहीं', बिहार SIR की सुनवाई पर कपिल सिब्बल ने दी दलील, SC बोला- 'क्या नागरिकता का सबूत है ये'

सुप्रीम कोर्ट में बिहार में स्पेशल रजिस्टर ऑफ इंडियन (SIR) से जुड़े मामले की सुनवाई शुरू हो गई है. इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह तय करना बेहद जरूरी है कि क्या आधार को नागरिकता के सबूत के रूप में मान्यता दी जा सकती है या नहीं. उनका कहना था कि चुनाव आयोग द्वारा किए जा रहे कुछ कदम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुरूप नहीं हैं और इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए.

सुनवाई के दौरान जज ने सिब्बल से पूछा, "हम समझ नहीं पा रहे कि हर सुनवाई में आप आधार पर इतना जोर क्यों देते हैं? क्या आप इसे नागरिकता का सबूत मान रहे हैं?" कपिल सिब्बल ने स्पष्ट किया, "हम ऐसा नहीं कह रहे हैं, लेकिन कोर्ट के आदेश में यह कहा गया था कि आधार को भी मान्यता दी जाए. इस आधार पर फैसला लेना न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा होना चाहिए." कपिल सिब्बल ने कोर्ट के सामने कहा कि यह तय करना जरूरी है कि आधार मान्य है या नहीं. उन्होंने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग जो कार्रवाई कर रहा है, वह गलत है और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है.

कपिल सिब्बल ने दी ये दलील

कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि BLO (Booth Level Officer) इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं, जबकि उन्हें इसका मौखिक आदेश मिल चुका है. उन्होंने अदालत से कहा कि इस मामले में स्पष्ट निर्देश देना आवश्यक है. उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने उन अधिकारियों को 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया है जिन्होंने आधार को स्वीकार नहीं किया. उनका कहना था कि अदालत को स्पष्ट दिशा-निर्देश देने की जरूरत है ताकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित हो सके.

नोटिस की पड़ताल

जज ने नोटिस देखने के लिए कहा. सिब्बल ने इसे पढ़कर सुनाया. इसके बाद चुनाव आयोग के वकील राकेश द्विवेदी ने कोर्ट को स्थिति समझाई. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का व्यापक प्रचार किया गया है और लोग आधार की कॉपी भी ऑनलाइन अपलोड कर रहे हैं, लेकिन स्पष्ट किया कि आयोग आधार को नागरिकता का प्रमाण नहीं मान सकता. जज ने नोटिस के विषय पर सवाल किया कि 11 दस्तावेजों के अलावा कोई अन्य दस्तावेज नागरिकता के लिए स्वीकार नहीं किया जा सकता. द्विवेदी ने कहा कि उन्हें यह देखना होगा, क्योंकि दूसरी पार्टी का नोटिस उनके पास नहीं है.

"आधार को पहचान का प्रमाण माना जाएगा"

जज ने स्पष्ट किया कि पासपोर्ट और जन्म प्रमाण पत्र के अलावा 11 दस्तावेजों में से किसी अन्य दस्तावेज को नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जा सकता. सिब्बल ने प्रस्ताव रखा कि आधार को 12वां दस्तावेज घोषित किया जाए. जज ने कहा, "आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है, लेकिन जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत इसे पहचान के प्रमाण के तौर पर मान्यता दी जा सकती है."

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