टॉयलेट सीट से भी ज्यादा गंदा होता है आपका तकिया, जानें कितने कीटाणुओं का होता है घर
Pillow Hygiene Tips: हम दिन का एक बड़ा हिस्सा सोने में बिताते हैं और इस दौरान हमारा चेहरा और बाल तकिए के बेहद करीब होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि, जिस तकिए पर आप चैन की नींद लेते हैं, वह वास्तव में कितना साफ है? हैरानी की बात यह है कि, आपका तकिया टॉयलेट सीट से भी ज्यादा गंदा हो सकता है. डॉ. एच. एस. चंद्रिका के अनुसार, तकिए में समय के साथ धूल, पसीना, त्वचा की मृत कोशिकाएं, तेल और नमी जमा होकर बैक्टीरिया और फंगस घर बना देती हैं. ये भी पढ़े- मुंह खोलकर तो नहीं सोते आप, ये किसी बीमारी के लक्षण तो नहीं? तकिए की मुलायम परतों में कई तरह के गंदे जीव पनपते हैं बैक्टीरिया: तकिए में स्टेफिलोकोकस और ई.कोलाई जैसे बैक्टीरिया पाए जा सकते हैं, जो त्वचा संक्रमण और एलर्जी का कारण बनते हैं फंगस: नमी और पसीने के कारण तकिए में फंगस का विकास होता है, जो सांस संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है डस्ट: ये छोटे कीड़े त्वचा की मृत कोशिकाओं पर जीवित रहते हैं और एलर्जी, छींक या अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं क्यों तकिया बन जाता है टॉयलेट सीट से ज्यादा गंदा टॉयलेट सीट को लोग नियमित रूप से साफ करते हैं, लेकिन तकिए की सफाई अक्सर महीनों तक नहीं होती. लगातार इस्तेमाल से उसमें जमा पसीना, तेल और धूल की परतें एक ऐसा वातावरण तैयार करती हैं, जहां बैक्टीरिया और फंगस तेजी से पनपते हैं. गंदे तकिए के स्वास्थ्य पर प्रभाव त्वचा संबंधी समस्याएं– मुंहासे, रैशेज और खुजली का कारण सांस की दिक्कतें– धूल और फंगस अस्थमा व एलर्जी को बढ़ा सकते हैं सिरदर्द और थकान– गंदे तकिए पर सोने से नींद की गुणवत्ता कम हो जाती है, जिससे थकान महसूस होती है तकिए को साफ रखने के आसान तरीके तकिए का कवर हर हफ्ते बदलें तकिए का कवर बैक्टीरिया और धूल के पहले संपर्क में आता है, इसलिए इसे नियमित रूप से धोना जरूरी है तकिए को धूप में सुखाएं धूप बैक्टीरिया और फंगस को मारने में मदद करती है। महीने में कम से कम एक बार तकिए को धूप में रखें वॉशेबल तकिया इस्तेमाल करें ऐसे तकिए चुनें जिन्हें मशीन में धोया जा सके, ताकि अंदर जमा गंदगी भी साफ हो सके ये भी पढ़ें: बाल बता देते हैं बॉडी में इन दिक्कतों का पता, परेशानी बढ़ने से पहले जान लें सच Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Pillow Hygiene Tips: हम दिन का एक बड़ा हिस्सा सोने में बिताते हैं और इस दौरान हमारा चेहरा और बाल तकिए के बेहद करीब होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि, जिस तकिए पर आप चैन की नींद लेते हैं, वह वास्तव में कितना साफ है? हैरानी की बात यह है कि, आपका तकिया टॉयलेट सीट से भी ज्यादा गंदा हो सकता है.
डॉ. एच. एस. चंद्रिका के अनुसार, तकिए में समय के साथ धूल, पसीना, त्वचा की मृत कोशिकाएं, तेल और नमी जमा होकर बैक्टीरिया और फंगस घर बना देती हैं.
ये भी पढ़े- मुंह खोलकर तो नहीं सोते आप, ये किसी बीमारी के लक्षण तो नहीं?
तकिए की मुलायम परतों में कई तरह के गंदे जीव पनपते हैं
- बैक्टीरिया: तकिए में स्टेफिलोकोकस और ई.कोलाई जैसे बैक्टीरिया पाए जा सकते हैं, जो त्वचा संक्रमण और एलर्जी का कारण बनते हैं
- फंगस: नमी और पसीने के कारण तकिए में फंगस का विकास होता है, जो सांस संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है
- डस्ट: ये छोटे कीड़े त्वचा की मृत कोशिकाओं पर जीवित रहते हैं और एलर्जी, छींक या अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं
क्यों तकिया बन जाता है टॉयलेट सीट से ज्यादा गंदा
टॉयलेट सीट को लोग नियमित रूप से साफ करते हैं, लेकिन तकिए की सफाई अक्सर महीनों तक नहीं होती. लगातार इस्तेमाल से उसमें जमा पसीना, तेल और धूल की परतें एक ऐसा वातावरण तैयार करती हैं, जहां बैक्टीरिया और फंगस तेजी से पनपते हैं.
- गंदे तकिए के स्वास्थ्य पर प्रभाव
- त्वचा संबंधी समस्याएं– मुंहासे, रैशेज और खुजली का कारण
- सांस की दिक्कतें– धूल और फंगस अस्थमा व एलर्जी को बढ़ा सकते हैं
- सिरदर्द और थकान– गंदे तकिए पर सोने से नींद की गुणवत्ता कम हो जाती है, जिससे थकान महसूस होती है
तकिए को साफ रखने के आसान तरीके
- तकिए का कवर हर हफ्ते बदलें
- तकिए का कवर बैक्टीरिया और धूल के पहले संपर्क में आता है, इसलिए इसे नियमित रूप से धोना जरूरी है
- तकिए को धूप में सुखाएं
- धूप बैक्टीरिया और फंगस को मारने में मदद करती है। महीने में कम से कम एक बार तकिए को धूप में रखें
- वॉशेबल तकिया इस्तेमाल करें
- ऐसे तकिए चुनें जिन्हें मशीन में धोया जा सके, ताकि अंदर जमा गंदगी भी साफ हो सके
ये भी पढ़ें: बाल बता देते हैं बॉडी में इन दिक्कतों का पता, परेशानी बढ़ने से पहले जान लें सच
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
What's Your Reaction?






