कश्मीर में स्लीपर सेल मॉड्यूल का भंडाफोड़, 20 जगहों पर की गई छापेमारी
जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने रविवार (11 मई, 2025) को दक्षिण कश्मीर के चार जिलों अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां और पुलवामा में 20 स्थानों पर छापेमारी के बाद स्लीपर सेल मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने का दावा किया. दक्षिण कश्मीर में काम कर रहे आतंकी सहयोगियों और ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) पर कई सप्ताह तक सावधानीपूर्वक निगरानी रखने के बाद यह कार्रवाई की गई. एसआईए के अधिकारियों के अनुसार तकनीकी खुफिया जानकारी से संकेत मिला था कि कश्मीर में कई स्लीपर सेल पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के सीधे संपर्क में थे. स्लीपर सेल व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल आदि मैसेजिंग ऐप के जरिए सुरक्षा बलों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के बारे में संवेदनशील और रणनीतिक जानकारी पहुंचाने में शामिल थे. संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया ये आतंकी सहयोगी लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी कमांडरों के इशारे पर ऑनलाइन कट्टरपंथी प्रचार में भी शामिल थे, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता को प्रभावित कर रहे थे. राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने रविवार को पी/एस सीआई/एसआईए कश्मीर के मामले एफआईआर संख्या 01/2025 यू/एस 13, 17, 18, 18-बी, 38, 39 यूए(पी) अधिनियम की जांच के संबंध में दक्षिण कश्मीर के सभी जिलों में लगभग 20 स्थानों पर तलाशी ली. छापेमारी के दौरान पर्याप्त मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई है और संदिग्धों को आगे की पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. प्रारंभिक जांच से स्पष्ट रूप से पता चला है कि ये संस्थाएं आतंकवादी साजिश में सक्रिय रूप से शामिल हैं. भारत विरोधी बयानों का प्रचार और प्रसार कर रही हैं, जिसका उद्देश्य न केवल भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देना है, बल्कि असंतोष, सार्वजनिक अव्यवस्था और सांप्रदायिक घृणा को भड़काना भी है. बयान में कहा गया है कि वह किसी भी तरह की अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों या समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रखेगा. ये भी पढ़ें: 'रावलपिंडी तक भारतीय सेना की धमक, पाकिस्तान में घुसकर मारा', ऑपरेशन सिंदूर पर बोले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने रविवार (11 मई, 2025) को दक्षिण कश्मीर के चार जिलों अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां और पुलवामा में 20 स्थानों पर छापेमारी के बाद स्लीपर सेल मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने का दावा किया. दक्षिण कश्मीर में काम कर रहे आतंकी सहयोगियों और ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) पर कई सप्ताह तक सावधानीपूर्वक निगरानी रखने के बाद यह कार्रवाई की गई.
एसआईए के अधिकारियों के अनुसार तकनीकी खुफिया जानकारी से संकेत मिला था कि कश्मीर में कई स्लीपर सेल पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के सीधे संपर्क में थे. स्लीपर सेल व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल आदि मैसेजिंग ऐप के जरिए सुरक्षा बलों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के बारे में संवेदनशील और रणनीतिक जानकारी पहुंचाने में शामिल थे.
संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया
ये आतंकी सहयोगी लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी कमांडरों के इशारे पर ऑनलाइन कट्टरपंथी प्रचार में भी शामिल थे, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता को प्रभावित कर रहे थे. राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने रविवार को पी/एस सीआई/एसआईए कश्मीर के मामले एफआईआर संख्या 01/2025 यू/एस 13, 17, 18, 18-बी, 38, 39 यूए(पी) अधिनियम की जांच के संबंध में दक्षिण कश्मीर के सभी जिलों में लगभग 20 स्थानों पर तलाशी ली. छापेमारी के दौरान पर्याप्त मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई है और संदिग्धों को आगे की पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.
प्रारंभिक जांच से स्पष्ट रूप से पता चला है कि ये संस्थाएं आतंकवादी साजिश में सक्रिय रूप से शामिल हैं. भारत विरोधी बयानों का प्रचार और प्रसार कर रही हैं, जिसका उद्देश्य न केवल भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देना है, बल्कि असंतोष, सार्वजनिक अव्यवस्था और सांप्रदायिक घृणा को भड़काना भी है. बयान में कहा गया है कि वह किसी भी तरह की अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों या समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रखेगा.
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