मुंह में दिख रहे हैं ये 7 लक्षण तो 99% पक्का है कैंसर, ऐसे कर सकते हैं पहचान

फेमस रॉक बैंड जंकयार्ड के सिंगर डेविड रोच का 59 साल की उम्र में निधन हो गया. वह स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा नामक खतरनाक कैंसर से जूझ रहे थे, जो सिर, गले और मुंह को प्रभावित करता है. शुरुआत में डेविड को सिर्फ बुखार और खांसी की शिकायत थी. उन्होंने सोचा कि यह सामान्य संक्रमण है, लेकिन जब जांच हुई तो पता चला कि यह कैंसर है और वह भी बेहद आक्रामक. यह कैंसर बहुत तेजी से फैलने वाला था और कुछ ही हफ्तों में डेविड की हालत बिगड़ गई. दुख की बात यह है कि डेविड अपनी शादी के केवल दो हफ्ते बाद ही इस बीमारी के कारण दुनिया से चले गए. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के कैंसर के शुरुआती लक्षण बहुत सामान्य लगते हैं, इसलिए लोग इन्हें अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं. यही वजह है कि ज्यादातर केस एडवांस स्टेज पर सामने आते हैं, जब इलाज मुश्किल हो जाता है. भारत में ओरल कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और यह देश में सबसे ज्यादा होने वाले कैंसर में शामिल है. डॉक्टरों ने क्या कहा? लंदन के चेलेसी एंड वेस्टमिंस्टर हॉस्पिटल के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. जोनाथन केंटली का कहना है कि स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा आमतौर पर स्किन पर होता है और ज्यादातर धूप या एचपीवी वायरस के कारण विकसित होता है, लेकिन यह गले, मुंह और फेफड़ों में भी हो सकता है. वह कहते हैं, “गैर-स्किन कैंसर के लक्षणों में दर्द, निगलने में दिक्कत, गले में गांठ और खून आना शामिल हैं. अगर आपको तीन हफ्तों से ज्यादा समय तक यह लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं.” मुंह के कैंसर के 7 बड़े लक्षण मुंह या जीभ में घाव या अल्सर जो तीन हफ्ते में भी न भरे. जीभ या गाल पर लाल या सफेद धब्बे दिखना. होंठ या मसूड़ों पर गांठ जो ठीक न हो. लगातार गले में खराश या आवाज में बदलाव. निगलने में परेशानी या गले में दर्द. खून के साथ खांसी. मुंह से लगातार बदबूदार सांस आना. अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण लंबे समय तक दिखे तो इसे नजरअंदाज न करें. क्यों होता है यह कैंसर? विशेषज्ञों के अनुसार, तंबाकू और स्मोकिंग इसका सबसे बड़ा कारण है. इसके अलावा ज्यादा शराब का सेवन, एचपीवी वायरस (HPV) का संक्रमण और ओरल हाइजीन की कमी भी इसके प्रमुख कारण हैं. मैकमिलन कैंसर सपोर्ट की रिपोर्ट के अनुसार, धूम्रपान और शराब मिलकर इस बीमारी का खतरा कई गुना बढ़ा देते हैं. ब्रिटेन में हर साल करीब 13,000 लोग इस बीमारी से प्रभावित होते हैं और भारत में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कैसे करें बचाव? तंबाकू और शराब से दूरी बनाएं. ओरल हाइजीन पर ध्यान दें और नियमित डेंटल चेकअप कराएं. एचपीवी वैक्सीन लगवाने पर विचार करें. अगर कोई लक्षण लंबे समय तक बना रहे तो डॉक्टर से तुरंत जांच कराएं. याद रखें, कैंसर जितनी जल्दी पकड़ा जाए, इलाज उतना आसान और सफल होता है.  इसे भी पढ़ें- किडनी को रखना है हेल्दी तो रोज पिएं इतना पानी, आज ही जान लें लिमिट Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें

Aug 5, 2025 - 17:30
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मुंह में दिख रहे हैं ये 7 लक्षण तो 99% पक्का है कैंसर, ऐसे कर सकते हैं पहचान

फेमस रॉक बैंड जंकयार्ड के सिंगर डेविड रोच का 59 साल की उम्र में निधन हो गया. वह स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा नामक खतरनाक कैंसर से जूझ रहे थे, जो सिर, गले और मुंह को प्रभावित करता है. शुरुआत में डेविड को सिर्फ बुखार और खांसी की शिकायत थी. उन्होंने सोचा कि यह सामान्य संक्रमण है, लेकिन जब जांच हुई तो पता चला कि यह कैंसर है और वह भी बेहद आक्रामक. यह कैंसर बहुत तेजी से फैलने वाला था और कुछ ही हफ्तों में डेविड की हालत बिगड़ गई. दुख की बात यह है कि डेविड अपनी शादी के केवल दो हफ्ते बाद ही इस बीमारी के कारण दुनिया से चले गए.

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के कैंसर के शुरुआती लक्षण बहुत सामान्य लगते हैं, इसलिए लोग इन्हें अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं. यही वजह है कि ज्यादातर केस एडवांस स्टेज पर सामने आते हैं, जब इलाज मुश्किल हो जाता है. भारत में ओरल कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और यह देश में सबसे ज्यादा होने वाले कैंसर में शामिल है.

डॉक्टरों ने क्या कहा?

लंदन के चेलेसी एंड वेस्टमिंस्टर हॉस्पिटल के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. जोनाथन केंटली का कहना है कि स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा आमतौर पर स्किन पर होता है और ज्यादातर धूप या एचपीवी वायरस के कारण विकसित होता है, लेकिन यह गले, मुंह और फेफड़ों में भी हो सकता है. वह कहते हैं, “गैर-स्किन कैंसर के लक्षणों में दर्द, निगलने में दिक्कत, गले में गांठ और खून आना शामिल हैं. अगर आपको तीन हफ्तों से ज्यादा समय तक यह लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं.”

मुंह के कैंसर के 7 बड़े लक्षण

  • मुंह या जीभ में घाव या अल्सर जो तीन हफ्ते में भी न भरे.
  • जीभ या गाल पर लाल या सफेद धब्बे दिखना.
  • होंठ या मसूड़ों पर गांठ जो ठीक न हो.
  • लगातार गले में खराश या आवाज में बदलाव.
  • निगलने में परेशानी या गले में दर्द.
  • खून के साथ खांसी.
  • मुंह से लगातार बदबूदार सांस आना.
  • अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण लंबे समय तक दिखे तो इसे नजरअंदाज न करें.

क्यों होता है यह कैंसर?

विशेषज्ञों के अनुसार, तंबाकू और स्मोकिंग इसका सबसे बड़ा कारण है. इसके अलावा ज्यादा शराब का सेवन, एचपीवी वायरस (HPV) का संक्रमण और ओरल हाइजीन की कमी भी इसके प्रमुख कारण हैं. मैकमिलन कैंसर सपोर्ट की रिपोर्ट के अनुसार, धूम्रपान और शराब मिलकर इस बीमारी का खतरा कई गुना बढ़ा देते हैं. ब्रिटेन में हर साल करीब 13,000 लोग इस बीमारी से प्रभावित होते हैं और भारत में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

कैसे करें बचाव?

  • तंबाकू और शराब से दूरी बनाएं.
  • ओरल हाइजीन पर ध्यान दें और नियमित डेंटल चेकअप कराएं.
  • एचपीवी वैक्सीन लगवाने पर विचार करें.
  • अगर कोई लक्षण लंबे समय तक बना रहे तो डॉक्टर से तुरंत जांच कराएं.

याद रखें, कैंसर जितनी जल्दी पकड़ा जाए, इलाज उतना आसान और सफल होता है. 

इसे भी पढ़ें- किडनी को रखना है हेल्दी तो रोज पिएं इतना पानी, आज ही जान लें लिमिट

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें

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