इस हार्मोन की कमी के चलते शारीरिक संबंध बनाने की नहीं होती इच्छा, ऐसे करें ठीक
पार्टनर से दूरी, रोमांस में चिड़चिड़ापन... यानी याैन संबंध की इच्छा में कमी. मैरिड लाइफ बोझ लगने लगती है. पति-पत्नी के बीच रिलेशन बिगड़ने लगते हैं. ऐसा कई वजह से हो सकता है, लेकिन इसके पीछे हार्मोनल चेजेंस भी प्रमुख कारण है. आखिर किस हार्मोन की वजह से शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा समाप्त होने लगती है? और किस तरह समस्या से बचा जा सकता है, आइए जानते हैं... काैन सा है वह हार्मोन? मेल हो या फीमेल, शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा और जरूरत दोनों को होती है. इसके लिए ह्यूमन बाॅडी में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन अहम भूमिका निभाता है. ये हार्मोन महिला-पुरुष दोनों में पाया जाता है. महिलाओं की तुलना में ये हार्मोन पुरुषों में कई गुना अधिक पाया जाता है. इसे सेक्‍स हार्मोन के तौर पर भी जाना जाता है. कैसे डालता है असर? टेस्टोस्टेरोन हार्मोन शरीर में याैन इच्छा को बढ़ाने में मददगार होता है. इसके साथ ही ये शरीर के कई अन्य कामों में भी असरदार है. ये स्पर्म बनाने, फर्टिलिटी क्षमता बढ़ाने और शरीर में हड्डियों के निर्माण में भी सहायक होता है. इस हार्मोन की कमी से शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा में कमी आती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार एक पुरुष के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का सामान्य स्तर 300 से 1000 नैनो ग्राम प्रति डेसीलीटर होता है. इस स्तर से नीचे का स्तर टेस्टोस्टेरोन लेवल की कमी को दर्शाता है. महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन के साथ एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन अहम होते हैं. इन हार्मोंस के असंतुलन से मेंस्ट्रुअल साइकिल, फर्टिलिटी और यौन इच्छा पर असर डलता है. आखिर क्यों कम हो जाता है टेस्टोस्टेरोन? बीमारी: अगर शरीर किसी बीमारी से जूझ रहा है तो इसका असर टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पर पड़ सकता है. शरीर में इसकी डेफिशिएंसी देखने को मिल सकती है. अनकंट्रोल वेट: शरीर में मोटापा कई बीमारियों की शुरुआती वजह बनता है. मोटापा लो टेस्टोस्टेरोन का एक महत्वपूर्ण कारण है. एज फैक्टर: बढ़ती उम्र के साथ शरीर में कई तरह के बदलाव होने शुरू हो जाते हैं. ऐसे में शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी भी होने लगती है. बिगड़ी लाइफस्टाइल: लाइफस्टाइल में बदलाव का असर शरीर में कई रोगों को जन्म देता है. ये शरीर में हार्मोनल चेजेंस की वजह बन जाता है. जिसका याैन संबंधों पर भी असर देखने को मिल सकता है. ऐसे बढ़ा सकते हैं टेस्टोस्टोरोन डाइट पर ध्यान दें: अंडे, ट्यूना, सैल्मन फिश, रेड मीट, ड्राई फ्रूट्स, हरी पत्तेदार सब्जियों को खाने में शामिल करें. रेगुलर एक्सरसाइज करें: वेट ट्रेनिंग और हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. पर्याप्त नींद लें: शरीर में टेस्टोस्टेरोन बनने के लिए प्राॅपर नींद की जरूरत होती है. डेली 7 से 9 घंटे की अच्छी नींद लें. स्ट्रेस कम लें: क्राॅनिक स्ट्रेस कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ाने का कार्य करता है. कोर्टिसोल हार्मोन के कारण टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होता है. ये भी पढ़ें: कितना खतरनाक होता है स्टेज 2 का लिवर कैंसर, इसमें जान बचने का चांस कितना? Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

पार्टनर से दूरी, रोमांस में चिड़चिड़ापन... यानी याैन संबंध की इच्छा में कमी. मैरिड लाइफ बोझ लगने लगती है. पति-पत्नी के बीच रिलेशन बिगड़ने लगते हैं. ऐसा कई वजह से हो सकता है, लेकिन इसके पीछे हार्मोनल चेजेंस भी प्रमुख कारण है. आखिर किस हार्मोन की वजह से शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा समाप्त होने लगती है? और किस तरह समस्या से बचा जा सकता है, आइए जानते हैं...
काैन सा है वह हार्मोन?
मेल हो या फीमेल, शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा और जरूरत दोनों को होती है. इसके लिए ह्यूमन बाॅडी में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन अहम भूमिका निभाता है. ये हार्मोन महिला-पुरुष दोनों में पाया जाता है. महिलाओं की तुलना में ये हार्मोन पुरुषों में कई गुना अधिक पाया जाता है. इसे सेक्स हार्मोन के तौर पर भी जाना जाता है.
कैसे डालता है असर?
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन शरीर में याैन इच्छा को बढ़ाने में मददगार होता है. इसके साथ ही ये शरीर के कई अन्य कामों में भी असरदार है. ये स्पर्म बनाने, फर्टिलिटी क्षमता बढ़ाने और शरीर में हड्डियों के निर्माण में भी सहायक होता है. इस हार्मोन की कमी से शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा में कमी आती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार एक पुरुष के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का सामान्य स्तर 300 से 1000 नैनो ग्राम प्रति डेसीलीटर होता है. इस स्तर से नीचे का स्तर टेस्टोस्टेरोन लेवल की कमी को दर्शाता है. महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन के साथ एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन अहम होते हैं. इन हार्मोंस के असंतुलन से मेंस्ट्रुअल साइकिल, फर्टिलिटी और यौन इच्छा पर असर डलता है.
आखिर क्यों कम हो जाता है टेस्टोस्टेरोन?
- बीमारी: अगर शरीर किसी बीमारी से जूझ रहा है तो इसका असर टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पर पड़ सकता है. शरीर में इसकी डेफिशिएंसी देखने को मिल सकती है.
- अनकंट्रोल वेट: शरीर में मोटापा कई बीमारियों की शुरुआती वजह बनता है. मोटापा लो टेस्टोस्टेरोन का एक महत्वपूर्ण कारण है.
- एज फैक्टर: बढ़ती उम्र के साथ शरीर में कई तरह के बदलाव होने शुरू हो जाते हैं. ऐसे में शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी भी होने लगती है.
- बिगड़ी लाइफस्टाइल: लाइफस्टाइल में बदलाव का असर शरीर में कई रोगों को जन्म देता है. ये शरीर में हार्मोनल चेजेंस की वजह बन जाता है. जिसका याैन संबंधों पर भी असर देखने को मिल सकता है.
ऐसे बढ़ा सकते हैं टेस्टोस्टोरोन
- डाइट पर ध्यान दें: अंडे, ट्यूना, सैल्मन फिश, रेड मीट, ड्राई फ्रूट्स, हरी पत्तेदार सब्जियों को खाने में शामिल करें.
- रेगुलर एक्सरसाइज करें: वेट ट्रेनिंग और हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं.
- पर्याप्त नींद लें: शरीर में टेस्टोस्टेरोन बनने के लिए प्राॅपर नींद की जरूरत होती है. डेली 7 से 9 घंटे की अच्छी नींद लें.
- स्ट्रेस कम लें: क्राॅनिक स्ट्रेस कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ाने का कार्य करता है. कोर्टिसोल हार्मोन के कारण टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होता है.
ये भी पढ़ें: कितना खतरनाक होता है स्टेज 2 का लिवर कैंसर, इसमें जान बचने का चांस कितना?
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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