10500 साल पहले मर चुकी महिला का चेहरा बनाया, वैज्ञानिकों ने कैसे किया यह 'जादू'?
क्या हजारों साल पहले मृत किसी व्यक्ति का चेहरा दोबारा बनाया जा सकता है? आपको ये अजीब लगे, लेकिन वैज्ञानिकों ने ये कमाल कर दिखाया है. गेन्ट विश्वविद्यालय के रिसर्चर्स ने एक ऐसी ही महिला का चेहरा बनाया है, जिसकी माैत करीब 10500 साल पहले हो चुकी है. वैज्ञानिकों को इस महिला के अवशेष मिले. इससे डीएनए हासिल कर वैज्ञानिकों ने ये कारनामा कर दिखाया. आखिर किस तरह ये चेहरा बनाया गया, आइए जानते हैं... जिसका चेहरा बनाया, वह महिला काैन थी? ऐसे सवाल उठता है कि जिस महिला का चेहरा बनाया गया है, वह काैन थी. बेल्जियम की ये महिला करीब 10500 साल पहले मीयूज घाटी में रहती थी. 1988 में इस मेसोलिथिक महिला के अवशेष मार्गोक्स गुफा में पाए गए, जो डिनैंट के करीब है. वह पश्चिमी यूरोप के एक शिकारी समूह से ताल्लुक रखती थी. इसी तरह का समूह ग्रेट ब्रिटेन में चेडर मैन के रूप में लोकप्रिय था. वैज्ञानिकों ने न सिर्फ महिला का चेहरा बनाया, बल्कि प्राचीन समय में महिला की लाइफस्टाइल किस तरह की थी, किस तरह के आभूषण पहनती थी, इस पर भी प्रकाश डाला है. डीएनए स्टडी से सामने आई जानकारी डीएनए स्टडी से पता चला है कि मार्गो महिला की आंखें नीली थीं, बिल्कुल चेडर मैन की तरह. हालांकि, पश्चिमी यूरोप में अब तक जांचे गए अधिकांश अन्य मेसोलिथिक व्यक्तियों की तुलना में उसका रंग कुछ हल्का था. रिसर्चर्स की मानें तो ये छोटी लेकिन महत्वपूर्ण जानकारी थी. रिसर्चर्स की मानें तो महिला के चेहरे और रहने की स्थितियों का पुनर्निर्माण शारीरिक, आनुवंशिक और पुरातात्विक डेटा के मिश्रण से संभव हुआ. इस तरह नजर आया महिला का चेहरा रिसर्चर्स ने बताया कि महिला की खोपड़ी से अच्छी गुणवत्ता का डीएनए निकाला गया, जिससे विस्तृत पुनर्निर्माण संभव हो सका. रिसर्चर्स की मानें तो महिला की उम्र करीब 35 से 60 वर्ष की थी. इससे प्राचीन समय में महिला के रहन-सहन के साथ महिला के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकी. महिला के आभूषण और टैटू जैसी कुछ विशेषताएं रिवर मीयूज बेसिन में पिछली खुदाई से इकट्ठा किए गए पुरातात्विक डेटा पर आधारित हैं. इससे रिसर्चर्स को महिला के दैनिक जीवन की तस्वीर बनाने में मदद मिली. रिसर्चर्स ने जो महिला का चेहरा बनाया है, उसमें उसका रंग, बाल और आंखें सभी प्राचीन डीएनए पर आधारित हैं. हर पल को किया पुनर्जीवित इसके बाद रिसर्चर्स की क्रिएटिम टीम ने महिला के चेहरे को लास्ट टच दिया. क्रिएटिव टीम ने पुरातात्विक साक्ष्य जैसे उपकरण, शेल्स, पेंट और शिविर के अवशेष का भी उपयोग किया. इससे महिला का चेहरा और उसकी दुनिया पूरी तरह से जीवंत हो गई. शिकार के तरीकों से लेकर परिवहन तक, पौधों से लेकर जानवरों तक, हर छोटी-छोटी जानकारी का इसमें ध्यान रखा गया. जिससे महिला का चेहरा एकदम जीवंत होता नजर आया. ये भी पढ़ें: कुछ लोगों को क्यों लगता है इलेक्ट्रिक शॉक, क्या विटामिन बी12 की कमी है इसकी वजह? Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

क्या हजारों साल पहले मृत किसी व्यक्ति का चेहरा दोबारा बनाया जा सकता है? आपको ये अजीब लगे, लेकिन वैज्ञानिकों ने ये कमाल कर दिखाया है. गेन्ट विश्वविद्यालय के रिसर्चर्स ने एक ऐसी ही महिला का चेहरा बनाया है, जिसकी माैत करीब 10500 साल पहले हो चुकी है. वैज्ञानिकों को इस महिला के अवशेष मिले. इससे डीएनए हासिल कर वैज्ञानिकों ने ये कारनामा कर दिखाया. आखिर किस तरह ये चेहरा बनाया गया, आइए जानते हैं...
जिसका चेहरा बनाया, वह महिला काैन थी?
ऐसे सवाल उठता है कि जिस महिला का चेहरा बनाया गया है, वह काैन थी. बेल्जियम की ये महिला करीब 10500 साल पहले मीयूज घाटी में रहती थी. 1988 में इस मेसोलिथिक महिला के अवशेष मार्गोक्स गुफा में पाए गए, जो डिनैंट के करीब है. वह पश्चिमी यूरोप के एक शिकारी समूह से ताल्लुक रखती थी. इसी तरह का समूह ग्रेट ब्रिटेन में चेडर मैन के रूप में लोकप्रिय था. वैज्ञानिकों ने न सिर्फ महिला का चेहरा बनाया, बल्कि प्राचीन समय में महिला की लाइफस्टाइल किस तरह की थी, किस तरह के आभूषण पहनती थी, इस पर भी प्रकाश डाला है.
डीएनए स्टडी से सामने आई जानकारी
डीएनए स्टडी से पता चला है कि मार्गो महिला की आंखें नीली थीं, बिल्कुल चेडर मैन की तरह. हालांकि, पश्चिमी यूरोप में अब तक जांचे गए अधिकांश अन्य मेसोलिथिक व्यक्तियों की तुलना में उसका रंग कुछ हल्का था. रिसर्चर्स की मानें तो ये छोटी लेकिन महत्वपूर्ण जानकारी थी. रिसर्चर्स की मानें तो महिला के चेहरे और रहने की स्थितियों का पुनर्निर्माण शारीरिक, आनुवंशिक और पुरातात्विक डेटा के मिश्रण से संभव हुआ.
इस तरह नजर आया महिला का चेहरा
रिसर्चर्स ने बताया कि महिला की खोपड़ी से अच्छी गुणवत्ता का डीएनए निकाला गया, जिससे विस्तृत पुनर्निर्माण संभव हो सका. रिसर्चर्स की मानें तो महिला की उम्र करीब 35 से 60 वर्ष की थी. इससे प्राचीन समय में महिला के रहन-सहन के साथ महिला के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकी. महिला के आभूषण और टैटू जैसी कुछ विशेषताएं रिवर मीयूज बेसिन में पिछली खुदाई से इकट्ठा किए गए पुरातात्विक डेटा पर आधारित हैं. इससे रिसर्चर्स को महिला के दैनिक जीवन की तस्वीर बनाने में मदद मिली. रिसर्चर्स ने जो महिला का चेहरा बनाया है, उसमें उसका रंग, बाल और आंखें सभी प्राचीन डीएनए पर आधारित हैं.
हर पल को किया पुनर्जीवित
इसके बाद रिसर्चर्स की क्रिएटिम टीम ने महिला के चेहरे को लास्ट टच दिया. क्रिएटिव टीम ने पुरातात्विक साक्ष्य जैसे उपकरण, शेल्स, पेंट और शिविर के अवशेष का भी उपयोग किया. इससे महिला का चेहरा और उसकी दुनिया पूरी तरह से जीवंत हो गई. शिकार के तरीकों से लेकर परिवहन तक, पौधों से लेकर जानवरों तक, हर छोटी-छोटी जानकारी का इसमें ध्यान रखा गया. जिससे महिला का चेहरा एकदम जीवंत होता नजर आया.
ये भी पढ़ें: कुछ लोगों को क्यों लगता है इलेक्ट्रिक शॉक, क्या विटामिन बी12 की कमी है इसकी वजह?
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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