क्या ट्रंप के टैरिफ का तोड़ निकाल पाएंगे GST रिफॉर्म्स? एक्सपर्ट्स ने किया चौंकाने वाला दावा, कह दी ये बड़ी बात
GST Reforms: भारत, जो दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार युद्ध और 50% टैरिफ के प्रभाव का सामना करने की तैयारी कर रहा है. ऐसे समय में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया कि जीएसटी दरों में कटौती कई महीनों से योजना में थी और इसका अमेरिकी टैरिफ से कोई संबंध नहीं है. विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू खपत को बढ़ावा देने वाला यह कदम उन क्षेत्रों के लिए लाभकारी है, जो निर्यात में अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं. नई जीएसटी दरों से आर्थिक वृद्धि को मिलेगा बल मोदी सरकार ने जीएसटी सुधारों और कर ढांचे के पुनर्गठन की घोषणा की है. 22 सितंबर से यानी नवरात्रि के शुरू होने के साथ ही आम आदमी और मध्यम वर्ग की अधिकांश वस्तुओं की कीमतों में कटौती होगी. इससे उपभोक्ताओं के हाथ में अधिक खर्च करने की क्षमता आएगी और देश की जीडीपी में खपत आधारित बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. 'टैरिफ का प्रभाव घट सकता है' विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में 50% टैरिफ से भारत के निर्यात प्रभावित होंगे, लेकिन भारत मुख्य रूप से घरेलू खपत पर निर्भर है. बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस के अनुसार, जीएसटी सुधार उत्पादन लागत घटाने में मदद करेंगे, जिससे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में लाभ मिलेगा. लार्सन एंड टुब्रो के समूह मुख्य अर्थशास्त्री सच्चिदानंद शुक्ला का मानना है कि जीएसटी दरों में कटौती से GDP पर 500 900 अरब रुपये तक का सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. राजस्व पर पड़ेगा इसका असर राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव के अनुसार, 2023 24 के आधार पर जीएसटी कटौती से कर संग्रह पर अनुमानित 48,000 करोड़ रुपये का असर पड़ेगा. हालांकि, पहले हुए जीएसटी सुधारों के अनुभव बताते हैं कि शुरूआती गिरावट के बाद राजस्व प्रवाह मजबूत होता है. EY इंडिया के डी.के. श्रीवास्तव ने कहा कि कपड़ा, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और खाद्य पदार्थ जैसे रोजगार गहन क्षेत्रों में यह सुधार व्यापक लाभ देगा. इस साल की शुरुआत में वित्त मंत्री द्वारा घोषित आयकर कटौती, RBI द्वारा रेपो दर में 1% की कटौती और आगामी 8वीं वेतन आयोग की सिफारिशें भी घरेलू खपत को बढ़ावा देंगी. इन सभी उपायों के साथ जीएसटी सुधार आम जनता के लिए उत्सवों से पहले एक बड़ा आर्थिक प्रोत्साहन साबित होंगे.

GST Reforms: भारत, जो दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार युद्ध और 50% टैरिफ के प्रभाव का सामना करने की तैयारी कर रहा है. ऐसे समय में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया कि जीएसटी दरों में कटौती कई महीनों से योजना में थी और इसका अमेरिकी टैरिफ से कोई संबंध नहीं है. विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू खपत को बढ़ावा देने वाला यह कदम उन क्षेत्रों के लिए लाभकारी है, जो निर्यात में अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं.
नई जीएसटी दरों से आर्थिक वृद्धि को मिलेगा बल
मोदी सरकार ने जीएसटी सुधारों और कर ढांचे के पुनर्गठन की घोषणा की है. 22 सितंबर से यानी नवरात्रि के शुरू होने के साथ ही आम आदमी और मध्यम वर्ग की अधिकांश वस्तुओं की कीमतों में कटौती होगी. इससे उपभोक्ताओं के हाथ में अधिक खर्च करने की क्षमता आएगी और देश की जीडीपी में खपत आधारित बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.
'टैरिफ का प्रभाव घट सकता है'
विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में 50% टैरिफ से भारत के निर्यात प्रभावित होंगे, लेकिन भारत मुख्य रूप से घरेलू खपत पर निर्भर है. बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस के अनुसार, जीएसटी सुधार उत्पादन लागत घटाने में मदद करेंगे, जिससे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में लाभ मिलेगा. लार्सन एंड टुब्रो के समूह मुख्य अर्थशास्त्री सच्चिदानंद शुक्ला का मानना है कि जीएसटी दरों में कटौती से GDP पर 500 900 अरब रुपये तक का सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
राजस्व पर पड़ेगा इसका असर
राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव के अनुसार, 2023 24 के आधार पर जीएसटी कटौती से कर संग्रह पर अनुमानित 48,000 करोड़ रुपये का असर पड़ेगा. हालांकि, पहले हुए जीएसटी सुधारों के अनुभव बताते हैं कि शुरूआती गिरावट के बाद राजस्व प्रवाह मजबूत होता है. EY इंडिया के डी.के. श्रीवास्तव ने कहा कि कपड़ा, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और खाद्य पदार्थ जैसे रोजगार गहन क्षेत्रों में यह सुधार व्यापक लाभ देगा.
इस साल की शुरुआत में वित्त मंत्री द्वारा घोषित आयकर कटौती, RBI द्वारा रेपो दर में 1% की कटौती और आगामी 8वीं वेतन आयोग की सिफारिशें भी घरेलू खपत को बढ़ावा देंगी. इन सभी उपायों के साथ जीएसटी सुधार आम जनता के लिए उत्सवों से पहले एक बड़ा आर्थिक प्रोत्साहन साबित होंगे.
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