AAP और CDC की सिफारिशों में अंतर क्यों, 6 महीने से 2 साल तक के बच्चों के लिए जरूरी मानी गई कोरोना वैक्सीन
Covid Vaccine Guidelines for Kids: कोरोना महामारी ने बच्चों और बड़ों दोनों की सेहत को प्रभावित किया है. इसी बीच अब एक नई बहस छिड़ गई है. अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (AAP) ने बच्चों की कोविड-19 वैक्सीन को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है, जो पहली बार अमेरिकी सरकार यानी CDC (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) की सलाह से अलग है. अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि, आखिर माता-पिता इन दोनों में से किसकी सुने और समझे. AAP की नई सिफारिशें 6 महीने से 2 साल तक के बच्चों को कोविड-19 का टीका जरूरी तौर पर लगवाना चाहिए बड़े बच्चों के लिए भी वैक्सीन की सलाह दी गई है, लेकिन इसे लगवाना या न लगवाना माता-पिता के विवेक पर छोड़ा गया है AAP की अध्यक्ष डॉ. सुसान जे. क्रेसली का कहना है कि, उनकी संस्था की सिफारिशें हमेशा विज्ञान और बच्चों के सर्वोत्तम हित पर आधारित होंगी ये भी पढे़- ब्लड शुगर टेस्ट करते वक्त ये आम गलतियां करते हैं लोग, कहीं आप भी इनमें से तो नहीं? CDC की अलग राय वहीं दूसरी ओर, अमेरिकी स्वास्थ्य सचिव रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर के नेतृत्व में CDC का कहना है कि, स्वस्थ बच्चों के लिए किसी भी उम्र में कोविड-19 वैक्सीन की सिफारिश नहीं की जाती. उनका मानना है कि माता-पिता डॉक्टर से सलाह लेकर चाहें तो बच्चों को वैक्सीन दिलवा सकते हैं. सरकार और डॉक्टरों की प्रतिक्रियाएं अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग (HHS) ने बयान जारी कर कहा कि अमेरिकी जनता को भरोसा होना चाहिए कि मेडिकल सलाह केवल विज्ञान और पब्लिक हेल्थ पर आधारित हो विभाग ने AAP से अपील की है कि वह अपने प्रकाशनों को किसी भी आर्थिक प्रभाव से दूर रखे वहीं CBS के विशेषज्ञ डॉ. सेलिन गाउंडर ने कहा कि, वैक्सीन को लेकर बहुत शोर-शराबा है, लेकिन माता-पिता को नियमित टीकाकरण पर भरोसा बनाए रखना चाहिए छोटे बच्चों में ज्यादा खतरा विशेषज्ञों के मुताबिक, खासकर 6 महीने से 2 साल तक के बच्चों में कोविड-19 का खतरा ज्यादा गंभीर है. इस उम्र में बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने और गंभीर जटिलताओं का खतरा ज्यादा रहता है. अन्य टीकों पर भी गाइडलाइन RSV (रेस्पिरेटरी सिंकिशियल वायरस): 8 महीने से छोटे शिशुओं को टीका लगवाना चाहिए, खासकर अगर गर्भावस्था में मां को टीका नहीं मिला है. फ्लू वैक्सीन: 6 महीने से ऊपर सभी बच्चों को हर साल फ्लू का टीका लगवाना चाहिए, बशर्ते कोई मेडिकल कारण बाधा न बने. बच्चों के टीकाकरण को लेकर AAP और CDC की राय अलग-अलग हो सकती है, लेकिन माता-पिता के लिए सबसे जरूरी है कि, वे भरोसेमंद डॉक्टर से सलाह लें. AAP का मानना है कि छोटे बच्चों में कोविड का खतरा अभी भी है, वहीं CDC इसे माता-पिता की इच्छा पर छोड़ता है. ऐसे में सही जानकारी और संतुलित फैसला ही बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है. इसे भी पढ़ें- विटामिन B12 की कमी से हो सकती है यह खतरनाक बीमारी, रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Covid Vaccine Guidelines for Kids: कोरोना महामारी ने बच्चों और बड़ों दोनों की सेहत को प्रभावित किया है. इसी बीच अब एक नई बहस छिड़ गई है. अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (AAP) ने बच्चों की कोविड-19 वैक्सीन को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है, जो पहली बार अमेरिकी सरकार यानी CDC (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) की सलाह से अलग है. अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि, आखिर माता-पिता इन दोनों में से किसकी सुने और समझे.
AAP की नई सिफारिशें
- 6 महीने से 2 साल तक के बच्चों को कोविड-19 का टीका जरूरी तौर पर लगवाना चाहिए
- बड़े बच्चों के लिए भी वैक्सीन की सलाह दी गई है, लेकिन इसे लगवाना या न लगवाना माता-पिता के विवेक पर छोड़ा गया है
- AAP की अध्यक्ष डॉ. सुसान जे. क्रेसली का कहना है कि, उनकी संस्था की सिफारिशें हमेशा विज्ञान और बच्चों के सर्वोत्तम हित पर आधारित होंगी
ये भी पढे़- ब्लड शुगर टेस्ट करते वक्त ये आम गलतियां करते हैं लोग, कहीं आप भी इनमें से तो नहीं?
CDC की अलग राय
वहीं दूसरी ओर, अमेरिकी स्वास्थ्य सचिव रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर के नेतृत्व में CDC का कहना है कि, स्वस्थ बच्चों के लिए किसी भी उम्र में कोविड-19 वैक्सीन की सिफारिश नहीं की जाती. उनका मानना है कि माता-पिता डॉक्टर से सलाह लेकर चाहें तो बच्चों को वैक्सीन दिलवा सकते हैं.
सरकार और डॉक्टरों की प्रतिक्रियाएं
- अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग (HHS) ने बयान जारी कर कहा कि अमेरिकी जनता को भरोसा होना चाहिए कि मेडिकल सलाह केवल विज्ञान और पब्लिक हेल्थ पर आधारित हो
- विभाग ने AAP से अपील की है कि वह अपने प्रकाशनों को किसी भी आर्थिक प्रभाव से दूर रखे
- वहीं CBS के विशेषज्ञ डॉ. सेलिन गाउंडर ने कहा कि, वैक्सीन को लेकर बहुत शोर-शराबा है, लेकिन माता-पिता को नियमित टीकाकरण पर भरोसा बनाए रखना चाहिए
छोटे बच्चों में ज्यादा खतरा
विशेषज्ञों के मुताबिक, खासकर 6 महीने से 2 साल तक के बच्चों में कोविड-19 का खतरा ज्यादा गंभीर है. इस उम्र में बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने और गंभीर जटिलताओं का खतरा ज्यादा रहता है.
अन्य टीकों पर भी गाइडलाइन
- RSV (रेस्पिरेटरी सिंकिशियल वायरस): 8 महीने से छोटे शिशुओं को टीका लगवाना चाहिए, खासकर अगर गर्भावस्था में मां को टीका नहीं मिला है.
- फ्लू वैक्सीन: 6 महीने से ऊपर सभी बच्चों को हर साल फ्लू का टीका लगवाना चाहिए, बशर्ते कोई मेडिकल कारण बाधा न बने.
बच्चों के टीकाकरण को लेकर AAP और CDC की राय अलग-अलग हो सकती है, लेकिन माता-पिता के लिए सबसे जरूरी है कि, वे भरोसेमंद डॉक्टर से सलाह लें. AAP का मानना है कि छोटे बच्चों में कोविड का खतरा अभी भी है, वहीं CDC इसे माता-पिता की इच्छा पर छोड़ता है. ऐसे में सही जानकारी और संतुलित फैसला ही बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है.
इसे भी पढ़ें- विटामिन B12 की कमी से हो सकती है यह खतरनाक बीमारी, रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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