रक्षाबंधन के लिए पीएम मोदी की मुस्लिम बहन कमर मोहसिन शेख ने तैयार की राखी! जानें 30 साल पुराने रिश्ते का PAK कनेक्शन
भारत जैसे विविधताओं से भरे देश में जब रक्षाबंधन जैसे पावन त्योहार पर धर्म और जाति की सीमाएं टूटती हैं तो वह सिर्फ त्योहार नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय भावनात्मक संवाद बन जाता है. ऐसी ही एक मिसाल हैं कमर मोहसिन शेख, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले 30 वर्षों से राखी बांध रही हैं. पाकिस्तान के कराची में जन्मी कमर मोहसिन शेख ने इस साल भी अपने हाथों से बनाई हुईं चार सुंदर राखियां पीएम मोदी के लिए तैयार की हैं. इनमें ओम और गणेश जी की डिजाइन हैं, जो भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता की प्रतीक हैं. VIDEO | As Rakshabandhan approaches, Qamar Mohsin Sheikh, a Pakistani-origin woman living in Ahmedabad, is once again preparing to tie a handmade rakhi to Prime Minister Narendra Modi, continuing a unique tradition that has lasted around 30 years.Every year, Sheikh crafts… pic.twitter.com/SMWi5iPyc6 — Press Trust of India (@PTI_News) August 6, 2025 यह रिश्ता कैसे शुरू हुआ?कमर मोहसिन शेख बताती हैं कि पीएम मोदी से उनका रिश्ता तब शुरू हुआ जब वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता थे. एक दिन उन्होंने बस हालचाल पूछते हुए कहा, "बहन कैसी हो?" और बस वहीं से इस अनोखे रिश्ते की शुरुआत हुई. तब से लेकर आज तक हर साल वह राखी खुद अपने हाथों से बनाती हैं और जो उन्हें सबसे ज्यादा पसंद आती है वही वह प्रधानमंत्री की कलाई पर बांधती हैं. दुआओं से साकार हुईं मंज़िलेंकमर शेख याद करती हैं कि उन्होंने एक बार नरेंद्र मोदी को दुआ दी थी कि वह गुजरात के मुख्यमंत्री बनें, जब यह सच हुआ तो उन्होंने अगली बार दुआ दी कि वह देश के प्रधानमंत्री बनें और भारत का नाम रोशन करें. अब जब पीएम मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन चुके हैं तो कमर मोहसिन शेख का यह मानना है कि मेरी दुआ अब तीसरी बार भी कबूल हो गई है. पीएमओ से न्योते का इंतजारपिछले वर्ष वह रक्षाबंधन के मौके पर दिल्ली नहीं आ पाई थीं, लेकिन इस बार उन्होंने चार राखियां तैयार की हैं और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से न्योते का इंतजार कर रही हैं. उनका कहना है कि यदि उन्हें बुलावा मिला तो वे राखी बांधकर इस साल का रक्षाबंधन भी उसी प्रेम और विश्वास के साथ मनाएंगी. यह सिर्फ एक बहन का उत्साह नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा के प्रति उनका अटूट विश्वास भी दर्शाता है. हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की ऐसी मिसालें भारत को एक मजबूत सामाजिक ताने-बाने में पिरोती हैं. ये भी पढ़ें: बिहार में SIR पर हंगामा मचाने वाली पार्टियों ने 5 दिनों में कितनी आपत्ति दर्ज कराईं? चुनाव आयोग ने बताया

भारत जैसे विविधताओं से भरे देश में जब रक्षाबंधन जैसे पावन त्योहार पर धर्म और जाति की सीमाएं टूटती हैं तो वह सिर्फ त्योहार नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय भावनात्मक संवाद बन जाता है. ऐसी ही एक मिसाल हैं कमर मोहसिन शेख, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले 30 वर्षों से राखी बांध रही हैं.
पाकिस्तान के कराची में जन्मी कमर मोहसिन शेख ने इस साल भी अपने हाथों से बनाई हुईं चार सुंदर राखियां पीएम मोदी के लिए तैयार की हैं. इनमें ओम और गणेश जी की डिजाइन हैं, जो भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता की प्रतीक हैं.
VIDEO | As Rakshabandhan approaches, Qamar Mohsin Sheikh, a Pakistani-origin woman living in Ahmedabad, is once again preparing to tie a handmade rakhi to Prime Minister Narendra Modi, continuing a unique tradition that has lasted around 30 years.
Every year, Sheikh crafts… pic.twitter.com/SMWi5iPyc6 — Press Trust of India (@PTI_News) August 6, 2025
यह रिश्ता कैसे शुरू हुआ?
कमर मोहसिन शेख बताती हैं कि पीएम मोदी से उनका रिश्ता तब शुरू हुआ जब वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता थे. एक दिन उन्होंने बस हालचाल पूछते हुए कहा, "बहन कैसी हो?" और बस वहीं से इस अनोखे रिश्ते की शुरुआत हुई. तब से लेकर आज तक हर साल वह राखी खुद अपने हाथों से बनाती हैं और जो उन्हें सबसे ज्यादा पसंद आती है वही वह प्रधानमंत्री की कलाई पर बांधती हैं.
दुआओं से साकार हुईं मंज़िलें
कमर शेख याद करती हैं कि उन्होंने एक बार नरेंद्र मोदी को दुआ दी थी कि वह गुजरात के मुख्यमंत्री बनें, जब यह सच हुआ तो उन्होंने अगली बार दुआ दी कि वह देश के प्रधानमंत्री बनें और भारत का नाम रोशन करें. अब जब पीएम मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन चुके हैं तो कमर मोहसिन शेख का यह मानना है कि मेरी दुआ अब तीसरी बार भी कबूल हो गई है.
पीएमओ से न्योते का इंतजार
पिछले वर्ष वह रक्षाबंधन के मौके पर दिल्ली नहीं आ पाई थीं, लेकिन इस बार उन्होंने चार राखियां तैयार की हैं और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से न्योते का इंतजार कर रही हैं. उनका कहना है कि यदि उन्हें बुलावा मिला तो वे राखी बांधकर इस साल का रक्षाबंधन भी उसी प्रेम और विश्वास के साथ मनाएंगी. यह सिर्फ एक बहन का उत्साह नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा के प्रति उनका अटूट विश्वास भी दर्शाता है. हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की ऐसी मिसालें भारत को एक मजबूत सामाजिक ताने-बाने में पिरोती हैं.
ये भी पढ़ें: बिहार में SIR पर हंगामा मचाने वाली पार्टियों ने 5 दिनों में कितनी आपत्ति दर्ज कराईं? चुनाव आयोग ने बताया
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