आपको भी बार-बार आती है हिचकी, जानें कब हो जाती है यह खतरनाक?
हिचकी सुनने में मामूली लगती है, लेकिन बार-बार या लंबे समय तक आने वाली हिचकी किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकती है. आमतौर पर यह कुछ सेकंड या मिनटों तक रहती है और खुद-ब-खुद खत्म हो जाती है. लेकिन अगर यह 48 घंटे से ज्यादा चले तो इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है. हिचकी होती क्यों है? रिसर्च के मुताबिक, हिचकी डायाफ्राम (Diaphragm) नाम की मांसपेशी के अचानक सिकुड़ने से होती है. डायाफ्राम फेफड़ों और पेट के बीच होता है और सांस लेने में मदद करता है. जब यह मांसपेशी अनियंत्रित तरीके से सिकुड़ती है, तो वोकल कॉर्ड बंद हो जाता है और “हिक” जैसी आवाज आती है. हिचकी आने के आम कारण बहुत जल्दी-जल्दी खाना या पीना कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और अल्कोहल मसालेदार खाना ज्यादा हंसना या च्यूइंग गम चबाना अचानक तापमान बदलना ये कारण सामान्य हिचकी के लिए जिम्मेदार होते हैं और इनसे डरने की जरूरत नहीं होती. डॉक्टर का क्या कहना है डॉ. विशाल खुराना, डायरेक्टर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, मेट्रो हॉस्पिटल फरीदाबाद ने बातचीत करते हुए कहा कि जब हिचकी बार-बार आती है या बहुत देर तक रुकती नहीं है, तो यह शरीर का सिग्नल हो सकता है. कई बार यह गैस या खाना निगलने से नहीं, बल्कि किसी अंदरूनी रोग या तंत्रिका तंत्र की गड़बड़ी का लक्षण भी हो सकती है. बार-बार हिचकी आना पेट या लिवर की खराबी, डायाफ्राम में जलन, या ब्रेन-नर्व संबंधी समस्या की शुरुआत हो सकती है. कब हो सकती है हिचकी खतरनाक? अगर हिचकी लगातार 48 घंटे से ज्यादा आती है, तो इसे Persistent Hiccups कहा जाता है. और अगर यह एक महीने से भी ज्यादा चले, तो इसे Intractable Hiccups कहते हैं. यह आपकी नींद, खाना और रोजमर्रा की जिंदगी को बिगाड़ सकती है. लंबे समय तक हिचकी आने के संभावित गंभीर कारण नर्व की समस्या: वैगस या फ्रेनिक नर्व में चोट या सूजन दिमाग से जुड़ी बीमारी: स्ट्रोक, मस्तिष्क का ट्यूमर, मेनिंजाइटिस पाचन तंत्र की गड़बड़ी: एसिड रिफ्लक्स (GERD), अल्सर, पैंक्रियाटाइटिस लिवर की खराबी फेफड़े और दिल के रोग: न्यूमोनिया, पेरिकार्डाइटिस कुछ दवाओं का असर: स्टेरॉइड, एनेस्थीसिया, कैंसर ट्रीटमेंट मानसिक कारण: स्ट्रेस और एंग्जायटी कब जाएं डॉक्टर के पास? हिचकी 48 घंटे से ज्यादा चले इसके साथ नींद न आना, खाना निगलने में दिक्कत, सांस लेने में परेशानी या वजन कम होना सीने में दर्द, तेज बुखार या लगातार थकान डॉक्टर कारण पता करने के लिए ब्लड टेस्ट, एक्स-रे, MRI या एंडोस्कोपी जैसी जांच कर सकते हैं. बचाव और राहत के तरीके ठंडा पानी धीरे-धीरे पिएं गहरी सांस लेकर कुछ सेकंड रोकें नींबू का छोटा टुकड़ा चूसें अचानक डराने जैसी ट्रिक (कुछ मामलों में काम आती है) हिचकी छोटी-सी समस्या जरूर है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक बनी रहे, तो यह किसी बड़ी बीमारी का संकेत हो सकती है. समय पर डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है. इसे भी पढ़ें- सिर्फ कैंसर ही नहीं सिगरेट पीने से हो सकती है रीढ़ की हड्डी से जुड़ी ये बीमारी, चौंका देगी रिसर्च Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

हिचकी सुनने में मामूली लगती है, लेकिन बार-बार या लंबे समय तक आने वाली हिचकी किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकती है. आमतौर पर यह कुछ सेकंड या मिनटों तक रहती है और खुद-ब-खुद खत्म हो जाती है. लेकिन अगर यह 48 घंटे से ज्यादा चले तो इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है.
हिचकी होती क्यों है?
रिसर्च के मुताबिक, हिचकी डायाफ्राम (Diaphragm) नाम की मांसपेशी के अचानक सिकुड़ने से होती है. डायाफ्राम फेफड़ों और पेट के बीच होता है और सांस लेने में मदद करता है. जब यह मांसपेशी अनियंत्रित तरीके से सिकुड़ती है, तो वोकल कॉर्ड बंद हो जाता है और “हिक” जैसी आवाज आती है.
हिचकी आने के आम कारण
- बहुत जल्दी-जल्दी खाना या पीना
- कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और अल्कोहल
- मसालेदार खाना
- ज्यादा हंसना या च्यूइंग गम चबाना
- अचानक तापमान बदलना
- ये कारण सामान्य हिचकी के लिए जिम्मेदार होते हैं और इनसे डरने की जरूरत नहीं होती.
डॉक्टर का क्या कहना है
डॉ. विशाल खुराना, डायरेक्टर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, मेट्रो हॉस्पिटल फरीदाबाद ने बातचीत करते हुए कहा कि जब हिचकी बार-बार आती है या बहुत देर तक रुकती नहीं है, तो यह शरीर का सिग्नल हो सकता है. कई बार यह गैस या खाना निगलने से नहीं, बल्कि किसी अंदरूनी रोग या तंत्रिका तंत्र की गड़बड़ी का लक्षण भी हो सकती है. बार-बार हिचकी आना पेट या लिवर की खराबी, डायाफ्राम में जलन, या ब्रेन-नर्व संबंधी समस्या की शुरुआत हो सकती है.
कब हो सकती है हिचकी खतरनाक?
अगर हिचकी लगातार 48 घंटे से ज्यादा आती है, तो इसे Persistent Hiccups कहा जाता है. और अगर यह एक महीने से भी ज्यादा चले, तो इसे Intractable Hiccups कहते हैं. यह आपकी नींद, खाना और रोजमर्रा की जिंदगी को बिगाड़ सकती है.
लंबे समय तक हिचकी आने के संभावित गंभीर कारण
- नर्व की समस्या: वैगस या फ्रेनिक नर्व में चोट या सूजन
- दिमाग से जुड़ी बीमारी: स्ट्रोक, मस्तिष्क का ट्यूमर, मेनिंजाइटिस
- पाचन तंत्र की गड़बड़ी: एसिड रिफ्लक्स (GERD), अल्सर, पैंक्रियाटाइटिस
- लिवर की खराबी
- फेफड़े और दिल के रोग: न्यूमोनिया, पेरिकार्डाइटिस
- कुछ दवाओं का असर: स्टेरॉइड, एनेस्थीसिया, कैंसर ट्रीटमेंट
- मानसिक कारण: स्ट्रेस और एंग्जायटी
कब जाएं डॉक्टर के पास?
- हिचकी 48 घंटे से ज्यादा चले
- इसके साथ नींद न आना, खाना निगलने में दिक्कत, सांस लेने में परेशानी या वजन कम होना
- सीने में दर्द, तेज बुखार या लगातार थकान
- डॉक्टर कारण पता करने के लिए ब्लड टेस्ट, एक्स-रे, MRI या एंडोस्कोपी जैसी जांच कर सकते हैं.
बचाव और राहत के तरीके
- ठंडा पानी धीरे-धीरे पिएं
- गहरी सांस लेकर कुछ सेकंड रोकें
- नींबू का छोटा टुकड़ा चूसें
- अचानक डराने जैसी ट्रिक (कुछ मामलों में काम आती है)
हिचकी छोटी-सी समस्या जरूर है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक बनी रहे, तो यह किसी बड़ी बीमारी का संकेत हो सकती है. समय पर डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है.
इसे भी पढ़ें- सिर्फ कैंसर ही नहीं सिगरेट पीने से हो सकती है रीढ़ की हड्डी से जुड़ी ये बीमारी, चौंका देगी रिसर्च
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
What's Your Reaction?






