पृथ्वी शॉ पर कोर्ट ने लगाया 100 रुपये का जुर्माना, छेड़छाड़ का है मामला; पूरी खबर उड़ा देगी होश
मुंबई की एक अदालत ने कथित छेड़छाड़ के मामले में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सपना गिल की याचिका का जवाब देने में नाकाम रहने को लेकर क्रिकेटर पृथ्वी शॉ पर 100 रुपये का जुर्माना लगाया है. गिल ने अप्रैल 2024 में डिंडोशी सत्र न्यायालय में एक फौजदारी समीक्षा अर्जी दायर की थी, जिसमें एक मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती दी गई थी. मजिस्ट्रेट ने उक्त आदेश में पुलिस को 2022 में अंधेरी के एक पब में कथित रूप से छेड़छाड़ करने के लिए शॉ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया था. सत्र न्यायालय ने कई तारीखों पर पृथ्वी शॉ से याचिका पर जवाब मांगा था. मंगलवार को अदालत ने कहा कि पिछली तारीख पर क्रिकेटर पृथ्वी शॉ को एक आखिरी मौका दिया गया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब दाखिल नहीं किया. अदालत ने सुनवाई 16 दिसंबर तक स्थगित करते हुए कहा, "फिर भी 100 रुपये के जुर्माने पर एक और मौका दिया जाता है." गिल का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अली काशिफ खान ने दावा किया कि शॉ को कई बार तलब किए जाने के बावजूद, उन्होंने नियमित रूप से यह तरकीब अपनाई. सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने सबसे पहले अंधेरी मजिस्ट्रेट अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें पुलिस को शॉ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. मजिस्ट्रेट अदालत ने पिछले साल सिर्फ पुलिस जांच का आदेश दिया था. इसके बाद उन्होंने सत्र अदालत का रुख किया और कहा कि निचली अदालत का आदेश पूरी तरह से गलत और कानून के स्थापित सिद्धांतों के खिलाफ है और इसे रद्द किया जाना चाहिए. गिल को फरवरी 2023 में एक उपनगरीय होटल में सेल्फी लेने को लेकर हुए विवाद के बाद शॉ पर कथित हमले के सिलसिले में कुछ अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था. जमानत मिलने के बाद गिल ने शॉ और उनके दोस्त आशीष यादव और अन्य के खिलाफ कथित छेड़छाड़ की शिकायत के साथ एयरपोर्ट पुलिस थाने का रुख किया था. लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया.

मुंबई की एक अदालत ने कथित छेड़छाड़ के मामले में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सपना गिल की याचिका का जवाब देने में नाकाम रहने को लेकर क्रिकेटर पृथ्वी शॉ पर 100 रुपये का जुर्माना लगाया है. गिल ने अप्रैल 2024 में डिंडोशी सत्र न्यायालय में एक फौजदारी समीक्षा अर्जी दायर की थी, जिसमें एक मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती दी गई थी.
मजिस्ट्रेट ने उक्त आदेश में पुलिस को 2022 में अंधेरी के एक पब में कथित रूप से छेड़छाड़ करने के लिए शॉ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया था. सत्र न्यायालय ने कई तारीखों पर पृथ्वी शॉ से याचिका पर जवाब मांगा था.
मंगलवार को अदालत ने कहा कि पिछली तारीख पर क्रिकेटर पृथ्वी शॉ को एक आखिरी मौका दिया गया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब दाखिल नहीं किया. अदालत ने सुनवाई 16 दिसंबर तक स्थगित करते हुए कहा, "फिर भी 100 रुपये के जुर्माने पर एक और मौका दिया जाता है."
गिल का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अली काशिफ खान ने दावा किया कि शॉ को कई बार तलब किए जाने के बावजूद, उन्होंने नियमित रूप से यह तरकीब अपनाई. सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने सबसे पहले अंधेरी मजिस्ट्रेट अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें पुलिस को शॉ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.
मजिस्ट्रेट अदालत ने पिछले साल सिर्फ पुलिस जांच का आदेश दिया था. इसके बाद उन्होंने सत्र अदालत का रुख किया और कहा कि निचली अदालत का आदेश पूरी तरह से गलत और कानून के स्थापित सिद्धांतों के खिलाफ है और इसे रद्द किया जाना चाहिए.
गिल को फरवरी 2023 में एक उपनगरीय होटल में सेल्फी लेने को लेकर हुए विवाद के बाद शॉ पर कथित हमले के सिलसिले में कुछ अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था. जमानत मिलने के बाद गिल ने शॉ और उनके दोस्त आशीष यादव और अन्य के खिलाफ कथित छेड़छाड़ की शिकायत के साथ एयरपोर्ट पुलिस थाने का रुख किया था. लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया.
What's Your Reaction?






