आसिम मुनीर ने भारत को दी परमाणु हमले की धमकी तो आया असदुद्दीन ओवैसी का पहला रिएक्शन, बोले- 'अमेरिका की धरती से...'
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार (12 अगस्त, 2025) को पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष आसिम मुनीर की ओर से अमेरिका की धरती से भारत को दी गई परमाणु धमकी की निंदा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को इस पर राजनीतिक प्रतिक्रिया देनी चाहिए. हैदराबाद से लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “भारत अमेरिका का एक रणनीतिक साझेदार है और अमेरिकी धरती का यह दुरुपयोग भारत और भारतीयों दोनों को अस्वीकार्य है.” उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को अपना विरोध दर्ज कराना चाहिए और इस मुद्दे को अमेरिका के समक्ष मजबूती से उठाना चाहिए. भारतीय सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण की है जरूरत- ओवैसी ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पाकिस्तानी सेना प्रमुख की भारत के खिलाफ धमकियां और भाषा निंदनीय है. उन्होंने यह सब अमेरिका की धरती से किया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई है. इस पर मोदी सरकार की ओर से राजनीतिक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है, न कि केवल विदेश मंत्रालय के बयान की.’’ AIMIM प्रमुख ने कहा, “पाकिस्तान की सैन्य मंशा को जानते हुए भारत को अपने सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण करने की जरूरत है. मोदी सरकार की ओर से रक्षा के लिए कम बजटीय आवंटन अब और जारी नहीं रह सकता है. हमें बेहतर तैयारी करने की जरूरत है.” आसिम मुनीर की धमकी पर विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब विदेश मंत्रालय ने सोमवार (11 अगस्त, 2025) को कहा था कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर की भारत के खिलाफ नई परमाणु धमकी ने उस देश में परमाणु कमान और नियंत्रण की विश्वसनीयता को लेकर लंबे समय से चली आ रही आशंकाओं को और मजबूत किया है, जहां सेना की आतंकवादी संगठनों के साथ मिलीभगत है.” मंत्रालय ने कहा था, “भारत किसी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा.” वहीं, अमेरिकी धरती से मुनीर की ओर से की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत ने कहा, “परमाणु हथियारों की धमकी वाले बयान देना पाकिस्तान की आदत है.” साथ ही भारत ने इस बात पर भी जोर दिया कि नई दिल्ली अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाती रहेगी. विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट तौर पर वाशिंगटन को दिए गए संदेश में कहा कि यह भी खेदजनक है कि ये टिप्पणियां एक मित्रवत तीसरे देश की धरती से की गईं. यह भी पढ़ेंः पुरुषों के लिए 6 और महिलाओं के लिए सिर्फ 3 सीट... सेना की भर्ती पर भड़का सुप्रीम कोर्ट, बोला- लिंग के आधार पर सेलेक्शन नहीं...

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार (12 अगस्त, 2025) को पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष आसिम मुनीर की ओर से अमेरिका की धरती से भारत को दी गई परमाणु धमकी की निंदा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को इस पर राजनीतिक प्रतिक्रिया देनी चाहिए.
हैदराबाद से लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “भारत अमेरिका का एक रणनीतिक साझेदार है और अमेरिकी धरती का यह दुरुपयोग भारत और भारतीयों दोनों को अस्वीकार्य है.” उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को अपना विरोध दर्ज कराना चाहिए और इस मुद्दे को अमेरिका के समक्ष मजबूती से उठाना चाहिए.
भारतीय सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण की है जरूरत- ओवैसी
ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पाकिस्तानी सेना प्रमुख की भारत के खिलाफ धमकियां और भाषा निंदनीय है. उन्होंने यह सब अमेरिका की धरती से किया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई है. इस पर मोदी सरकार की ओर से राजनीतिक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है, न कि केवल विदेश मंत्रालय के बयान की.’’
AIMIM प्रमुख ने कहा, “पाकिस्तान की सैन्य मंशा को जानते हुए भारत को अपने सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण करने की जरूरत है. मोदी सरकार की ओर से रक्षा के लिए कम बजटीय आवंटन अब और जारी नहीं रह सकता है. हमें बेहतर तैयारी करने की जरूरत है.”
आसिम मुनीर की धमकी पर विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब
विदेश मंत्रालय ने सोमवार (11 अगस्त, 2025) को कहा था कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर की भारत के खिलाफ नई परमाणु धमकी ने उस देश में परमाणु कमान और नियंत्रण की विश्वसनीयता को लेकर लंबे समय से चली आ रही आशंकाओं को और मजबूत किया है, जहां सेना की आतंकवादी संगठनों के साथ मिलीभगत है.” मंत्रालय ने कहा था, “भारत किसी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा.”
वहीं, अमेरिकी धरती से मुनीर की ओर से की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत ने कहा, “परमाणु हथियारों की धमकी वाले बयान देना पाकिस्तान की आदत है.” साथ ही भारत ने इस बात पर भी जोर दिया कि नई दिल्ली अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाती रहेगी. विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट तौर पर वाशिंगटन को दिए गए संदेश में कहा कि यह भी खेदजनक है कि ये टिप्पणियां एक मित्रवत तीसरे देश की धरती से की गईं.
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