क्या धुंधली होती जा रही हैं नजरें, कहीं मोतियाबिंद के संकेत तो नहीं

Symptoms of Motiyabind: हमारे जीवन का सबसे अनमोल हिस्सा हैं, जिनसे हम इस खूबसूरत दुनिया को देख पाते हैं. लेकिन जब नजरें धीरे-धीरे धुंधली होने लगें तो यह सामान्य कमजोरी नहीं, बल्कि किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है. अक्सर लोग चश्मे की संख्या बढ़ने या थकान को जिम्मेदार मानते हैं, जबकि असली वजह मोतियाबिंद भी हो सकती है.  डॉ. सुनील कुमार बताते हैं कि, यह आंखों की एक आम लेकिन खतरनाक बीमारी है, जिसमें लेंस धीरे-धीरे धुंधला हो जाता है और साफ देखने की क्षमता कम होने लगती है. समय रहते इसका इलाज न कराया जाए तो यह स्थायी अंधेपन तक का कारण बन सकता है.  ये भी पढ़े- शरीर में हो रही पानी की कमी, बॉडी करती है ये इशारे मोतियाबिंद के प्रमुख लक्षण आंखों के सामने धुंधला या धुंध-सा दिखना रोशनी या बल्ब की चमक ज्यादा चुभना रंग फीके या धुंधले नजर आना रात में गाड़ी चलाने में परेशानी पढ़ने-लिखने में लगातार धुंधलापन बार-बार चश्मे का नंबर बदलना मोतियाबिंद के कारण बढ़ती उम्र – 50 वर्ष के बाद यह समस्या ज्यादा होती है शुगर – डायबिटीज रोगियों में मोतियाबिंद जल्दी विकसित हो सकता है आंखों में चोट या सर्जरी – इससे लेंस प्रभावित हो सकता है ज्यादा धूप और अल्ट्रावॉयलेट किरणें – आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं विरासत  – परिवार में यह समस्या रही हो तो जोखिम ज्यादा होता है मोतियाबिंद का इलाज प्रारंभिक चरण में – डॉक्टर चश्मे या दवाओं से मदद कर सकते हैं अग्रिम चरण में – इसका एकमात्र प्रभावी इलाज सर्जरी है, जिसमें धुंधला लेंस हटाकर एक कृत्रिम लेंस लगाया जाता है. यह सर्जरी सुरक्षित और सफल मानी जाती है. मोतियाबिंद से बचाव कैसे करें? संतुलित आहार लें जिसमें विटामिन A, C और E भरपूर हो धूप में बाहर निकलते समय सनग्लासेस पहनें धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं डायबिटीज को कंट्रोल में रखें नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं धुंधली नजर को कभी हल्के में न लें. यह सिर्फ चश्मे का नंबर बढ़ने का संकेत नहीं, बल्कि मोतियाबिंद जैसी गंभीर समस्या भी हो सकती है. समय पर जांच और सही इलाज से इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है. इसे भी पढ़ें- पैंक्रियाटिक कैंसर से अमेरिका के फेमस जज फ्रैंक कैप्रियो का निधन, जानें यह बीमारी कितनी खतरनाक? Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Aug 23, 2025 - 14:30
 0
क्या धुंधली होती जा रही हैं नजरें, कहीं मोतियाबिंद के संकेत तो नहीं

Symptoms of Motiyabind: हमारे जीवन का सबसे अनमोल हिस्सा हैं, जिनसे हम इस खूबसूरत दुनिया को देख पाते हैं. लेकिन जब नजरें धीरे-धीरे धुंधली होने लगें तो यह सामान्य कमजोरी नहीं, बल्कि किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है. अक्सर लोग चश्मे की संख्या बढ़ने या थकान को जिम्मेदार मानते हैं, जबकि असली वजह मोतियाबिंद भी हो सकती है. 

डॉ. सुनील कुमार बताते हैं कि, यह आंखों की एक आम लेकिन खतरनाक बीमारी है, जिसमें लेंस धीरे-धीरे धुंधला हो जाता है और साफ देखने की क्षमता कम होने लगती है. समय रहते इसका इलाज न कराया जाए तो यह स्थायी अंधेपन तक का कारण बन सकता है. 

ये भी पढ़े- शरीर में हो रही पानी की कमी, बॉडी करती है ये इशारे

मोतियाबिंद के प्रमुख लक्षण

  • आंखों के सामने धुंधला या धुंध-सा दिखना
  • रोशनी या बल्ब की चमक ज्यादा चुभना
  • रंग फीके या धुंधले नजर आना
  • रात में गाड़ी चलाने में परेशानी
  • पढ़ने-लिखने में लगातार धुंधलापन
  • बार-बार चश्मे का नंबर बदलना

मोतियाबिंद के कारण

  • बढ़ती उम्र – 50 वर्ष के बाद यह समस्या ज्यादा होती है
  • शुगर – डायबिटीज रोगियों में मोतियाबिंद जल्दी विकसित हो सकता है
  • आंखों में चोट या सर्जरी – इससे लेंस प्रभावित हो सकता है
  • ज्यादा धूप और अल्ट्रावॉयलेट किरणें – आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं
  • विरासत  – परिवार में यह समस्या रही हो तो जोखिम ज्यादा होता है

मोतियाबिंद का इलाज

  • प्रारंभिक चरण में – डॉक्टर चश्मे या दवाओं से मदद कर सकते हैं
  • अग्रिम चरण में – इसका एकमात्र प्रभावी इलाज सर्जरी है, जिसमें धुंधला लेंस हटाकर एक कृत्रिम लेंस लगाया जाता है. यह सर्जरी सुरक्षित और सफल मानी जाती है.

मोतियाबिंद से बचाव कैसे करें?

  • संतुलित आहार लें जिसमें विटामिन A, C और E भरपूर हो
  • धूप में बाहर निकलते समय सनग्लासेस पहनें
  • धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं
  • डायबिटीज को कंट्रोल में रखें
  • नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं

धुंधली नजर को कभी हल्के में न लें. यह सिर्फ चश्मे का नंबर बढ़ने का संकेत नहीं, बल्कि मोतियाबिंद जैसी गंभीर समस्या भी हो सकती है. समय पर जांच और सही इलाज से इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है.

इसे भी पढ़ें- पैंक्रियाटिक कैंसर से अमेरिका के फेमस जज फ्रैंक कैप्रियो का निधन, जानें यह बीमारी कितनी खतरनाक?

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow