लखनऊ मेट्रो, सेमी कंडक्टर प्रोजेक्ट और हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट... मोदी कैबिनेट की बैठक में लिए गए अहम फैसले
पीएम मोदी की अगुआई में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. कैबिनेट ने 4 नए सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट उड़ीसा, पंजाब, और आंध्र प्रदेश में लगाने की मंजूरी दी है. इसके लिए कुल 4594 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. लखनऊ मेट्रो के फेस 1B को मंजूरी दी गई है, जिसके लिए 5801 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है. ताटो -II हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट 700 MW को मंजूरी मिली है, जिसके लिए 8146 करोड़ रुपये खर्च होंगे. चार नई सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट और लखनऊ मेट्रो को मंजूरी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "चार नई सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. ऐसी 6 परियोजनाएं पहले ही स्वीकृत हो चुकी हैं और आज इसमें चार नई परियोजनाएं जोड़ी गई हैं. ये ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पंजाब में हैं, जिन पर 4,594 करोड़ रुपये का निवेश होगा." उन्होंने कहा कि लखनऊ एक बड़ा शहर है. यहां मेट्रो की बहुत जरूरत है इसलिए लखनऊ मेट्रो के चरण 1B को 5,801 करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी दी गई है. हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट पर होंगे 8,146 करोड़ खर्च केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "भारत स्वच्छ विकास और स्वच्छ ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्ध है. इस संबंध में आज 8,146 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 700 मेगावाट की ताटो II हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई." सेमीकंडक्टर निर्माण में भारत निभाएगा अहम भूमिका केंद्र सरकार के मुताबिक भारत जल्द ही ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट में एक अहम भूमिका निभा सकता है. केंद्र सरकार ने रविवार (10 अगस्त 2025) को कहा कि 2023 में भारत का सेमीकंडक्टर बाजार लगभग 38 अरब डॉलर का था. यह 2024-25 तक बढ़कर 45 से 50 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. केंद्र सरकार ने कहा कि ग्लोबल पार्टनरशिप, पॉलिसी सपोर्ट और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग में बढ़ोतरी के साथ भारत इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है. भारत का चिप इकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है. सरकार के अनुसार देश के कई भागों में बड़े निवेश की घोषणा की गई है. ये भी पढ़ें : SIR में जीवित लोगों को मृत कैसे घोषित कर दिया, चुनाव आयोग से पूछेंगे? कपिल सिब्बल से बोला सुप्रीम कोर्ट

पीएम मोदी की अगुआई में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. कैबिनेट ने 4 नए सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट उड़ीसा, पंजाब, और आंध्र प्रदेश में लगाने की मंजूरी दी है. इसके लिए कुल 4594 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. लखनऊ मेट्रो के फेस 1B को मंजूरी दी गई है, जिसके लिए 5801 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है. ताटो -II हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट 700 MW को मंजूरी मिली है, जिसके लिए 8146 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
चार नई सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट और लखनऊ मेट्रो को मंजूरी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "चार नई सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. ऐसी 6 परियोजनाएं पहले ही स्वीकृत हो चुकी हैं और आज इसमें चार नई परियोजनाएं जोड़ी गई हैं. ये ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पंजाब में हैं, जिन पर 4,594 करोड़ रुपये का निवेश होगा." उन्होंने कहा कि लखनऊ एक बड़ा शहर है. यहां मेट्रो की बहुत जरूरत है इसलिए लखनऊ मेट्रो के चरण 1B को 5,801 करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी दी गई है.
हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट पर होंगे 8,146 करोड़ खर्च
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "भारत स्वच्छ विकास और स्वच्छ ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्ध है. इस संबंध में आज 8,146 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 700 मेगावाट की ताटो II हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई."
सेमीकंडक्टर निर्माण में भारत निभाएगा अहम भूमिका
केंद्र सरकार के मुताबिक भारत जल्द ही ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट में एक अहम भूमिका निभा सकता है. केंद्र सरकार ने रविवार (10 अगस्त 2025) को कहा कि 2023 में भारत का सेमीकंडक्टर बाजार लगभग 38 अरब डॉलर का था. यह 2024-25 तक बढ़कर 45 से 50 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है.
केंद्र सरकार ने कहा कि ग्लोबल पार्टनरशिप, पॉलिसी सपोर्ट और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग में बढ़ोतरी के साथ भारत इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है. भारत का चिप इकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है. सरकार के अनुसार देश के कई भागों में बड़े निवेश की घोषणा की गई है.
ये भी पढ़ें : SIR में जीवित लोगों को मृत कैसे घोषित कर दिया, चुनाव आयोग से पूछेंगे? कपिल सिब्बल से बोला सुप्रीम कोर्ट
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