क्यों टैरिफ की मार से बच गई इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री? लैपटॉप से लेकर स्मार्टफोन के एक्सपोर्ट पर नहीं लगेगा टैक्स
Donald Trump New Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से अमेरिका आयात होने वाले सामानों पर 25 परसेंट लगाने का ऐलान कर दिया है, जो 1 अगस्त से लागू होने जा रहा है. इससे फार्मास्यूटिकल्स और टेक्सटाइल्स जैसी इंडस्ट्री पर ज्यादा असर पड़ने की संभावना है. हालांकि, एक इंडस्ट्री ऐसी भी है, जो अमेरिकी टैरिफ की मार से फिलहाल के लिए बच गया है. यहां देश की इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री की बात की जा रही है. यानी कि 1 अगस्त के बाद भी भारत से स्मार्टफोन, लैपटॉप और सर्वर जैसे प्रोडक्ट्स का अमेरिका में निर्यात बिना 25 परसेंट टैरिफ के होता रहेगा. क्यों इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट पर नहीं लगाया जा रहा टैरिफ? दरअसल, अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा पर इन उत्पादों के प्रभाव की धारा 232 के तहत अपनी जांच जारी रखे हुए है. जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है, तब तक स्मार्टफोन, लैपटॉप और सर्वर का आयात बिना किसी टैक्स के होता रहेगा. बता दें कि अमेरिका में व्यापार विस्तार अधिनियम 1962 की धारा 232 के तहत राष्ट्रपति को उन उत्पादों के आयात को रोकने का अधिकार दिया जाता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले पाए जाते हैं. फिलहाल, जीरो टैरिफ ट्रीटमेंट के चलते अमेरिकी बाजारों में भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोटर्स की स्थिति मजबूत बनी हुई है. चीन के अलावा इन देशों को भी राहत इस कड़ी में चीन भी भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है क्योंकि चीन को भी अभी इलेक्ट्रॉनिक्स टैरिफ के दायरे से बाहर रखा गया है. हालांकि, फिर भी भारत इस मामले में चीन से आगे है क्योंकि चीन के कुछ प्रोडक्ट्स पर पहले से ही 'फेंटानिल ड्यूटी' लगाई जाती है. हालांकि, अमेरिका ताइवान और वियतनाम से भी इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों पर जीरो टैरिफ वसूल रहा है. जून 2025 में भारत अमेरिका के लिए स्मार्टफोन का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर के रूप में उभरा. अकेले इस सेगमेंट के आयात में भारत की हिस्सेदारी 44 परसेंट रही. इस मामले में भारत ने चीन और वियतनाम को भी पीछे छोड़ दिया. ये भी पढ़ें: नुकसान से ज्यादा फायदा...ट्रंप के टैरिफ से भारत के लिए खुलेंगे कई रास्ते, आपदा को अवसर में बदलेगा हिंदुस्तान

Donald Trump New Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से अमेरिका आयात होने वाले सामानों पर 25 परसेंट लगाने का ऐलान कर दिया है, जो 1 अगस्त से लागू होने जा रहा है. इससे फार्मास्यूटिकल्स और टेक्सटाइल्स जैसी इंडस्ट्री पर ज्यादा असर पड़ने की संभावना है.
हालांकि, एक इंडस्ट्री ऐसी भी है, जो अमेरिकी टैरिफ की मार से फिलहाल के लिए बच गया है. यहां देश की इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री की बात की जा रही है. यानी कि 1 अगस्त के बाद भी भारत से स्मार्टफोन, लैपटॉप और सर्वर जैसे प्रोडक्ट्स का अमेरिका में निर्यात बिना 25 परसेंट टैरिफ के होता रहेगा.
क्यों इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट पर नहीं लगाया जा रहा टैरिफ?
दरअसल, अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा पर इन उत्पादों के प्रभाव की धारा 232 के तहत अपनी जांच जारी रखे हुए है. जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है, तब तक स्मार्टफोन, लैपटॉप और सर्वर का आयात बिना किसी टैक्स के होता रहेगा.
बता दें कि अमेरिका में व्यापार विस्तार अधिनियम 1962 की धारा 232 के तहत राष्ट्रपति को उन उत्पादों के आयात को रोकने का अधिकार दिया जाता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले पाए जाते हैं. फिलहाल, जीरो टैरिफ ट्रीटमेंट के चलते अमेरिकी बाजारों में भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोटर्स की स्थिति मजबूत बनी हुई है.
चीन के अलावा इन देशों को भी राहत
इस कड़ी में चीन भी भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है क्योंकि चीन को भी अभी इलेक्ट्रॉनिक्स टैरिफ के दायरे से बाहर रखा गया है. हालांकि, फिर भी भारत इस मामले में चीन से आगे है क्योंकि चीन के कुछ प्रोडक्ट्स पर पहले से ही 'फेंटानिल ड्यूटी' लगाई जाती है.
हालांकि, अमेरिका ताइवान और वियतनाम से भी इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों पर जीरो टैरिफ वसूल रहा है. जून 2025 में भारत अमेरिका के लिए स्मार्टफोन का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर के रूप में उभरा. अकेले इस सेगमेंट के आयात में भारत की हिस्सेदारी 44 परसेंट रही. इस मामले में भारत ने चीन और वियतनाम को भी पीछे छोड़ दिया.
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