ऑपरेशन सिंदूर: 'यह स्ट्राइक आतंकियों के जेहन में गूंजती रहेगी', हमले के बाद बोले विनय नरवाल के पिता
Operation Sindoor Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की है. भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. इस एयर स्ट्राइक को 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम दिया गया है. देर रात हुए हमले के बाद भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी जानकारी साझा की. वहीं पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले भारतीय नौसेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिजनों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर खुशी जाहिर की है. मुझे भारत सरकार पर भरोसा है- राजेश नरवाल मीडिया से बात करते हुए विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने कहा कि जब ये आतंकी घटना हुई, तब मीडिया ने मुझसे पूछा था कि आप सरकार से क्या चाहते हैं? मेरा एक सटीक जवाब था कि मुझे भारत सरकार पर भरोसा है और वो अपना काम कर रही है, मेरा जवाब यही था. भारत सरकार ने आज वो काम करके दिखाया. जिन्होंने पहलगाम आतंकी में अपने प्रियजनों को खोया है, वो वापस नहीं आ सकते है परंतु मैंने कहा था कि ऐसा कुछ हो कि इस तरह की कायराना हरकत करने की दोबारा करने की कोशिश न करें. इसके लिए भारत सरकार ने जो यह कदम बिल्कुल उठाया है, उनके 9 ठिकानों पर कड़ा प्रहार किया है. यह स्ट्राइक आतंकियों के जेहन में गूंजती रहेगी और वे दोबारा पहलगाम जैसी कायराना हरकत करने से पहले 100 बार सोचेंगे. पीएम मोदी ने बदला लिया है और मैं उनके साथ हूं- आशा पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए विनय नरवाल की मां आशा ने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा, " ये बहुत ही अच्छी बात है कि जो पीएम मोदी ने बदला लिया है और मैं उनके साथ हूं, जनता और हमारा पूरा परिवार उनके साथ है. मैं सेना के जवानों को संदेश देना चाहती हूं कि वो आगे बढ़ते रहें और ऐसे ही बदला लेते रहें कि ऐसी घटना दोबारा न घटे और उनके ऐसे ही मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए." इस पूरे ऑपरेशन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नजर बनाए हुए हैं. हमले के लिए जिम्मेदार समूहों से जुड़े आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाकर यह ऑपरेशन सटीकता के साथ किया गया. भारत सरकार ने पुष्टि की है कि सभी 9 ठिकानों पर सफलतापूर्वक हमला किया गया, जिससे पाकिस्तान में कोई भी नागरिक या सैन्य ढांचा प्रभावित नहीं हुआ. यह हमला 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत की कार्रवाई का हिस्सा था, जिसमें जम्मू-कश्मीर में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी. यह भी पढ़ें- Operation Sindoor: पाकिस्‍तान-PoK में 9 जगहों पर हाफिज सईद और मसूद अजहर के आतंकी अड्डे ध्‍वस्‍त करने के बाद क्‍या बोले पीएम मोदी

Operation Sindoor Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की है. भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. इस एयर स्ट्राइक को 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम दिया गया है. देर रात हुए हमले के बाद भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी जानकारी साझा की. वहीं पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले भारतीय नौसेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिजनों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर खुशी जाहिर की है.
मुझे भारत सरकार पर भरोसा है- राजेश नरवाल
मीडिया से बात करते हुए विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने कहा कि जब ये आतंकी घटना हुई, तब मीडिया ने मुझसे पूछा था कि आप सरकार से क्या चाहते हैं? मेरा एक सटीक जवाब था कि मुझे भारत सरकार पर भरोसा है और वो अपना काम कर रही है, मेरा जवाब यही था. भारत सरकार ने आज वो काम करके दिखाया. जिन्होंने पहलगाम आतंकी में अपने प्रियजनों को खोया है, वो वापस नहीं आ सकते है परंतु मैंने कहा था कि ऐसा कुछ हो कि इस तरह की कायराना हरकत करने की दोबारा करने की कोशिश न करें. इसके लिए भारत सरकार ने जो यह कदम बिल्कुल उठाया है, उनके 9 ठिकानों पर कड़ा प्रहार किया है. यह स्ट्राइक आतंकियों के जेहन में गूंजती रहेगी और वे दोबारा पहलगाम जैसी कायराना हरकत करने से पहले 100 बार सोचेंगे.
पीएम मोदी ने बदला लिया है और मैं उनके साथ हूं- आशा
पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए विनय नरवाल की मां आशा ने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा, " ये बहुत ही अच्छी बात है कि जो पीएम मोदी ने बदला लिया है और मैं उनके साथ हूं, जनता और हमारा पूरा परिवार उनके साथ है. मैं सेना के जवानों को संदेश देना चाहती हूं कि वो आगे बढ़ते रहें और ऐसे ही बदला लेते रहें कि ऐसी घटना दोबारा न घटे और उनके ऐसे ही मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए."
इस पूरे ऑपरेशन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नजर बनाए हुए हैं. हमले के लिए जिम्मेदार समूहों से जुड़े आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाकर यह ऑपरेशन सटीकता के साथ किया गया. भारत सरकार ने पुष्टि की है कि सभी 9 ठिकानों पर सफलतापूर्वक हमला किया गया, जिससे पाकिस्तान में कोई भी नागरिक या सैन्य ढांचा प्रभावित नहीं हुआ. यह हमला 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत की कार्रवाई का हिस्सा था, जिसमें जम्मू-कश्मीर में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी.
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