नुकसान से ज्यादा फायदा...ट्रंप के टैरिफ से भारत के लिए खुलेंगे कई रास्ते, आपदा को अवसर में बदलेगा हिंदुस्तान
Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत से अमेरिका आने वाले सामानों पर 25 परसेंट टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. साथ में रूस से कच्चे तेल और हथियार की खरीद को लेकर भारत पर पेनाल्टी लगाने तक की बात कह दी है. पहली नजर में हमें भले ही ट्रंप का यह कदम किसी झटके से कम नहीं लगे, लेकिन आपदा को अवसर में बदलने का भी यही मौका है. आइए जानते हैं कैसे? एक्सपोर्ट का बढ़ेगा दायरा ट्रंप के टैरिफ लगाने से अब भारत को अपने एक्सपोर्ट मार्केट के दायरे को बढ़ाना होगा. यूरोपीय यूनियन, ब्रिटेन और मिडिल ईस्ट जैसे देशों में अपनी पहुंच ज्यादा से ज्यादा बढ़ानी होगी. हाल ही में ब्रिटेन और भारत के बीच हुए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के चलते वहां के बाजारों में भारतीय कारोबारियों की पहुंच बढ़ेगी. उद्योगपति हर्ष गोयनका का भी यही कहना है कि ट्रंप का यह फैसला भारत के लिए संभावनाओं के नए रास्ते खोल सकता है. उन्होंने बताया भारत को अब यूरोप और ASEAN के साथ अपना कारोबार आगे बढ़ाने की जरूरत है. Trump’s 25% tariff on India? -opportunities:- Pharma & steel largely safe- IT exports untouched- Scope for ‘Make in America’ via JVs- Time to woo Europe, ASEAN- Ride China+1 shiftIndia’s playbook: turn pressure into opportunity! — Harsh Goenka (@hvgoenka) July 30, 2025 'मेक इन इंडिया' को मिलेगा बूस्ट टैरिफ का एक और फायदा यह होगा इससे सरकार के 'मेक इन इंडिया' पहल को और मजबूती मिलेगी. भारत अभी कई दूसरे एशियाई देशों के मुकाबले टैरिफ को लेकर बेहतर स्थिति में है. अमेरिका ने बांग्लादेश पर 35 परसेंट का टैरिफ लगाया है, वियतनाम पर 20 परसेंट टैरिफ और वियतनाम से सामान के ट्रांसशिपमेंट पर 40 परसेंट का टैरिफ लगाया है. चीन पर फिलहाल 55 परसेंट टैरिफ लागू है. ऐसे में अमेरिका सहित दुनिया की कई और कंपनियां भारत में ही उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित होंगी. इसके अलावा, इससे आयात पर निर्भरता कम होगी. खासकर, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर और कार के प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा. भारत एक आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा. भारत में बढ़ेगा कारोबार अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील को लेकर चल रही टेंशन की वजह से कई कंपनियां चीन से अपनी मैन्युफैक्चरिंग कहीं और शिफ्ट करने की तलाश में हैं. ऐसे में भारत से अच्छा विकल्प और क्या ही हो सकता है. भारत में मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट अपेक्षाकृत कम है, श्रम पर लागत कम है, सरकार की तरह से भी कई रियायतें दी जा रही हैं, ऐसे में कई कंपनियां चीन से अपना मैन्युफैक्चरिंग बेस भारत में शिफ्ट करने पर फोकस कर रही हैं. इससे पहले, Apple, Xiomi, Samsung, Vivo, Oppo और Asus जैसी कंपनियों का भारत में कारोबार बढ़ा है. अपनाई जाएंगी नई टेक्नोलॉजी टैरिफ की वजह से अमेरिका में भारतीय प्रोडक्ट महंगे हो जाएंगे. ऐसे में दूसरे देशों से एक्सपोर्ट होने वाले प्रोडक्ट्स को अमेरिकी बाजारों में अपने सामान की कीमत कम रखनी होगी. कई भारतीय कंपनियां भी अपने सामान की कीमत कम करने के लिए नए तरीकों पर काम करेगी. इससे प्रोडक्शन के नए तौर-तरीके और नई तकनीकें अपनाए जाने की संभावना है. ये भी पढ़ें: आभूषण से दवाएं तक... भारत पर ट्रंप के 25 प्रतिशत टैरिफ से अमेरिका में क्या-क्या हो जाएगा महंगा

Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत से अमेरिका आने वाले सामानों पर 25 परसेंट टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. साथ में रूस से कच्चे तेल और हथियार की खरीद को लेकर भारत पर पेनाल्टी लगाने तक की बात कह दी है. पहली नजर में हमें भले ही ट्रंप का यह कदम किसी झटके से कम नहीं लगे, लेकिन आपदा को अवसर में बदलने का भी यही मौका है. आइए जानते हैं कैसे?
एक्सपोर्ट का बढ़ेगा दायरा
ट्रंप के टैरिफ लगाने से अब भारत को अपने एक्सपोर्ट मार्केट के दायरे को बढ़ाना होगा. यूरोपीय यूनियन, ब्रिटेन और मिडिल ईस्ट जैसे देशों में अपनी पहुंच ज्यादा से ज्यादा बढ़ानी होगी. हाल ही में ब्रिटेन और भारत के बीच हुए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के चलते वहां के बाजारों में भारतीय कारोबारियों की पहुंच बढ़ेगी. उद्योगपति हर्ष गोयनका का भी यही कहना है कि ट्रंप का यह फैसला भारत के लिए संभावनाओं के नए रास्ते खोल सकता है. उन्होंने बताया भारत को अब यूरोप और ASEAN के साथ अपना कारोबार आगे बढ़ाने की जरूरत है.
Trump’s 25% tariff on India? -opportunities:
- Pharma & steel largely safe
- IT exports untouched
- Scope for ‘Make in America’ via JVs
- Time to woo Europe, ASEAN
- Ride China+1 shift
India’s playbook: turn pressure into opportunity! — Harsh Goenka (@hvgoenka) July 30, 2025
'मेक इन इंडिया' को मिलेगा बूस्ट
टैरिफ का एक और फायदा यह होगा इससे सरकार के 'मेक इन इंडिया' पहल को और मजबूती मिलेगी. भारत अभी कई दूसरे एशियाई देशों के मुकाबले टैरिफ को लेकर बेहतर स्थिति में है. अमेरिका ने बांग्लादेश पर 35 परसेंट का टैरिफ लगाया है, वियतनाम पर 20 परसेंट टैरिफ और वियतनाम से सामान के ट्रांसशिपमेंट पर 40 परसेंट का टैरिफ लगाया है.
चीन पर फिलहाल 55 परसेंट टैरिफ लागू है. ऐसे में अमेरिका सहित दुनिया की कई और कंपनियां भारत में ही उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित होंगी. इसके अलावा, इससे आयात पर निर्भरता कम होगी. खासकर, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर और कार के प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा. भारत एक आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा.
भारत में बढ़ेगा कारोबार
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील को लेकर चल रही टेंशन की वजह से कई कंपनियां चीन से अपनी मैन्युफैक्चरिंग कहीं और शिफ्ट करने की तलाश में हैं. ऐसे में भारत से अच्छा विकल्प और क्या ही हो सकता है. भारत में मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट अपेक्षाकृत कम है, श्रम पर लागत कम है, सरकार की तरह से भी कई रियायतें दी जा रही हैं, ऐसे में कई कंपनियां चीन से अपना मैन्युफैक्चरिंग बेस भारत में शिफ्ट करने पर फोकस कर रही हैं. इससे पहले, Apple, Xiomi, Samsung, Vivo, Oppo और Asus जैसी कंपनियों का भारत में कारोबार बढ़ा है.
अपनाई जाएंगी नई टेक्नोलॉजी
टैरिफ की वजह से अमेरिका में भारतीय प्रोडक्ट महंगे हो जाएंगे. ऐसे में दूसरे देशों से एक्सपोर्ट होने वाले प्रोडक्ट्स को अमेरिकी बाजारों में अपने सामान की कीमत कम रखनी होगी. कई भारतीय कंपनियां भी अपने सामान की कीमत कम करने के लिए नए तरीकों पर काम करेगी. इससे प्रोडक्शन के नए तौर-तरीके और नई तकनीकें अपनाए जाने की संभावना है.
ये भी पढ़ें:
आभूषण से दवाएं तक... भारत पर ट्रंप के 25 प्रतिशत टैरिफ से अमेरिका में क्या-क्या हो जाएगा महंगा
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