छोटे बच्चों को नमक और चीनी देने से क्यों मना करते हैं डॉक्टर, उनकी सेहत पर क्या पड़ता है असर?

अक्सर नए माता-पिता को घर के बड़े बुजुर्ग यह है सलाह देते हैं कि बच्चों के खाने में जरा सा नमक या चीनी डालने से उसका स्वाद बढ़ जाएगा और बच्चा अच्छे से खाएगा. लेकिन आधुनिक मेडिकल साइंस कि राय इससे बिल्कुल अलग है. एक्सपर्ट्स के अनुसार बच्चे को पहले साल में खाने में नमक और चीनी से परहेज करना ही सबसे सुरक्षित माना जाता है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताएंगे कि छोटे बच्चों को नमक और चीनी देने से डॉक्टर क्यों मना करते हैं और इससे उनकी सेहत पर क्या असर पड़ सकता है? डॉक्टर की राय, क्यों परहेज जरूरी कुछ डॉक्टर इसे लेकर बताते हैं की जन्म के पहले साल में बच्चों की किडनी पूरी तरह विकसित नहीं होती है. इस दौरान ज्यादा नमक लेने से किडनी पर ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है और आगे चलकर हाई ब्लड प्रेशर जैसे समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है. इसी तरह अगर शुरू से ही खाने में चीनी दी जाए तो बच्चे का स्वाद और पसंद मीठे की ओर झुकने लगती है. इसका असर बाद में दातों की सड़न, मोटापा और अस्वस्थ खान-पान की आदतों के रूप में दिख सकता है. नेचुरल टेस्ट ही बेहतर कुछ डॉक्टर यह भी बताते हैं कि बच्चों को फलों, सब्जियों और अनाज के प्राकृतिक स्वाद का अनुभव करने दें. केले, सेब, नाशपाती, गाजर, शकरकंद और कद्दू जैसी चीजें न सिर्फ स्वादिष्ट होती है बल्कि इनमें जरूरी विटामिन, मिनरल्स और फाइबर भी भरपूर होता है. हल्की खुशबू और स्वाद के लिए दालचीनी, इलायची, हल्का धनिया पाउडर जैसे सुरक्षित मसाले भी बच्चों के खाने में इस्तेमाल किया जा सकते हैं. पारंपरिक मान्यताएं और आधुनिक सलाह कई परिवारों में मान्यता रही है कि बच्चों के खाने में थोड़ी सा नमक और चीनी मिलाने से भोजन पौष्टिक और स्वादिष्ट बनता है. यह सोच, प्यार और देखभाल से जुड़ी होती है. लेकिन आधुनिक रिसर्च बताती है कि यह आदत बच्चों की लंबे समय की सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकती है. परिवार में सामंजस्य कैसे बनाएं? अगर घर के बड़े बुजुर्ग अलग राय रखते हैं तो माता-पिता उन्हें धीरे-धीरे समझ सकते हैं कि नमक और चीनी से परहेज क्यों जरूरी है. उन्हें बच्चों के लिए हेल्दी रेसिपीज बनाने के बारे में आप बता सकते हैं ताकि उनका प्यार और अनुभव भी जुड़ा रहे और बच्चों का खानपान भी सुरक्षित रहे. ये भी पढ़ें- लिवर कैंसर की ओर इशारा करते हैं शरीर में दिखने वाले ये 6 संकेत, तुरंत जाएं डॉक्टर के पास  

Aug 15, 2025 - 10:30
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छोटे बच्चों को नमक और चीनी देने से क्यों मना करते हैं डॉक्टर, उनकी सेहत पर क्या पड़ता है असर?

अक्सर नए माता-पिता को घर के बड़े बुजुर्ग यह है सलाह देते हैं कि बच्चों के खाने में जरा सा नमक या चीनी डालने से उसका स्वाद बढ़ जाएगा और बच्चा अच्छे से खाएगा. लेकिन आधुनिक मेडिकल साइंस कि राय इससे बिल्कुल अलग है. एक्सपर्ट्स के अनुसार बच्चे को पहले साल में खाने में नमक और चीनी से परहेज करना ही सबसे सुरक्षित माना जाता है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताएंगे कि छोटे बच्चों को नमक और चीनी देने से डॉक्टर क्यों मना करते हैं और इससे उनकी सेहत पर क्या असर पड़ सकता है?

डॉक्टर की राय, क्यों परहेज जरूरी

कुछ डॉक्टर इसे लेकर बताते हैं की जन्म के पहले साल में बच्चों की किडनी पूरी तरह विकसित नहीं होती है. इस दौरान ज्यादा नमक लेने से किडनी पर ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है और आगे चलकर हाई ब्लड प्रेशर जैसे समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है. इसी तरह अगर शुरू से ही खाने में चीनी दी जाए तो बच्चे का स्वाद और पसंद मीठे की ओर झुकने लगती है. इसका असर बाद में दातों की सड़न, मोटापा और अस्वस्थ खान-पान की आदतों के रूप में दिख सकता है.

नेचुरल टेस्ट ही बेहतर

कुछ डॉक्टर यह भी बताते हैं कि बच्चों को फलों, सब्जियों और अनाज के प्राकृतिक स्वाद का अनुभव करने दें. केले, सेब, नाशपाती, गाजर, शकरकंद और कद्दू जैसी चीजें न सिर्फ स्वादिष्ट होती है बल्कि इनमें जरूरी विटामिन, मिनरल्स और फाइबर भी भरपूर होता है. हल्की खुशबू और स्वाद के लिए दालचीनी, इलायची, हल्का धनिया पाउडर जैसे सुरक्षित मसाले भी बच्चों के खाने में इस्तेमाल किया जा सकते हैं.

पारंपरिक मान्यताएं और आधुनिक सलाह

कई परिवारों में मान्यता रही है कि बच्चों के खाने में थोड़ी सा नमक और चीनी मिलाने से भोजन पौष्टिक और स्वादिष्ट बनता है. यह सोच, प्यार और देखभाल से जुड़ी होती है. लेकिन आधुनिक रिसर्च बताती है कि यह आदत बच्चों की लंबे समय की सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकती है.

परिवार में सामंजस्य कैसे बनाएं?

अगर घर के बड़े बुजुर्ग अलग राय रखते हैं तो माता-पिता उन्हें धीरे-धीरे समझ सकते हैं कि नमक और चीनी से परहेज क्यों जरूरी है. उन्हें बच्चों के लिए हेल्दी रेसिपीज बनाने के बारे में आप बता सकते हैं ताकि उनका प्यार और अनुभव भी जुड़ा रहे और बच्चों का खानपान भी सुरक्षित रहे.

ये भी पढ़ें- लिवर कैंसर की ओर इशारा करते हैं शरीर में दिखने वाले ये 6 संकेत, तुरंत जाएं डॉक्टर के पास

 

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