कितनी शराब पीने पर खराब हो जाता है दिमाग, कितने वक्त में होती है दिक्कत?

अक्सर लोग मानते हैं कि शराब की थोड़ी मात्रा नुकसान नहीं करती. कुछ लोग तो यह भी सोचते हैं कि यह रिलैक्स करने का सबसे आसान तरीका है. हालांकि, मेडिकल रिसर्च लगातार यह साबित कर रही है कि शराब की कम मात्रा भी लंबे समय में दिमाग को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है. दिमाग पर शराब का असर कैसे होता है? शराब हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम को सीधे प्रभावित करती है. यह न्यूरोट्रांसमीटर के कामकाज में बदलाव करती है, जिससे मूड और बिहेवियर पर असर पड़ता है. शुरुआत में रिलैक्स महसूस होता है, लेकिन धीरे-धीरे यह ब्रेन सेल्स को डैमेज करना शुरू कर देती है. मानसिक क्षमता पर असर (Cognitive Decline) रिसर्च बताती है कि मॉडरेट ड्रिंकिंग भी वर्बल फ्लुएंसी और मेमोरी जैसी स्किल्स को कमजोर करती है. जितनी ज्यादा शराब पी जाती है, मानसिक क्षमताओं पर असर उतना ही अधिक होता है. इसका मतलब है कि जो लोग सोचते हैं कि “थोड़ी-सी शराब हानिरहित है”, वे भी रिस्क में हैं. डिमेंशिया का बढ़ता खतरा लंबे समय तक ज्यादा शराब पीने से Alcohol-Related Brain Damage (ARBD) हो सकता है, जो डिमेंशिया का खतरा कई गुना बढ़ा देता है. दिमाग का हिप्पोकैम्पस, जो मेमोरी और स्पैटियल अवेयरनेस के लिए जिम्मेदार है, शराब से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है. इसका नतीजा है याददाश्त में कमी और कन्फ्यूजन. दिमाग के अलग-अलग हिस्सों को नुकसान शराब का असर सिर्फ एक जगह नहीं रुकता. यह कई ब्रेन रीजन को डैमेज कर सकती है: फ्रंटल लोब: डिसीजन मेकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग में दिक्कत लिंबिक सिस्टम: इमोशन्स और मूड पर नकारात्मक प्रभाव सेरिबेलम: बैलेंस और कोऑर्डिनेशन की क्षमता कमजोर  किशोरावस्था में सबसे ज्यादा खतरा टीनएजर्स और युवाओं का ब्रेन अभी डेवलपमेंट स्टेज में होता है. ऐसे में शराब का असर और भी गंभीर होता है. रिसर्च के मुताबिक, इस उम्र में मॉडरेट ड्रिंकिंग भी सीखने, याद रखने और इमोशनल कंट्रोल पर स्थायी नुकसान कर सकती है. रिसर्च क्या कहती है? 2022 में Nature Communications में पब्लिश हुई University of Pennsylvania की स्टडी में पाया गया कि रोज़ाना 1-2 ड्रिंक भी ब्रेन वॉल्यूम घटा सकती है. जितनी ज्यादा ड्रिंक, उतना ज्यादा नुकसान. स्टडी के अनुसार: 1 ड्रिंक रोज: दिमाग 6 महीने ज्यादा बूढ़ा 2 ड्रिंक रोज: दिमाग 2 साल ज्यादा बूढ़ा अगर सरल शब्दों में कहें तो थोड़ी-सी शराब भी सेहत के लिए सुरक्षित नहीं है. समय के साथ यह दिमाग की क्षमताओं को कम कर सकती है, डिमेंशिया का खतरा बढ़ा सकती है और सोचने-समझने की शक्ति पर बुरा असर डाल सकती है. अगर आप अपने दिमाग को हेल्दी रखना चाहते हैं तो शराब से दूरी बनाना ही सबसे बेहतर विकल्प है. इसे भी पढ़ें: न लिवर रहेगा फैटी और बॉडी भी होगी डिटॉक्स, बस रुटीन में लानी होंगी डॉक्टर की बताईं ये 3 आदतें Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Jul 29, 2025 - 20:30
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कितनी शराब पीने पर खराब हो जाता है दिमाग, कितने वक्त में होती है दिक्कत?

अक्सर लोग मानते हैं कि शराब की थोड़ी मात्रा नुकसान नहीं करती. कुछ लोग तो यह भी सोचते हैं कि यह रिलैक्स करने का सबसे आसान तरीका है. हालांकि, मेडिकल रिसर्च लगातार यह साबित कर रही है कि शराब की कम मात्रा भी लंबे समय में दिमाग को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है.

दिमाग पर शराब का असर कैसे होता है?

शराब हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम को सीधे प्रभावित करती है. यह न्यूरोट्रांसमीटर के कामकाज में बदलाव करती है, जिससे मूड और बिहेवियर पर असर पड़ता है. शुरुआत में रिलैक्स महसूस होता है, लेकिन धीरे-धीरे यह ब्रेन सेल्स को डैमेज करना शुरू कर देती है.

मानसिक क्षमता पर असर (Cognitive Decline)

रिसर्च बताती है कि मॉडरेट ड्रिंकिंग भी वर्बल फ्लुएंसी और मेमोरी जैसी स्किल्स को कमजोर करती है. जितनी ज्यादा शराब पी जाती है, मानसिक क्षमताओं पर असर उतना ही अधिक होता है. इसका मतलब है कि जो लोग सोचते हैं कि “थोड़ी-सी शराब हानिरहित है”, वे भी रिस्क में हैं.

डिमेंशिया का बढ़ता खतरा

लंबे समय तक ज्यादा शराब पीने से Alcohol-Related Brain Damage (ARBD) हो सकता है, जो डिमेंशिया का खतरा कई गुना बढ़ा देता है. दिमाग का हिप्पोकैम्पस, जो मेमोरी और स्पैटियल अवेयरनेस के लिए जिम्मेदार है, शराब से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है. इसका नतीजा है याददाश्त में कमी और कन्फ्यूजन.

दिमाग के अलग-अलग हिस्सों को नुकसान

शराब का असर सिर्फ एक जगह नहीं रुकता. यह कई ब्रेन रीजन को डैमेज कर सकती है:

  • फ्रंटल लोब: डिसीजन मेकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग में दिक्कत
  • लिंबिक सिस्टम: इमोशन्स और मूड पर नकारात्मक प्रभाव
  • सेरिबेलम: बैलेंस और कोऑर्डिनेशन की क्षमता कमजोर

 किशोरावस्था में सबसे ज्यादा खतरा

टीनएजर्स और युवाओं का ब्रेन अभी डेवलपमेंट स्टेज में होता है. ऐसे में शराब का असर और भी गंभीर होता है. रिसर्च के मुताबिक, इस उम्र में मॉडरेट ड्रिंकिंग भी सीखने, याद रखने और इमोशनल कंट्रोल पर स्थायी नुकसान कर सकती है.

रिसर्च क्या कहती है?

2022 में Nature Communications में पब्लिश हुई University of Pennsylvania की स्टडी में पाया गया कि रोज़ाना 1-2 ड्रिंक भी ब्रेन वॉल्यूम घटा सकती है. जितनी ज्यादा ड्रिंक, उतना ज्यादा नुकसान. स्टडी के अनुसार:

  • 1 ड्रिंक रोज: दिमाग 6 महीने ज्यादा बूढ़ा
  • 2 ड्रिंक रोज: दिमाग 2 साल ज्यादा बूढ़ा

अगर सरल शब्दों में कहें तो थोड़ी-सी शराब भी सेहत के लिए सुरक्षित नहीं है. समय के साथ यह दिमाग की क्षमताओं को कम कर सकती है, डिमेंशिया का खतरा बढ़ा सकती है और सोचने-समझने की शक्ति पर बुरा असर डाल सकती है. अगर आप अपने दिमाग को हेल्दी रखना चाहते हैं तो शराब से दूरी बनाना ही सबसे बेहतर विकल्प है.

इसे भी पढ़ें: न लिवर रहेगा फैटी और बॉडी भी होगी डिटॉक्स, बस रुटीन में लानी होंगी डॉक्टर की बताईं ये 3 आदतें

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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