क्या जीएसटी कट से सस्ता हो जाएगा हायर एजुकेशन? इस सेक्टर में कई चीजें हो गई सस्ती
नई जीएसटी दरों के बाद हमारी जिंदगी में पढ़ाई के खर्च में बड़ी राहत मिलने वाली है. केंद्र सरकार की ओर से हाल में किए गए जीएसटी सुधार से बच्चों की कॉपी, किताबें, पेंसिल, शार्पनर, रबर जैसी स्टेशनरी के सामान अब बहुत सस्ते हो जाएंगे, क्योंकि इन पर लगने वाला टैक्स पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. अब स्कूल के बच्चों की कॉपी, नोटबुक, एक्सरसाइज बुक, ग्राफ बुक, लैब नोटबुक, किताबें, स्लेट, चॉक, ब्लैकबोर्ड और बाकी स्टेशनरी सामान लेने के लिए किसी तरह का जीएसटी टैक्स नहीं देना पड़ेगा. पहले इन चीजों पर 12% तक टैक्स लगता था, जिससे इनकी कीमत ज्यादा हो जाती थी. अब इनका दाम घटने से बच्चों का पढ़ाई का खर्च भी कम होगा. छोटे बच्चों के माता-पिता के लिए यह फैसला सबसे फायदेमंद है, क्योंकि पेंसिल, शार्पनर, रबर जैसी चीजें हर महीने खरीदनी पड़ती हैं. कितनी चीजों पर टैक्स हुआ खत्म? पेंसिल, शार्पनर, क्रेयॉन, पेस्टल, रबर,मैप्स, चार्ट, ग्लोब, नोटबुक, प्रैक्टिस बुक्स,ड्राइंग बुक्स, खबरें, पत्रिकाएं, बच्चों के कलर, स्लेट, चॉक, ब्लैकबोर्ड.इन सब चीजों पर पहले 12% या 5% जीएसटी लगता था, जो अब शून्य हो गया है. स्कूल फीस पर भी बदलाव? इस नए बदलाव के साथ सरकारी स्कूल, कॉलेज की पढ़ाई, परीक्षा फीस, कोचिंग और स्कॉलरशिप सेवाएं पहले ही टैक्स के दायरे से बाहर थीं. यानी पढ़ाई का खर्च सीधे-सीधे कम होगा, स्कूल फीस पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा. हां, अगर कोई प्रोफेशनल कोर्स या ऑनलाइन कोचिंग लेता है, तो उस पर अभी 18% टैक्स लागू रहेगा. आम आदमी को मिली राहत नई दरों के बाद खरीदारी भी सस्ती हो जाएगी. अगर पहले 12% टैक्स जोड़कर ग्लोब 500 रुपये में मिलता था तो अब वह बिना टैक्स करीब 446 रुपये का पड़ेगा. माता-पिता को अब बच्चों के स्कूल खर्च में सीधा फायदा मिलेगा. गरीब तबके के बच्चों को किताब-कॉपी खरीदने में आसानी होगी क्योंकि उनकी कीमतें कम हो जाएंगी. कौन-कौन सी दरें हुईं लागू? पहले देश में 5%, 12%, 18% और 28% ऐसे चार टैक्स स्लैब थे. अब सरकार ने इसको बदलकर सिर्फ दो दरें रखी हैं - 5% और 18%. 12% और 28% वाले स्लैब खत्म कर दिए गए हैं. इससे सबसे ज्यादा राहत रोजमर्रा की चीजों में मिलेगी, स्कूल की स्टेशनरी के साथ-साथ घरेलु सामान बिट सिंपल टैक्स पर मिलेगा. कब से लागू होंगी नई दरें? सरकार ने घोषणा की है कि ये नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी. तो अगले महीने से अगर कोई स्टेशनरी का सामान खरीदता है, तो उसे टैक्स नहीं देना पड़ेगा, जिससे खरीददारी और आसान हो जाएगी. स्टेशनरी का सस्ता होना क्यों जरूरी? पढ़ाई-लिखाई के सामान पर टैक्स खत्म होने से पढ़ाई सभी के लिए आसान होगी. गरीब बच्चों को किताब-कॉपी, पेंसिल जैसी चीजें लेने में अब दिक्कत नहीं आएगी. इससे पढ़ाई जारी रखने में मदद मिलेगी और माता-पिता का बजट भी बेहतर होगा. यह भी पढ़ें- NIRF Ranking 2025: एनआईआरएफ रैंकिंग 2025 जारी, ओवरऑल कैटेगरी में इस कॉलेज ने किया टॉप

नई जीएसटी दरों के बाद हमारी जिंदगी में पढ़ाई के खर्च में बड़ी राहत मिलने वाली है. केंद्र सरकार की ओर से हाल में किए गए जीएसटी सुधार से बच्चों की कॉपी, किताबें, पेंसिल, शार्पनर, रबर जैसी स्टेशनरी के सामान अब बहुत सस्ते हो जाएंगे, क्योंकि इन पर लगने वाला टैक्स पूरी तरह खत्म कर दिया गया है.
अब स्कूल के बच्चों की कॉपी, नोटबुक, एक्सरसाइज बुक, ग्राफ बुक, लैब नोटबुक, किताबें, स्लेट, चॉक, ब्लैकबोर्ड और बाकी स्टेशनरी सामान लेने के लिए किसी तरह का जीएसटी टैक्स नहीं देना पड़ेगा. पहले इन चीजों पर 12% तक टैक्स लगता था, जिससे इनकी कीमत ज्यादा हो जाती थी. अब इनका दाम घटने से बच्चों का पढ़ाई का खर्च भी कम होगा. छोटे बच्चों के माता-पिता के लिए यह फैसला सबसे फायदेमंद है, क्योंकि पेंसिल, शार्पनर, रबर जैसी चीजें हर महीने खरीदनी पड़ती हैं.
कितनी चीजों पर टैक्स हुआ खत्म?
पेंसिल, शार्पनर, क्रेयॉन, पेस्टल, रबर,मैप्स, चार्ट, ग्लोब, नोटबुक, प्रैक्टिस बुक्स,ड्राइंग बुक्स, खबरें, पत्रिकाएं, बच्चों के कलर, स्लेट, चॉक, ब्लैकबोर्ड.इन सब चीजों पर पहले 12% या 5% जीएसटी लगता था, जो अब शून्य हो गया है.
स्कूल फीस पर भी बदलाव?
इस नए बदलाव के साथ सरकारी स्कूल, कॉलेज की पढ़ाई, परीक्षा फीस, कोचिंग और स्कॉलरशिप सेवाएं पहले ही टैक्स के दायरे से बाहर थीं. यानी पढ़ाई का खर्च सीधे-सीधे कम होगा, स्कूल फीस पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा. हां, अगर कोई प्रोफेशनल कोर्स या ऑनलाइन कोचिंग लेता है, तो उस पर अभी 18% टैक्स लागू रहेगा.
आम आदमी को मिली राहत
नई दरों के बाद खरीदारी भी सस्ती हो जाएगी. अगर पहले 12% टैक्स जोड़कर ग्लोब 500 रुपये में मिलता था तो अब वह बिना टैक्स करीब 446 रुपये का पड़ेगा. माता-पिता को अब बच्चों के स्कूल खर्च में सीधा फायदा मिलेगा. गरीब तबके के बच्चों को किताब-कॉपी खरीदने में आसानी होगी क्योंकि उनकी कीमतें कम हो जाएंगी.
कौन-कौन सी दरें हुईं लागू?
पहले देश में 5%, 12%, 18% और 28% ऐसे चार टैक्स स्लैब थे. अब सरकार ने इसको बदलकर सिर्फ दो दरें रखी हैं - 5% और 18%. 12% और 28% वाले स्लैब खत्म कर दिए गए हैं. इससे सबसे ज्यादा राहत रोजमर्रा की चीजों में मिलेगी, स्कूल की स्टेशनरी के साथ-साथ घरेलु सामान बिट सिंपल टैक्स पर मिलेगा.
कब से लागू होंगी नई दरें?
सरकार ने घोषणा की है कि ये नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी. तो अगले महीने से अगर कोई स्टेशनरी का सामान खरीदता है, तो उसे टैक्स नहीं देना पड़ेगा, जिससे खरीददारी और आसान हो जाएगी.
स्टेशनरी का सस्ता होना क्यों जरूरी?
पढ़ाई-लिखाई के सामान पर टैक्स खत्म होने से पढ़ाई सभी के लिए आसान होगी. गरीब बच्चों को किताब-कॉपी, पेंसिल जैसी चीजें लेने में अब दिक्कत नहीं आएगी. इससे पढ़ाई जारी रखने में मदद मिलेगी और माता-पिता का बजट भी बेहतर होगा.
यह भी पढ़ें- NIRF Ranking 2025: एनआईआरएफ रैंकिंग 2025 जारी, ओवरऑल कैटेगरी में इस कॉलेज ने किया टॉप
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