लेंसकार्ट के को-फाउंडर की डिग्री का मामला बना चर्चा का विषय, DU ने जारी किया स्पष्टीकरण
आईवियर ब्रांड लेंसकार्ट इन दिनों अपने IPO (शेयर बाजार में उतरने) की तैयारी में है, लेकिन इसी दौरान एक दिलचस्प बात सामने आई है. कंपनी के सह-संस्थापक सुमीत कपाही की डिग्री और मार्कशीट को लेकर कुछ ऐसा हुआ कि अब ये मामला सोशल मीडिया और न्यूज़ में छाया हुआ है. दरअसल, लेंसकार्ट ने जब अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) बाजार नियामक सेबी को सौंपा, तो उसमें एक खास बात का खुलासा किया गया कपाही अपनी बी.कॉम (ऑनर्स) की डिग्री और मार्कशीट नहीं ढूंढ पा रहे हैं. कंपनी ने पारदर्शिता दिखाते हुए IPO दस्तावेज़ों के "जोखिम वाले कारक" सेक्शन में लिखा कि उनके ग्लोबल हेड ऑफ सोर्सिंग और प्रमोटर सुमीत कपाही को दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) से मिली डिग्री और मार्कशीट नहीं मिल रही है. उन्होंने दावा किया कि डीयू को कई ईमेल और पत्र भेजे गए हैं. यहां तक कि उन्होंने डीयू की वेबसाइट पर भी ऑनलाइन आवेदन किया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.DU ने क्या कहा? अब इस मामले पर दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से आधिकारिक बयान आया है, जिसमें पूरी स्थिति को साफ किया गया है. विश्वविद्यालय ने बताया कि सुमीत कपाही ने डिग्री या मार्कशीट के लिए न तो कोई ऑनलाइन और न ही ऑफलाइन आवेदन किया है. यानी अब तक उनकी ओर से किसी तरह का कोई अनुरोध विश्वविद्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है. डीयू की परीक्षा शाखा ने सभी रिकॉर्ड खंगालने के बाद यह स्पष्ट किया कि कपाही की ओर से कोई ईमेल, पत्र या आवेदन फॉर्म दर्ज नहीं है. हालांकि, जांच में यह जरूर सामने आया कि एक व्यक्ति दीपेश नाम से, जिन्होंने 16 जुलाई 2025 को सुमीत कपाही के नाम पर डुप्लीकेट मार्कशीट के लिए शुल्क जमा किया था, लेकिन उन्होंने आवश्यक ऑनलाइन फॉर्म नहीं भरा, जिससे प्रक्रिया अधूरी रह गई. क्या करना होगा अब? डीयू ने स्पष्ट किया है कि यदि सुमीत कपाही वाकई अपनी मार्कशीट या डिग्री की कॉपी चाहते हैं, तो उन्हें आधिकारिक पोर्टल पर जाकर निर्धारित प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन आवेदन करना होगा और फीस का भुगतान करना होगा. यह भी पढ़ें- फिनलैंड में पढ़ाई का सपना? वीजा इंटरव्यू में पूछे जाएंगे ये सवाल, खाते में होना चाहिए इतना पैसा!

आईवियर ब्रांड लेंसकार्ट इन दिनों अपने IPO (शेयर बाजार में उतरने) की तैयारी में है, लेकिन इसी दौरान एक दिलचस्प बात सामने आई है. कंपनी के सह-संस्थापक सुमीत कपाही की डिग्री और मार्कशीट को लेकर कुछ ऐसा हुआ कि अब ये मामला सोशल मीडिया और न्यूज़ में छाया हुआ है. दरअसल, लेंसकार्ट ने जब अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) बाजार नियामक सेबी को सौंपा, तो उसमें एक खास बात का खुलासा किया गया कपाही अपनी बी.कॉम (ऑनर्स) की डिग्री और मार्कशीट नहीं ढूंढ पा रहे हैं.
कंपनी ने पारदर्शिता दिखाते हुए IPO दस्तावेज़ों के "जोखिम वाले कारक" सेक्शन में लिखा कि उनके ग्लोबल हेड ऑफ सोर्सिंग और प्रमोटर सुमीत कपाही को दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) से मिली डिग्री और मार्कशीट नहीं मिल रही है. उन्होंने दावा किया कि डीयू को कई ईमेल और पत्र भेजे गए हैं. यहां तक कि उन्होंने डीयू की वेबसाइट पर भी ऑनलाइन आवेदन किया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.
DU ने क्या कहा?
अब इस मामले पर दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से आधिकारिक बयान आया है, जिसमें पूरी स्थिति को साफ किया गया है. विश्वविद्यालय ने बताया कि सुमीत कपाही ने डिग्री या मार्कशीट के लिए न तो कोई ऑनलाइन और न ही ऑफलाइन आवेदन किया है. यानी अब तक उनकी ओर से किसी तरह का कोई अनुरोध विश्वविद्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है.
डीयू की परीक्षा शाखा ने सभी रिकॉर्ड खंगालने के बाद यह स्पष्ट किया कि कपाही की ओर से कोई ईमेल, पत्र या आवेदन फॉर्म दर्ज नहीं है. हालांकि, जांच में यह जरूर सामने आया कि एक व्यक्ति दीपेश नाम से, जिन्होंने 16 जुलाई 2025 को सुमीत कपाही के नाम पर डुप्लीकेट मार्कशीट के लिए शुल्क जमा किया था, लेकिन उन्होंने आवश्यक ऑनलाइन फॉर्म नहीं भरा, जिससे प्रक्रिया अधूरी रह गई.
क्या करना होगा अब?
डीयू ने स्पष्ट किया है कि यदि सुमीत कपाही वाकई अपनी मार्कशीट या डिग्री की कॉपी चाहते हैं, तो उन्हें आधिकारिक पोर्टल पर जाकर निर्धारित प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन आवेदन करना होगा और फीस का भुगतान करना होगा.
यह भी पढ़ें- फिनलैंड में पढ़ाई का सपना? वीजा इंटरव्यू में पूछे जाएंगे ये सवाल, खाते में होना चाहिए इतना पैसा!
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