मोदी सरकार के इस प्लान से बूंद-बूंद पानी को तरसता पाकिस्तान, लेकिन CM उमर अब्दुल्ला ने कर दिया खेल

Union Govt. Proposal for 113 km Long Canal: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि के निलंबन के बाद पाकिस्तान को बूंद-बूंद पानी को तरसाने के लिए केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से पानी को पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में स्थानांतरित करने के लिए 113 किलोमीटर लंबी नहर के निर्माण का प्रस्ताव दिया है. वहीं, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं करने की बात कही है. भारत के पानी को पाकिस्तान में बहने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने एक व्यापक प्रस्ताव बनाया है. इस प्रस्ताव के तहत जम्मू-कश्मीर से अधिशेष पानी को पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में स्थानांतरित करने के लिए एक व्यवहार्यता अध्ययन किया जा रहा है. इस परियोजना से पाकिस्तान में पानी का प्रवाह कम हो सकता है. 113 किलोमीटर लंबी सुरंग से नहरों को जोड़ने पर काम करेगी केंद्र सरकार प्रस्ताव के तहत केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर और पंजाब में विभिन्न स्थानों पर कई सुरंगों के माध्यम से मौजूदा नहर संरचना को जोड़ने का प्रस्ताव दिया. इस प्रस्तावित 113 किलोमीटर की सुरंग को मौजूदा नहरों के साथ आवश्यक कनेक्शन के लिए 13 स्थानों को प्राथमिकता देते हुए खंड-वार शुरू किए जाने की उम्मीद है. सिंधु नदी प्रणाली से पानी को मोड़ने की योजना झेलम, चिनाब और सिंधु सहित तीन नदियों पर केंद्रित है जो पाकिस्तान में बहती हैं. सूत्रों के मुताबिक, नई नहरें अतिरिक्त पानी को दूसरी दिशा में मोड़ देंगी. चिनाब को रावी-व्यास-सतलज प्रणाली से जोड़ने वाली नहर तीन साल में बनकर होगी तैयार एबीपी न्यूज के सूत्रों ने बताया है कि मौजूदा प्रस्ताव के अनुसार, चिनाब नदी को रावी-व्यास-सतलज प्रणाली से जोड़ने वाली नहर निर्माण कार्य में कम से कम तीन साल लग सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, सिंधु नदी के पानी को तीन साल के भीतर नहरों के माध्यम से राजस्थान के गंगानगर तक ले जाया जा सकता है, जिससे पाकिस्तान को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ेगा. इस प्रस्ताव को लेकर जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स केंद्र सरकार का स्वागत किया है. चैंबर ऑफ कॉमर्स के मुताबिक, यह प्रस्ताव जम्मू कश्मीर के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकता है. केंद्र के प्रस्ताव में नहर को यमुना से जोड़ने का लक्ष्य भी शामिल प्रस्ताव में इसे यमुना से जोड़ने का भी लक्ष्य है और अगर ऐसा होता है, तो नहर की लंबाई 200 किलोमीटर तक हो जाएगी. सूत्रों ने कहा कि जम्मू में चिनाब नदी से पानी खींचने वाली रणबीर नहर की जल क्षमता को दोगुना करने का भी प्रस्ताव है. इस नहर की लंबाई 60 किलोमीटर से बढ़ाकर 120 किलोमीटर की जा सकती है. इसके अलावा, व्यवहार्यता रिपोर्ट के आधार पर प्रताप नहर को भी पूरी क्षमता से इस्तेमाल करने का प्रयास किया जाएगा. पानी को नियंत्रित करने के लिए कई परियोजनाओं पर तेजी से होगा काम जम्मू क्षेत्र में चिनाब नदी पर निर्मित बगलिहार और सलाल परियोजनाओं के जलाशयों की सफाई और फ्लशिंग भी की जाएगी, ताकि पानी के प्रवाह को यथासंभव नियंत्रित किया जा सके. सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा, किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर पाकल दुल, किरू, रतले और क्वार परियोजनाओं पर भी काम तेज किया जाएगा. जम्मू-कश्मीर के नलों में पानी नहीं तो हम दूसरों को पानी क्यों दें?- उमर अब्दुल्ला वहीं, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस प्रस्ताव को लेकर कई सवाल उठाए हैं. जम्मू में मीडिया से बात करते हुए केंद्र सरकार के जम्मू कश्मीर के पानी को पंजाब और राजस्थान तक पहुंचाने के प्रस्ताव पर किए गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम इस बात की इजाजत नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि पहले हमें अपना पानी अपने लिए इस्तेमाल करने दीजिए, फिर हम बाकियों की बात करेंगे. जम्मू में सूखा पड़ा हुआ है, जम्मू के नलों में पानी नहीं है. मैं पंजाब पानी क्यों भेजूं? J-K के पानी को इस्तेमाल करने के लिए सरकार दो चीजों पर कर रही काम- उमर अब्दुल्ला उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर के पानी को जम्मू कश्मीर में इस्तेमाल करने के लिए सरकार दो चीजों पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि एक तुलवुल नविगेशन बैराज पर काम शुरू होना चाहिए और दूसरा अखनूर से पानी पंप करके जम्मू शहर तक पहुंचाया जाना चाहिए. 22 अप्रैल को कश्मीर घाटी में पहलगाम के बैसरन में हुए आतंकी हमले के बाद, जिसमें 25 पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक सहित 26 नागरिक मारे गए थे. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था और पड़ोसी देश के खिलाफ कई अन्य कदम उठाए थे.

Jun 20, 2025 - 20:30
 0
मोदी सरकार के इस प्लान से बूंद-बूंद पानी को तरसता पाकिस्तान, लेकिन CM उमर अब्दुल्ला ने कर दिया खेल

Union Govt. Proposal for 113 km Long Canal: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि के निलंबन के बाद पाकिस्तान को बूंद-बूंद पानी को तरसाने के लिए केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से पानी को पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में स्थानांतरित करने के लिए 113 किलोमीटर लंबी नहर के निर्माण का प्रस्ताव दिया है. वहीं, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं करने की बात कही है.

भारत के पानी को पाकिस्तान में बहने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने एक व्यापक प्रस्ताव बनाया है. इस प्रस्ताव के तहत जम्मू-कश्मीर से अधिशेष पानी को पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में स्थानांतरित करने के लिए एक व्यवहार्यता अध्ययन किया जा रहा है. इस परियोजना से पाकिस्तान में पानी का प्रवाह कम हो सकता है.

113 किलोमीटर लंबी सुरंग से नहरों को जोड़ने पर काम करेगी केंद्र सरकार

प्रस्ताव के तहत केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर और पंजाब में विभिन्न स्थानों पर कई सुरंगों के माध्यम से मौजूदा नहर संरचना को जोड़ने का प्रस्ताव दिया. इस प्रस्तावित 113 किलोमीटर की सुरंग को मौजूदा नहरों के साथ आवश्यक कनेक्शन के लिए 13 स्थानों को प्राथमिकता देते हुए खंड-वार शुरू किए जाने की उम्मीद है. सिंधु नदी प्रणाली से पानी को मोड़ने की योजना झेलम, चिनाब और सिंधु सहित तीन नदियों पर केंद्रित है जो पाकिस्तान में बहती हैं. सूत्रों के मुताबिक, नई नहरें अतिरिक्त पानी को दूसरी दिशा में मोड़ देंगी.

चिनाब को रावी-व्यास-सतलज प्रणाली से जोड़ने वाली नहर तीन साल में बनकर होगी तैयार

एबीपी न्यूज के सूत्रों ने बताया है कि मौजूदा प्रस्ताव के अनुसार, चिनाब नदी को रावी-व्यास-सतलज प्रणाली से जोड़ने वाली नहर निर्माण कार्य में कम से कम तीन साल लग सकते हैं.

सूत्रों के मुताबिक, सिंधु नदी के पानी को तीन साल के भीतर नहरों के माध्यम से राजस्थान के गंगानगर तक ले जाया जा सकता है, जिससे पाकिस्तान को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ेगा. इस प्रस्ताव को लेकर जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स केंद्र सरकार का स्वागत किया है. चैंबर ऑफ कॉमर्स के मुताबिक, यह प्रस्ताव जम्मू कश्मीर के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकता है.

केंद्र के प्रस्ताव में नहर को यमुना से जोड़ने का लक्ष्य भी शामिल

प्रस्ताव में इसे यमुना से जोड़ने का भी लक्ष्य है और अगर ऐसा होता है, तो नहर की लंबाई 200 किलोमीटर तक हो जाएगी. सूत्रों ने कहा कि जम्मू में चिनाब नदी से पानी खींचने वाली रणबीर नहर की जल क्षमता को दोगुना करने का भी प्रस्ताव है. इस नहर की लंबाई 60 किलोमीटर से बढ़ाकर 120 किलोमीटर की जा सकती है. इसके अलावा, व्यवहार्यता रिपोर्ट के आधार पर प्रताप नहर को भी पूरी क्षमता से इस्तेमाल करने का प्रयास किया जाएगा.

पानी को नियंत्रित करने के लिए कई परियोजनाओं पर तेजी से होगा काम

जम्मू क्षेत्र में चिनाब नदी पर निर्मित बगलिहार और सलाल परियोजनाओं के जलाशयों की सफाई और फ्लशिंग भी की जाएगी, ताकि पानी के प्रवाह को यथासंभव नियंत्रित किया जा सके. सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा, किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर पाकल दुल, किरू, रतले और क्वार परियोजनाओं पर भी काम तेज किया जाएगा.

जम्मू-कश्मीर के नलों में पानी नहीं तो हम दूसरों को पानी क्यों दें?- उमर अब्दुल्ला

वहीं, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस प्रस्ताव को लेकर कई सवाल उठाए हैं. जम्मू में मीडिया से बात करते हुए केंद्र सरकार के जम्मू कश्मीर के पानी को पंजाब और राजस्थान तक पहुंचाने के प्रस्ताव पर किए गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम इस बात की इजाजत नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि पहले हमें अपना पानी अपने लिए इस्तेमाल करने दीजिए, फिर हम बाकियों की बात करेंगे. जम्मू में सूखा पड़ा हुआ है, जम्मू के नलों में पानी नहीं है. मैं पंजाब पानी क्यों भेजूं?

J-K के पानी को इस्तेमाल करने के लिए सरकार दो चीजों पर कर रही काम- उमर अब्दुल्ला

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर के पानी को जम्मू कश्मीर में इस्तेमाल करने के लिए सरकार दो चीजों पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि एक तुलवुल नविगेशन बैराज पर काम शुरू होना चाहिए और दूसरा अखनूर से पानी पंप करके जम्मू शहर तक पहुंचाया जाना चाहिए.

22 अप्रैल को कश्मीर घाटी में पहलगाम के बैसरन में हुए आतंकी हमले के बाद, जिसमें 25 पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक सहित 26 नागरिक मारे गए थे. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था और पड़ोसी देश के खिलाफ कई अन्य कदम उठाए थे.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow