गलती से भी इन 5 रेड फ्लैग्स को मत कर देना नजरअंदाज, हार्ट वेन्स के ब्लॉक होने का देते हैं सिग्नल
अक्सर लोग मानते हैं कि दिल से जुड़ी किसी भी समस्या के बारे में तुरंत पता चल जाता है, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है. कई बार दिल की बीमारियां बिना स्पष्ट लक्षणों के सामने आती हैं. खासकर अगर आपकी उम्र 50 साल से ज्यादा है, मोटापा है, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है, तो आपको ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. सीने में दर्द और दबाव दिल की धमनियों के ब्लॉक होने या हार्ट अटैक का सबसे सामान्य लक्षण सीने में दर्द, जकड़न या दबाव है. यह दर्द कुछ मिनटों तक बना रहता है और आराम करने पर भी ठीक नहीं होता. अगर दर्द हल्का है और दबाने पर बढ़ता है, तो यह दिल से जुड़ा न होकर मांसपेशियों का भी हो सकता है. जी मिचलाना और उल्टी जैसा लगना कई लोग हार्ट अटैक के समय उल्टी, एसिडिटी या जी मिचलाने जैसी समस्या महसूस करते हैं. खासकर महिलाओं में यह लक्षण ज्यादा आम है. इसलिए इसे नजरअंदाज न करें. बाईं ओर दर्द का फैलना एक क्लासिक हार्ट अटैक लक्षण है कि दर्द सीने से शुरू होकर बाईं बांह, कंधे या पीठ की तरफ फैलता है. यह दर्द धीरे-धीरे बढ़ता है और कभी-कभी पूरे शरीर को असहज कर देता है. अचानक चक्कर या बेहोशी जैसा लगना अगर अचानक चक्कर आने लगे या संतुलन बिगड़ जाए और साथ में सीने में दर्द या सांस लेने में दिक्कत हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. यह हार्ट से जुड़ी समस्या का गंभीर संकेत हो सकता है. जबड़े और गले में दर्द सामान्य तौर पर गले या जबड़े का दर्द सर्दी-जुकाम या मांसपेशियों से जुड़ा होता है. लेकिन अगर यह दर्द सीने के दबाव के साथ गले या जबड़े तक फैलता है, तो यह हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है. पूरी तरह ब्लॉकेज होने का असर धमनियों में ब्लॉकेज अलग-अलग स्तर का हो सकता है. 97 प्रतिशत ब्लॉकेज का इलाज करना आसान होता है, लेकिन अगर धमनी पूरी तरह लंबे समय से बंद हो तो खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसे मामलों में शरीर नई छोटी नसें (collaterals) बना लेता है, जो खून पहुंचाती तो हैं लेकिन पर्याप्त मात्रा में नहीं. इसका नतीजा सीने में दर्द और सांस फूलने के रूप में सामने आता है. क्या करें? अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण बार-बार महसूस हो रहा है तो लापरवाही न करें. तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं और जरूरत पड़ने पर स्ट्रेस टेस्ट या अन्य टेस्ट कराएं. सही समय पर पहचान और इलाज से बड़े खतरे से बचा जा सकता है. इसे भी पढ़ें- ऐंठन, यूरिन इंफेक्शन और बोलने में भी दिक्कत, जानें कितनी खतरनाक बीमारियों से जूझ रहे विनोद कांबली? Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

अक्सर लोग मानते हैं कि दिल से जुड़ी किसी भी समस्या के बारे में तुरंत पता चल जाता है, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है. कई बार दिल की बीमारियां बिना स्पष्ट लक्षणों के सामने आती हैं. खासकर अगर आपकी उम्र 50 साल से ज्यादा है, मोटापा है, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है, तो आपको ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है.
सीने में दर्द और दबाव
दिल की धमनियों के ब्लॉक होने या हार्ट अटैक का सबसे सामान्य लक्षण सीने में दर्द, जकड़न या दबाव है. यह दर्द कुछ मिनटों तक बना रहता है और आराम करने पर भी ठीक नहीं होता. अगर दर्द हल्का है और दबाने पर बढ़ता है, तो यह दिल से जुड़ा न होकर मांसपेशियों का भी हो सकता है.
जी मिचलाना और उल्टी जैसा लगना
कई लोग हार्ट अटैक के समय उल्टी, एसिडिटी या जी मिचलाने जैसी समस्या महसूस करते हैं. खासकर महिलाओं में यह लक्षण ज्यादा आम है. इसलिए इसे नजरअंदाज न करें.
बाईं ओर दर्द का फैलना
एक क्लासिक हार्ट अटैक लक्षण है कि दर्द सीने से शुरू होकर बाईं बांह, कंधे या पीठ की तरफ फैलता है. यह दर्द धीरे-धीरे बढ़ता है और कभी-कभी पूरे शरीर को असहज कर देता है.
अचानक चक्कर या बेहोशी जैसा लगना
अगर अचानक चक्कर आने लगे या संतुलन बिगड़ जाए और साथ में सीने में दर्द या सांस लेने में दिक्कत हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. यह हार्ट से जुड़ी समस्या का गंभीर संकेत हो सकता है.
जबड़े और गले में दर्द
सामान्य तौर पर गले या जबड़े का दर्द सर्दी-जुकाम या मांसपेशियों से जुड़ा होता है. लेकिन अगर यह दर्द सीने के दबाव के साथ गले या जबड़े तक फैलता है, तो यह हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है.
पूरी तरह ब्लॉकेज होने का असर
धमनियों में ब्लॉकेज अलग-अलग स्तर का हो सकता है. 97 प्रतिशत ब्लॉकेज का इलाज करना आसान होता है, लेकिन अगर धमनी पूरी तरह लंबे समय से बंद हो तो खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसे मामलों में शरीर नई छोटी नसें (collaterals) बना लेता है, जो खून पहुंचाती तो हैं लेकिन पर्याप्त मात्रा में नहीं. इसका नतीजा सीने में दर्द और सांस फूलने के रूप में सामने आता है.
क्या करें?
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण बार-बार महसूस हो रहा है तो लापरवाही न करें. तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं और जरूरत पड़ने पर स्ट्रेस टेस्ट या अन्य टेस्ट कराएं. सही समय पर पहचान और इलाज से बड़े खतरे से बचा जा सकता है.
इसे भी पढ़ें- ऐंठन, यूरिन इंफेक्शन और बोलने में भी दिक्कत, जानें कितनी खतरनाक बीमारियों से जूझ रहे विनोद कांबली?
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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