क्या आप भी छोटी छोटी बीमारियों में आप भी खा लेते हैं दवा? जानें अपना कितना कर रहे नुकसान
दवाइयां हमारे इलाज के लिए बनाई जाती हैं, लेकिन अक्सर लोग ये नहीं जानते कि कुछ दवाओं का लंबे समय तक इस्तेमाल शरीर से जरूरी पोषक तत्वों को धीरे-धीरे कम कर देता है. इसकी वजह से थकान, रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी, हड्डियों की कमजोरी और कई दूसरी हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती हैं जिन्हें लोग अलग बीमारी समझ बैठते हैं. डायटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. गरिमा गोयल के अनुसार एस्पिरिन, बर्थ कंट्रोल पिल्स, एंटासिड्स और एंटीबायोटिक्स जैसी दवाएं शरीर में विटामिन और मिनरल्स के एब्जॉर्ब में बाधा डालती हैं. एस्पिरिन एस्पिरिन शरीर में विटामिन C के अवशोषण को प्रभावित करता है. यह आंतों की परत को हल्का नुकसान पहुंचाता है जिससे विटामिन C की ज़रूरत और बढ़ जाती है. एक बड़े अध्ययन (ASPREE ट्रायल) में पाया गया कि रोज लो-डोज़ एस्पिरिन लेने वाले बुज़ुर्गों में एनीमिया का खतरा 20 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. इससे शरीर में आयरन स्टोर भी कम हो सकते हैं. पैरासिटामोल (एसिटामिनोफेन) यह दवा शरीर में ग्लूटाथियोन को कम कर देती है. ग्लूटाथियोन शरीर का मास्टर एंटीऑक्सीडेंट है जो कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है. इसके कम होने से लिवर पर असर पड़ता है और डायबिटीज, कैंसर और इंफेक्शन जैसी बीमारियों का रिस्क बढ़ सकता है. बर्थ कंट्रोल पिल्स बर्थ कंट्रोल पिल्स फोलिक एसिड, विटामिन B2, B6, B12, विटामिन C, विटामिन E, मैग्नीशियम, सेलेनियम और जिंक को कम कर देती हैं. WHO भी मानता है कि इन दवाओं का लंबे समय तक सेवन करने पर न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट लेना जरूरी हो सकता है. मेटफॉर्मिन यह डायबिटीज में दी जाने वाली आम दवा है. लेकिन लंबे समय तक इसके इस्तेमाल से शरीर में विटामिन B12 की कमी हो सकती है. इससे नर्व डैमेज (न्यूरोपैथी) और कमजोरी की समस्या बढ़ सकती है. एंटासिड्स एसिडिटी और गैस्ट्रिक प्रॉब्लम के लिए इस्तेमाल होने वाले एंटासिड्स पेट में बनने वाले एसिड को कम कर देते हैं. जबकि यही एसिड खाने से विटामिन B12 रिलीज करने के लिए जरूरी है. लंबे समय तक एंटासिड लेने से कैल्शियम, पोटैशियम और जिंक की भी कमी हो सकती है. स्टैटिन्स कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली ये दवाएं CoQ10 को कम कर देती हैं. यह एक ऐसा एंजाइम है जो मसल्स को एनर्जी देता है. इसके घटने से मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी और सूजन जैसी दिक्कतें होती हैं. एंटीबायोटिक्स ये दवाएं बैक्टीरिया को मारती हैं. लेकिन अच्छे बैक्टीरिया भी खत्म हो जाते हैं जिससे पाचन और इम्यूनिटी पर असर पड़ता है. लंबे समय में मोटापा, एलर्जी और मेटाबॉलिक बदलाव हो सकते हैं. स्टेरॉयड स्टेरॉयड शरीर में कैल्शियम और विटामिन D को प्रभावित करते हैं जिससे हड्डियां कमजोर होती हैं. साथ ही मैग्नीशियम और पोटैशियम भी कम हो जाते हैं जिससे थकान और मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है. इसे भी पढ़ें- पेट की ऐसे करें मसाज, खत्म हो जाएगा सालों से परेशान कर रहा कब्ज! अमेरिका के डॉक्टर ने भी माना लोहा Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

दवाइयां हमारे इलाज के लिए बनाई जाती हैं, लेकिन अक्सर लोग ये नहीं जानते कि कुछ दवाओं का लंबे समय तक इस्तेमाल शरीर से जरूरी पोषक तत्वों को धीरे-धीरे कम कर देता है. इसकी वजह से थकान, रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी, हड्डियों की कमजोरी और कई दूसरी हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती हैं जिन्हें लोग अलग बीमारी समझ बैठते हैं. डायटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. गरिमा गोयल के अनुसार एस्पिरिन, बर्थ कंट्रोल पिल्स, एंटासिड्स और एंटीबायोटिक्स जैसी दवाएं शरीर में विटामिन और मिनरल्स के एब्जॉर्ब में बाधा डालती हैं.
एस्पिरिन
एस्पिरिन शरीर में विटामिन C के अवशोषण को प्रभावित करता है. यह आंतों की परत को हल्का नुकसान पहुंचाता है जिससे विटामिन C की ज़रूरत और बढ़ जाती है. एक बड़े अध्ययन (ASPREE ट्रायल) में पाया गया कि रोज लो-डोज़ एस्पिरिन लेने वाले बुज़ुर्गों में एनीमिया का खतरा 20 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. इससे शरीर में आयरन स्टोर भी कम हो सकते हैं.
पैरासिटामोल (एसिटामिनोफेन)
यह दवा शरीर में ग्लूटाथियोन को कम कर देती है. ग्लूटाथियोन शरीर का मास्टर एंटीऑक्सीडेंट है जो कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है. इसके कम होने से लिवर पर असर पड़ता है और डायबिटीज, कैंसर और इंफेक्शन जैसी बीमारियों का रिस्क बढ़ सकता है.
बर्थ कंट्रोल पिल्स
बर्थ कंट्रोल पिल्स फोलिक एसिड, विटामिन B2, B6, B12, विटामिन C, विटामिन E, मैग्नीशियम, सेलेनियम और जिंक को कम कर देती हैं. WHO भी मानता है कि इन दवाओं का लंबे समय तक सेवन करने पर न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट लेना जरूरी हो सकता है.
मेटफॉर्मिन
यह डायबिटीज में दी जाने वाली आम दवा है. लेकिन लंबे समय तक इसके इस्तेमाल से शरीर में विटामिन B12 की कमी हो सकती है. इससे नर्व डैमेज (न्यूरोपैथी) और कमजोरी की समस्या बढ़ सकती है.
एंटासिड्स
एसिडिटी और गैस्ट्रिक प्रॉब्लम के लिए इस्तेमाल होने वाले एंटासिड्स पेट में बनने वाले एसिड को कम कर देते हैं. जबकि यही एसिड खाने से विटामिन B12 रिलीज करने के लिए जरूरी है. लंबे समय तक एंटासिड लेने से कैल्शियम, पोटैशियम और जिंक की भी कमी हो सकती है.
स्टैटिन्स
कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली ये दवाएं CoQ10 को कम कर देती हैं. यह एक ऐसा एंजाइम है जो मसल्स को एनर्जी देता है. इसके घटने से मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी और सूजन जैसी दिक्कतें होती हैं.
एंटीबायोटिक्स
ये दवाएं बैक्टीरिया को मारती हैं. लेकिन अच्छे बैक्टीरिया भी खत्म हो जाते हैं जिससे पाचन और इम्यूनिटी पर असर पड़ता है. लंबे समय में मोटापा, एलर्जी और मेटाबॉलिक बदलाव हो सकते हैं.
स्टेरॉयड
स्टेरॉयड शरीर में कैल्शियम और विटामिन D को प्रभावित करते हैं जिससे हड्डियां कमजोर होती हैं. साथ ही मैग्नीशियम और पोटैशियम भी कम हो जाते हैं जिससे थकान और मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है.
इसे भी पढ़ें- पेट की ऐसे करें मसाज, खत्म हो जाएगा सालों से परेशान कर रहा कब्ज! अमेरिका के डॉक्टर ने भी माना लोहा
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
What's Your Reaction?






