किडनी की इस बीमारी ने छीन लीं सत्यपाल मलिक की सांसें, जानिए कितनी गंभीर होती है ये दिक्कत?
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में निधन हो गया. 79 वर्षीय मलिक लंबे समय से बीमार थे और उनका इलाज आरएमएल में चल रहा था.सत्यपाल मलिक के निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर है. वह देश के उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने कई राज्यों में राज्यपाल के रूप में अपनी सेवाएं दीं. मलिक बिहार, गोवा, मेघालय और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रह चुके थे. उन्हें उनकी स्पष्टवादी छवि और कुशल राजनीतिक समझ के लिए जाना जाता था. उनके निधन पर देशभर के प्रमुख नेताओं ने दुख जताया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. सत्यपाल मलिक भारतीय राजनीति के ऐसे चेहरे थे जिन्होंने हमेशा अपनी बेबाक राय और प्रशासनिक अनुभव से पहचान बनाई. सत्यपाल मलिक के निधन की जानकारी उनके सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर साझा की गई. वह बिहार के राज्यपाल के पद पर भी रह चुके थे. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, उन्हें किडनी से जुड़ी गंभीर समस्या थी, जिसके कारण उनका इलाज चल रहा था. चलिए, आपको बताते हैं कि वे किस किडनी की बीमारी से पीड़ित थे और यह कितना खतरनाक होता है. किस किडनी की बीमारी से पीडित थे सत्यपाल मलिक मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पेशाब में काफी दर्द के बाद उनको मई के महीने में दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एडमिट करवाया गया था. जहां जांच के बाद यह जानकारी निकल कर सामने आई थी कि उनको यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) में दिक्कत है. कुछ समय बाद उनकी स्थिति और बिगड़ गई. उनकी दोनों किडनियों ने काम करना बंद कर दिया था. जिसकी जानकारी खुद उन्होंने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट के माध्यम से दी थी. किडनी से जुड़ी दिक्कत क्यों होती है? किडनी शरीर का बेहद अहम अंग है, जो खून को साफ करने, टॉक्सिन्स बाहर निकालने और शरीर में पानी और खनिज का संतुलन बनाए रखने का काम करती है. जब किडनी सही तरीके से काम करना बंद कर देती है, तो शरीर में खतरनाक टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं. किडनी फेलियर या क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे: हाई ब्लड प्रेशर – लंबे समय तक अनियंत्रित ब्लड प्रेशर किडनी को नुकसान पहुंचाता है. डायबिटीज – भारत में डायबिटीज किडनी रोग का सबसे बड़ा कारण है. बार-बार होने वाले इंफेक्शन – किडनी में संक्रमण से इसकी कार्यक्षमता कम हो सकती है. लाइफस्टाइल और डाइट – ज्यादा नमक, प्रोसेस्ड फूड और कम पानी का सेवन किडनी पर दबाव डालता है. लंबे समय तक दवाइयों का इस्तेमाल – खासतौर पर पेनकिलर या स्टेरॉयड का. कितनी खतरनाक है किडनी की बीमारी? किडनी की बीमारी को अक्सर साइलेंट किलर कहा जाता है क्योंकि शुरुआती स्टेज में इसके लक्षण बहुत हल्के होते हैं. जब तक मरीज को थकान, सूजन, पेशाब की समस्या या ब्लड प्रेशर में बदलाव जैसे लक्षण दिखते हैं, तब तक बीमारी काफी बढ़ चुकी होती है. अंतिम स्टेज पर मरीज को डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है. इसे भी पढ़ें- हर किसी के लिए हेल्दी नहीं होता नारियल पानी, इन 5 लोगों को हमेशा करना चाहिए अवॉयड

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में निधन हो गया. 79 वर्षीय मलिक लंबे समय से बीमार थे और उनका इलाज आरएमएल में चल रहा था.सत्यपाल मलिक के निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर है. वह देश के उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने कई राज्यों में राज्यपाल के रूप में अपनी सेवाएं दीं. मलिक बिहार, गोवा, मेघालय और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रह चुके थे. उन्हें उनकी स्पष्टवादी छवि और कुशल राजनीतिक समझ के लिए जाना जाता था.
उनके निधन पर देशभर के प्रमुख नेताओं ने दुख जताया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. सत्यपाल मलिक भारतीय राजनीति के ऐसे चेहरे थे जिन्होंने हमेशा अपनी बेबाक राय और प्रशासनिक अनुभव से पहचान बनाई. सत्यपाल मलिक के निधन की जानकारी उनके सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर साझा की गई. वह बिहार के राज्यपाल के पद पर भी रह चुके थे. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, उन्हें किडनी से जुड़ी गंभीर समस्या थी, जिसके कारण उनका इलाज चल रहा था. चलिए, आपको बताते हैं कि वे किस किडनी की बीमारी से पीड़ित थे और यह कितना खतरनाक होता है.
किस किडनी की बीमारी से पीडित थे सत्यपाल मलिक
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पेशाब में काफी दर्द के बाद उनको मई के महीने में दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एडमिट करवाया गया था. जहां जांच के बाद यह जानकारी निकल कर सामने आई थी कि उनको यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) में दिक्कत है. कुछ समय बाद उनकी स्थिति और बिगड़ गई. उनकी दोनों किडनियों ने काम करना बंद कर दिया था. जिसकी जानकारी खुद उन्होंने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट के माध्यम से दी थी.
किडनी से जुड़ी दिक्कत क्यों होती है?
किडनी शरीर का बेहद अहम अंग है, जो खून को साफ करने, टॉक्सिन्स बाहर निकालने और शरीर में पानी और खनिज का संतुलन बनाए रखने का काम करती है. जब किडनी सही तरीके से काम करना बंद कर देती है, तो शरीर में खतरनाक टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं.
किडनी फेलियर या क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
- हाई ब्लड प्रेशर – लंबे समय तक अनियंत्रित ब्लड प्रेशर किडनी को नुकसान पहुंचाता है.
- डायबिटीज – भारत में डायबिटीज किडनी रोग का सबसे बड़ा कारण है.
- बार-बार होने वाले इंफेक्शन – किडनी में संक्रमण से इसकी कार्यक्षमता कम हो सकती है.
- लाइफस्टाइल और डाइट – ज्यादा नमक, प्रोसेस्ड फूड और कम पानी का सेवन किडनी पर दबाव डालता है.
- लंबे समय तक दवाइयों का इस्तेमाल – खासतौर पर पेनकिलर या स्टेरॉयड का.
कितनी खतरनाक है किडनी की बीमारी?
किडनी की बीमारी को अक्सर साइलेंट किलर कहा जाता है क्योंकि शुरुआती स्टेज में इसके लक्षण बहुत हल्के होते हैं. जब तक मरीज को थकान, सूजन, पेशाब की समस्या या ब्लड प्रेशर में बदलाव जैसे लक्षण दिखते हैं, तब तक बीमारी काफी बढ़ चुकी होती है. अंतिम स्टेज पर मरीज को डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है.
इसे भी पढ़ें- हर किसी के लिए हेल्दी नहीं होता नारियल पानी, इन 5 लोगों को हमेशा करना चाहिए अवॉयड
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