Asim Munir Remark: आसिम मुनीर की धमकी पर गुस्से में लाल पूर्व DGP, बोले- 'नक्शे से मिट जाएगा पाकिस्तान, जब भोलेनाथ का तीसरा नेत्र...'
पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने हाल ही में अमेरिकी धरती से भारत के खिलाफ परमाणु हमले की धमकी दी, जिससे न केवल भारत बल्कि अमेरिका में भी प्रतिक्रिया की लहर दौड़ गई. माइकल रुबिन जैसे पूर्व अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने पहले ही इस बयान को अस्वीकार्य बताया, लेकिन भारत में यह मुद्दा अब अमेरिका की भूमिका पर सवाल खड़े कर रहा है. पूर्व डीजीपी जम्मू-कश्मीर, एसपी वैद ने इस विवाद को लेकर साफ शब्दों में कहा कि अमेरिकी धरती से इस तरह का धमकीभरा बयान आना शर्मनाक है और अमेरिका को इस पर तत्काल आपत्ति जतानी चाहिए थी. उनके मुताबिक, अमेरिका का रवैया दर्शाता है कि वह अपने सहयोगियों के विवादित बयानों और कार्यों पर आंख मूंद लेता है. अमेरिका पर दोहरे मानकों का आरोपएसपी वैद ने अमेरिका पर सीधा आरोप लगाया कि जब पाकिस्तान परमाणु बम बनाता है या धमकी देता है, तब अमेरिका चुप रहता है, जबकि ईरान जैसे देशों पर सख्त कार्रवाई करता है. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी नीति हमेशा से जो हमारे साथ है, वह जो चाहे कह सकता है के सिद्धांत पर चलती रही है. उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि क्या अमेरिका ने वास्तव में आसिम मुनीर को उनकी भाषा के लिए फटकार लगाई या उनके बयान पर औपचारिक आपत्ति दर्ज की. भारत की सैन्य ताकत और ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेखएसपी वैद ने भारत की सैन्य ताकत का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान भारत के खिलाफ किसी गलत इरादे से काम करता है तो वह नक्शे से मिट जाएगा. उन्होंने भगवान भोलेनाथ की उपमा देते हुए कहा कि भारत पर उनकी कृपा है और जब उनका तीसरा नेत्र खुलता है तो विनाश निश्चित होता है. एसपी वैद ने ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे भारतीय वायुसेना ने कुछ ही घंटों में पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था. इस ऑपरेशन को उन्होंने भारत की तकनीकी श्रेष्ठता और सैन्य क्षमता का प्रमाण बताया. राजनीतिक और कूटनीतिक संदेशएसपी वैद का बयान सिर्फ पाकिस्तान के खिलाफ नहीं, बल्कि अमेरिका को भी कूटनीतिक संदेश देता है कि भारत अपने सुरक्षा हितों पर समझौता नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि अगर भारत ने शुरू से ही इस मामले को जोरदार तरीके से उठाया होता तो पाकिस्तान को झूठ फैलाने का मौका नहीं मिलता. इस बयान से यह भी स्पष्ट होता है कि भारत में पाकिस्तान की परमाणु धमकी को केवल बयानबाजी नहीं, बल्कि गंभीर सुरक्षा चुनौती के रूप में देखा जा रहा है. ये भी पढ़ें: 'गोल्ड पर नहीं लगेगा टैरिफ', भारत और रूस से तनातनी के बीच डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा ऐलान

पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने हाल ही में अमेरिकी धरती से भारत के खिलाफ परमाणु हमले की धमकी दी, जिससे न केवल भारत बल्कि अमेरिका में भी प्रतिक्रिया की लहर दौड़ गई. माइकल रुबिन जैसे पूर्व अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने पहले ही इस बयान को अस्वीकार्य बताया, लेकिन भारत में यह मुद्दा अब अमेरिका की भूमिका पर सवाल खड़े कर रहा है.
पूर्व डीजीपी जम्मू-कश्मीर, एसपी वैद ने इस विवाद को लेकर साफ शब्दों में कहा कि अमेरिकी धरती से इस तरह का धमकीभरा बयान आना शर्मनाक है और अमेरिका को इस पर तत्काल आपत्ति जतानी चाहिए थी. उनके मुताबिक, अमेरिका का रवैया दर्शाता है कि वह अपने सहयोगियों के विवादित बयानों और कार्यों पर आंख मूंद लेता है.
अमेरिका पर दोहरे मानकों का आरोप
एसपी वैद ने अमेरिका पर सीधा आरोप लगाया कि जब पाकिस्तान परमाणु बम बनाता है या धमकी देता है, तब अमेरिका चुप रहता है, जबकि ईरान जैसे देशों पर सख्त कार्रवाई करता है. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी नीति हमेशा से जो हमारे साथ है, वह जो चाहे कह सकता है के सिद्धांत पर चलती रही है. उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि क्या अमेरिका ने वास्तव में आसिम मुनीर को उनकी भाषा के लिए फटकार लगाई या उनके बयान पर औपचारिक आपत्ति दर्ज की.
भारत की सैन्य ताकत और ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख
एसपी वैद ने भारत की सैन्य ताकत का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान भारत के खिलाफ किसी गलत इरादे से काम करता है तो वह नक्शे से मिट जाएगा. उन्होंने भगवान भोलेनाथ की उपमा देते हुए कहा कि भारत पर उनकी कृपा है और जब उनका तीसरा नेत्र खुलता है तो विनाश निश्चित होता है. एसपी वैद ने ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे भारतीय वायुसेना ने कुछ ही घंटों में पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था. इस ऑपरेशन को उन्होंने भारत की तकनीकी श्रेष्ठता और सैन्य क्षमता का प्रमाण बताया.
राजनीतिक और कूटनीतिक संदेश
एसपी वैद का बयान सिर्फ पाकिस्तान के खिलाफ नहीं, बल्कि अमेरिका को भी कूटनीतिक संदेश देता है कि भारत अपने सुरक्षा हितों पर समझौता नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि अगर भारत ने शुरू से ही इस मामले को जोरदार तरीके से उठाया होता तो पाकिस्तान को झूठ फैलाने का मौका नहीं मिलता. इस बयान से यह भी स्पष्ट होता है कि भारत में पाकिस्तान की परमाणु धमकी को केवल बयानबाजी नहीं, बल्कि गंभीर सुरक्षा चुनौती के रूप में देखा जा रहा है.
ये भी पढ़ें: 'गोल्ड पर नहीं लगेगा टैरिफ', भारत और रूस से तनातनी के बीच डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा ऐलान
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