पहलगाम में माताओं-बहनों का सिंदूर उजाड़ने वालों को भारतीय सेना ने किया स्वाहा, कर लें गिनती

Indian Army Operation Sindoor: 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में माताओं-बहनों के सिंदूर को उजाड़ने वालों को भारतीय सेना ने मिसाइल अटैक में स्वाहा कर दिया है. ऑपरेशन सिंदूर के तहत सेना ने पाकिस्तान और पीओके के भीतर घुसकर लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी अड्डों को मिट्टी में मिला दिया. इस हमले में मोस्ट वॉन्टेड आतंकी मसूद अजहर के परिवार समेत कई आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया. मुजफ्फराबाद, कोटली, बहावलपुर, रावलकोट, चकस्वारी, भीमबेर, नीलम घाटी, झेलम और चकवाल ये वो ठिकाने थे जहां पर भारतीय सेना ने आतंकियों को निशाना बनाया. कितने आतंकी मारे गए? हवाई हमलों में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के संस्थापक मसूद अजहर के दस परिवार के सदस्य और 4 करीबी मारे गए. हमले में मारे गए लोगों में उसकी बहन, बहनोई और भतीजे सहित परिवार के अन्य सदस्य शामिल हैं. आतंकी अजहर ने एक बयान में कहा, "आज रात मेरे परिवार के 10 सदस्यों को एक साथ यह सौभाग्य प्राप्त हुआ. पांच मासूम बच्चे जन्नतुल फिरदौस के फूल बन गए. मेरी जान से भी प्यारी मेरी बड़ी बहन साहिबा, उनके पति...मेरे भतीजे अलीम फाजिल और उनकी पत्नी और मेरी प्यारी भतीजी आलम फाजिला...हमारे भतीजे और उनकी पत्नी अल्लाह को प्यारे हो गए हैं." बयान में कहा गया है, "मोदी ने मासूम बच्चों, बुर्काधारी महिलाओं और बुजुर्गों को निशाना बनाया. दुख और सदमा इतना बड़ा है कि बर्दाश्त से बाहर है लेकिन कोई अफसोस नहीं, कोई निराशा नहीं और कोई डर नहीं. बार-बार मन में आता है कि मुझे भी इन 14 लोगों में शामिल होना चाहिए था, लेकिन अल्लाह से मिलने का समय तय है, यह पहले या बाद में नहीं हो सकता.” मसूद अजहर ने आगे कहा, “हमारे घर में कुल चार बच्चे थे, जिनकी उम्र 7 साल से 3 साल के बीच थी. वे चारों एक साथ जन्नत गए. कुरान में कहा गया है कि शहादत उन्हीं को दी जाती है, जिनसे अल्लाह प्यार करता है. उनके जाने का यही समय तय था, लेकिन अल्लाह ने उन्हें जिंदगी दी है, मौत नहीं. अब मोदी के इस जुल्म ने सारे रास्ते तोड़ दिए हैं, अब किसी को भी वहां नरमी की उम्मीद नहीं करनी चाहिए." मुजफ्फराबाद के सवाई नाले के पास जामिया मस्जिद बिलाल पर हमले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी वकास और हसन का भी सफाया हो गया है. इसके अलावा, मुरीदके में मरकज तैयबा पर हुए हमले में लश्कर-ए-तैयबा के एचवीटी (हाई वैल्यू टेररिस्ट) अब्दुल मलिक और मुदस्सिर मारे गए. ये भी पढ़ें: Operation Sindoor: पाकिस्तानी सेना का कबूलनामा, रोते हुए बताया ऑपरेशन सिंदूर से आतंकिस्तान में कितनी मची तबाही

May 7, 2025 - 14:30
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पहलगाम में माताओं-बहनों का सिंदूर उजाड़ने वालों को भारतीय सेना ने किया स्वाहा, कर लें गिनती

Indian Army Operation Sindoor: 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में माताओं-बहनों के सिंदूर को उजाड़ने वालों को भारतीय सेना ने मिसाइल अटैक में स्वाहा कर दिया है. ऑपरेशन सिंदूर के तहत सेना ने पाकिस्तान और पीओके के भीतर घुसकर लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी अड्डों को मिट्टी में मिला दिया. इस हमले में मोस्ट वॉन्टेड आतंकी मसूद अजहर के परिवार समेत कई आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया.

मुजफ्फराबाद, कोटली, बहावलपुर, रावलकोट, चकस्वारी, भीमबेर, नीलम घाटी, झेलम और चकवाल ये वो ठिकाने थे जहां पर भारतीय सेना ने आतंकियों को निशाना बनाया.

कितने आतंकी मारे गए?

हवाई हमलों में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के संस्थापक मसूद अजहर के दस परिवार के सदस्य और 4 करीबी मारे गए. हमले में मारे गए लोगों में उसकी बहन, बहनोई और भतीजे सहित परिवार के अन्य सदस्य शामिल हैं.

आतंकी अजहर ने एक बयान में कहा, "आज रात मेरे परिवार के 10 सदस्यों को एक साथ यह सौभाग्य प्राप्त हुआ. पांच मासूम बच्चे जन्नतुल फिरदौस के फूल बन गए. मेरी जान से भी प्यारी मेरी बड़ी बहन साहिबा, उनके पति...मेरे भतीजे अलीम फाजिल और उनकी पत्नी और मेरी प्यारी भतीजी आलम फाजिला...हमारे भतीजे और उनकी पत्नी अल्लाह को प्यारे हो गए हैं."

बयान में कहा गया है, "मोदी ने मासूम बच्चों, बुर्काधारी महिलाओं और बुजुर्गों को निशाना बनाया. दुख और सदमा इतना बड़ा है कि बर्दाश्त से बाहर है लेकिन कोई अफसोस नहीं, कोई निराशा नहीं और कोई डर नहीं. बार-बार मन में आता है कि मुझे भी इन 14 लोगों में शामिल होना चाहिए था, लेकिन अल्लाह से मिलने का समय तय है, यह पहले या बाद में नहीं हो सकता.”

मसूद अजहर ने आगे कहा, “हमारे घर में कुल चार बच्चे थे, जिनकी उम्र 7 साल से 3 साल के बीच थी. वे चारों एक साथ जन्नत गए. कुरान में कहा गया है कि शहादत उन्हीं को दी जाती है, जिनसे अल्लाह प्यार करता है. उनके जाने का यही समय तय था, लेकिन अल्लाह ने उन्हें जिंदगी दी है, मौत नहीं. अब मोदी के इस जुल्म ने सारे रास्ते तोड़ दिए हैं, अब किसी को भी वहां नरमी की उम्मीद नहीं करनी चाहिए."

मुजफ्फराबाद के सवाई नाले के पास जामिया मस्जिद बिलाल पर हमले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी वकास और हसन का भी सफाया हो गया है.

इसके अलावा, मुरीदके में मरकज तैयबा पर हुए हमले में लश्कर-ए-तैयबा के एचवीटी (हाई वैल्यू टेररिस्ट) अब्दुल मलिक और मुदस्सिर मारे गए.

ये भी पढ़ें: Operation Sindoor: पाकिस्तानी सेना का कबूलनामा, रोते हुए बताया ऑपरेशन सिंदूर से आतंकिस्तान में कितनी मची तबाही

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