सैंपल की जांच के लिए केंद्र सरकार लाएगी नई गाइडलाइन, दिल्ली हाई कोर्ट में दी जानकारी

कोरोना के सैंपल एकत्र करने को लेकर अपनाई जाने वाले स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) के मामले में केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया कि देशभर में जांच को लेकर लिए जाने वाले सैंपल को इकट्ठा करने और उन्हें लैब तक पहुंचाने के लिए जल्द ही नए नियम बनाये जा रहे हैं. ये नियम पहले ही मंजूर हो चुके है और अगले तीन महीनों में इन्हें अधिसूचित कर दिया जायेगा. स्वास्थ्य मंत्रालय ने चार अलग-अलग कमेटी बनाई   दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस अनीश दयाल की बेंच में स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बाबत अपनी रिपोर्ट दाखिल की. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कोर्ट में दी गई रिपोर्ट में बताया गया कि इसके लिए चार अलग-अलग विशेषज्ञ कमेटियां बनाई गई थी. इन कमेटियों ने काफी विचार विमर्श के बाद नियमों का ड्राफ्ट तैयार किया, जिसे बाद में डायरेक्टर जनरल आफ हेल्थ सर्विसेज ने भी मंजूरी दे दी. केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि अब नियमों को जनता के लिए वेबसाइट पर डाला जाएगा ताकि कोई सजेशन देना चाहे तो दे सके. नेशनल काउंसिल फॉर क्लिनिकल एक्सीलेंस से मंजूरी मिलने के बाद अभी यह नियम कानूनी विभाग में जांच में है. जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होगी इन्हें भारत के राजपत्र में प्रकाशित कर लागू कर दिया जाएगा.  कोर्ट में अवमानना याचिका की गई थी दायर दिल्ली हाई कोर्ट में डॉ. रोहित जैन ने अवमानना याचिका दायर की थी. दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के 27 जनवरी 2023 के आदेश को लागू नहीं किया है. साथ ही प्रशासन ने कोरोना के सैंपल एकत्र करने और सैंपल को लेकर जाने को लेकर न्यूनतम मानदंड तैयार नहीं किया. हालांकि दिल्ली हाई कोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा था.  केंद्र सरकार ने कहा- तीन महीने में अधिसूचित होगी प्रक्रिया दिल्ली हाई कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है कि प्रक्रिया अंतिम दौर में है और यह नियम 3 महीने के भीतर लागू किए जाएंगे. फिलहाल इन नियमों के लागू होने के बाद जांच के लिए सैंपल लेने और उन्हें सुरक्षित तरीके से लैब तक पहुंचाने की प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी और सुरक्षित हो सकेगी.  ये भी पढ़ें 'आतंकवाद का धर्म भी होता है और रंग भी होता है', मालेगांव ब्लास्ट केस में बरी होने के बाद बोलीं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर

Aug 3, 2025 - 15:30
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सैंपल की जांच के लिए केंद्र सरकार लाएगी नई गाइडलाइन, दिल्ली हाई कोर्ट में दी जानकारी

कोरोना के सैंपल एकत्र करने को लेकर अपनाई जाने वाले स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) के मामले में केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया कि देशभर में जांच को लेकर लिए जाने वाले सैंपल को इकट्ठा करने और उन्हें लैब तक पहुंचाने के लिए जल्द ही नए नियम बनाये जा रहे हैं. ये नियम पहले ही मंजूर हो चुके है और अगले तीन महीनों में इन्हें अधिसूचित कर दिया जायेगा.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने चार अलग-अलग कमेटी बनाई  

दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस अनीश दयाल की बेंच में स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बाबत अपनी रिपोर्ट दाखिल की. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कोर्ट में दी गई रिपोर्ट में बताया गया कि इसके लिए चार अलग-अलग विशेषज्ञ कमेटियां बनाई गई थी. इन कमेटियों ने काफी विचार विमर्श के बाद नियमों का ड्राफ्ट तैयार किया, जिसे बाद में डायरेक्टर जनरल आफ हेल्थ सर्विसेज ने भी मंजूरी दे दी.

केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि अब नियमों को जनता के लिए वेबसाइट पर डाला जाएगा ताकि कोई सजेशन देना चाहे तो दे सके. नेशनल काउंसिल फॉर क्लिनिकल एक्सीलेंस से मंजूरी मिलने के बाद अभी यह नियम कानूनी विभाग में जांच में है. जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होगी इन्हें भारत के राजपत्र में प्रकाशित कर लागू कर दिया जाएगा. 

कोर्ट में अवमानना याचिका की गई थी दायर

दिल्ली हाई कोर्ट में डॉ. रोहित जैन ने अवमानना याचिका दायर की थी. दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के 27 जनवरी 2023 के आदेश को लागू नहीं किया है. साथ ही प्रशासन ने कोरोना के सैंपल एकत्र करने और सैंपल को लेकर जाने को लेकर न्यूनतम मानदंड तैयार नहीं किया. हालांकि दिल्ली हाई कोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा था. 

केंद्र सरकार ने कहा- तीन महीने में अधिसूचित होगी प्रक्रिया

दिल्ली हाई कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है कि प्रक्रिया अंतिम दौर में है और यह नियम 3 महीने के भीतर लागू किए जाएंगे. फिलहाल इन नियमों के लागू होने के बाद जांच के लिए सैंपल लेने और उन्हें सुरक्षित तरीके से लैब तक पहुंचाने की प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी और सुरक्षित हो सकेगी. 
 
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'आतंकवाद का धर्म भी होता है और रंग भी होता है', मालेगांव ब्लास्ट केस में बरी होने के बाद बोलीं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर

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