सिर्फ एक क्लिक और फोन हैक! भारत में फैला नया स्कैम, जानें क्या है बचने के उपाय
CAPTCHA Scam: साइबर अपराधियों ने अब लोगों को ठगने का नया तरीका खोज लिया है. वे नकली CAPTCHA कोड दिखाकर मासूम यूज़र्स को फंसाते हैं. यह कोड असली वेरिफिकेशन जैसा ही दिखता है लेकिन इसके जरिए Luma Stealer जैसे खतरनाक मालवेयर फोन और कंप्यूटर में घुस जाते हैं. यह मालवेयर संवेदनशील डेटा चोरी कर सकता है. भारत में इंटरनेट यूज़र्स को खास सतर्क रहने की ज़रूरत है, खासकर अज्ञात वेबसाइट ब्राउज़ करते समय, पॉप-अप ऐड पर क्लिक करने या ब्राउज़र नोटिफिकेशन ऑन करने पर. CAPTCHA के बहाने ठगी CAPTCHA कोड से हम सब परिचित हैं जैसे “I am not a robot” पर टिक करना. यह सिस्टम असली में बॉट्स को रोकने के लिए बनाया गया था. लेकिन अब ठग इसी भरोसेमंद तकनीक का दुरुपयोग कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साइबर अपराधी हैक की गई वेबसाइट्स, फिशिंग ईमेल्स और भ्रामक विज्ञापनों में नकली CAPTCHA कोड डाल रहे हैं. जैसे ही कोई यूज़र उस पर क्लिक करता है, मालवेयर चुपके से उसके डिवाइस में इंस्टॉल हो जाता है और पासवर्ड, लॉगिन डिटेल्स व बैंकिंग डेटा तक चुरा लेता है. Luma Stealer का खतरा साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस स्कैम में Luma Stealer नामक मालवेयर सबसे ज़्यादा फैलाया जा रहा है. यह मालवेयर डिवाइस में सेव पासवर्ड, ब्राउज़र हिस्ट्री और अन्य डेटा चुरा सकता है. सबसे खतरनाक स्थिति तब बनती है जब यूज़र नकली CAPTCHA पर क्लिक करके नोटिफिकेशन ऑन कर देता है जिससे हैकर्स को और गहरी पहुंच मिल जाती है. कैसे चलता है यह स्कैम? ठग पहले नकली वेबसाइट बनाते हैं जो असली प्लेटफॉर्म जैसी दिखती है. स्क्रीन पर नकली CAPTCHA दिखाकर यूज़र से क्लिक करवाते हैं. इसके बाद उन्हें फाइल डाउनलोड करने या नोटिफिकेशन ऑन करने को कहा जाता है. सीधे क्लिक करने से तुरंत नुकसान नहीं होता लेकिन उसके बाद के निर्देश मानते ही डिवाइस में मालवेयर इंस्टॉल हो जाता है. कैसे बचें इस CAPTCHA स्कैम से? हमेशा URL चेक करें, नकली साइट्स पर अक्सर स्पेलिंग मिस्टेक या अजीब कैरेक्टर होते हैं. अनजान वेबसाइट्स से नोटिफिकेशन ऑन न करें. पॉप-अप्स को नज़रअंदाज़ करें जो ऐप/फाइल इंस्टॉल करने या परमिशन मांगें. एंटीवायरस और सिक्योरिटी सॉफ़्टवेयर अपडेट रखें. पब्लिक Wi-Fi पर सावधान रहें, यह हैकिंग का आसान टारगेट होता है. साइट की ऑथेंटिसिटी ज़रूर चेक करें और स्क्रीन पर दिख रहे रैंडम इंस्ट्रक्शन फॉलो न करें. यह भी पढ़ें: गलत हुआ तो घर से अभी पुलिस उठाकर ले जाएगी, तुरंत ऐसे पता करें आपके नाम पर कितनी सिम हैं एक्टिव

CAPTCHA Scam: साइबर अपराधियों ने अब लोगों को ठगने का नया तरीका खोज लिया है. वे नकली CAPTCHA कोड दिखाकर मासूम यूज़र्स को फंसाते हैं. यह कोड असली वेरिफिकेशन जैसा ही दिखता है लेकिन इसके जरिए Luma Stealer जैसे खतरनाक मालवेयर फोन और कंप्यूटर में घुस जाते हैं. यह मालवेयर संवेदनशील डेटा चोरी कर सकता है. भारत में इंटरनेट यूज़र्स को खास सतर्क रहने की ज़रूरत है, खासकर अज्ञात वेबसाइट ब्राउज़ करते समय, पॉप-अप ऐड पर क्लिक करने या ब्राउज़र नोटिफिकेशन ऑन करने पर.
CAPTCHA के बहाने ठगी
CAPTCHA कोड से हम सब परिचित हैं जैसे “I am not a robot” पर टिक करना. यह सिस्टम असली में बॉट्स को रोकने के लिए बनाया गया था. लेकिन अब ठग इसी भरोसेमंद तकनीक का दुरुपयोग कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साइबर अपराधी हैक की गई वेबसाइट्स, फिशिंग ईमेल्स और भ्रामक विज्ञापनों में नकली CAPTCHA कोड डाल रहे हैं. जैसे ही कोई यूज़र उस पर क्लिक करता है, मालवेयर चुपके से उसके डिवाइस में इंस्टॉल हो जाता है और पासवर्ड, लॉगिन डिटेल्स व बैंकिंग डेटा तक चुरा लेता है.
Luma Stealer का खतरा
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस स्कैम में Luma Stealer नामक मालवेयर सबसे ज़्यादा फैलाया जा रहा है. यह मालवेयर डिवाइस में सेव पासवर्ड, ब्राउज़र हिस्ट्री और अन्य डेटा चुरा सकता है. सबसे खतरनाक स्थिति तब बनती है जब यूज़र नकली CAPTCHA पर क्लिक करके नोटिफिकेशन ऑन कर देता है जिससे हैकर्स को और गहरी पहुंच मिल जाती है.
कैसे चलता है यह स्कैम?
- ठग पहले नकली वेबसाइट बनाते हैं जो असली प्लेटफॉर्म जैसी दिखती है.
- स्क्रीन पर नकली CAPTCHA दिखाकर यूज़र से क्लिक करवाते हैं.
- इसके बाद उन्हें फाइल डाउनलोड करने या नोटिफिकेशन ऑन करने को कहा जाता है.
- सीधे क्लिक करने से तुरंत नुकसान नहीं होता लेकिन उसके बाद के निर्देश मानते ही डिवाइस में मालवेयर इंस्टॉल हो जाता है.
कैसे बचें इस CAPTCHA स्कैम से?
- हमेशा URL चेक करें, नकली साइट्स पर अक्सर स्पेलिंग मिस्टेक या अजीब कैरेक्टर होते हैं.
- अनजान वेबसाइट्स से नोटिफिकेशन ऑन न करें.
- पॉप-अप्स को नज़रअंदाज़ करें जो ऐप/फाइल इंस्टॉल करने या परमिशन मांगें.
- एंटीवायरस और सिक्योरिटी सॉफ़्टवेयर अपडेट रखें.
- पब्लिक Wi-Fi पर सावधान रहें, यह हैकिंग का आसान टारगेट होता है.
- साइट की ऑथेंटिसिटी ज़रूर चेक करें और स्क्रीन पर दिख रहे रैंडम इंस्ट्रक्शन फॉलो न करें.
यह भी पढ़ें:
गलत हुआ तो घर से अभी पुलिस उठाकर ले जाएगी, तुरंत ऐसे पता करें आपके नाम पर कितनी सिम हैं एक्टिव
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